जाखणीधार ब्लॉक में शाला सिद्धि बाह्य मूल्यांकन हुआ आरम्भ। राज्य में बाह्य मूल्यांकन शुरू करने वाला जाखणीधार बना पहला विकासखंड.

शाला सिद्धि कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद टिहरी गढ़वाल के जाखणीधार ब्लॉक में विद्यालयों के स्वमूल्यांकन के साथ बाह्यमूल्यांकन का कार्य भी शुरू हो गया है। इसके साथ ही वर्ष 2019-20 के लिए स्कूलों का बाह्य मूल्यांकन शुरू करने वाला जाखणीधार राज्य का पहला विकासखण्ड बन गया है। ब्लॉक स्तरीय बाह्य मूल्यांकन टीम ने अभी तक 5 विद्यालयों का बाह्य मूल्यांकन सम्पन्न कर दिया है। कार्यक्रम के तहत स्वमूल्यांकन की प्रक्रिया सम्पन्न कर चुके 33 फीसदी विद्यालयों का अनिवार्य रूप से बाह्य मूल्यांकन किया जाना है।
      देशभर में प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों तक शैक्षणिक उन्नयन के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा शाला सिद्धि कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यालयों के सुधार और संवर्धन के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। इसके लिए शाला सिद्धि कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यालयों का स्व मूल्यांकन और बाह्य मूल्यांकन किया जाता है, और विद्यालयों की कमजोर पहलुओं के लिए ठोस कार्य नीति तैयार करते हुए सुधार के प्रयास किए जाते हैं। इस कार्यक्रम के अंतर्गत शाला सिद्धि पोर्टल पर विद्यालय से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर आधारित सूचनाओं को अपलोड किया जाता है और इस प्रकार स्व मूल्यांकन की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद करीब 35% विद्यालयों का बाह्य मूल्यांकन किया जाता है। टिहरी के मुख्य शिक्षा अधिकारी एसपी सेमवाल ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों और उप शिक्षा अधिकारियों को स्वमूल्यांकन और बाह्य मूल्यांकन समयान्तर्गत संपन्न करने के निर्देश दिए हैं.
         उत्तराखंड में समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत इन दिनों राज्य भर के प्राथमिक से लेकर इंटर कॉलेजों तक शाला सिद्धि कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यालय स्तर पर स्व मूल्यांकन का कार्य किया जा रहा है राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा निर्गत आदेशों के अनुसार सभी जनपदों में स्व मूल्यांकन संपन्न होने पर 33% विद्यालयों का बाह्य मूल्यांकन किया जाना है। इसी क्रम में जनपद टिहरी गढ़वाल के विकासखंड जाखणीधार में बाह्य मूल्यांकन का कार्य आरंभ किया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी धनवीर सिंह के निर्देशों पर मूल्यांकन हेतु टीमों का गठन किया गया है। बाह्य मूल्यांकन दल में शामिल दिनेश प्रसाद डंगवाल, सुशील डोभाल और चंदन सिंह असवाल ने पाँच विद्यालयों का बाह्य मूल्यांकन सम्पन्न किया। जिसमें राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार, प्राथमिक विद्यालय कोटी खास, नीलकण्ठ पब्लिक स्कूल, शिशु मंदिर जाखणीधार तथा उच्च प्राथमिक विद्यालय चौरियाधार शामिल हैं।
     शाला सिद्धि कार्यक्रम में बतौर संयोजक और राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार के प्रवक्ता सुशील डोभाल ने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य, जनपद और विकासखंड स्तर पर बाह्य मूल्यांकन दल बनाए जाने हैं और इन्हें राज्य, जिले अथवा ब्लॉक के शाला सिद्धि डेशबोर्ड से पोर्टल पर सूचनाएं अपलोड करने के लिए यूजर के रूप में पंजीकृत करने के बाद यूजर बनाया जाना है. यूजर द्वारा ही मूल्यांकन दल के प्रभारी के रूप मे मूल्यांकित  सूचनाएं पोर्टल पर अपलोड की  जाएंगी।
शाला सिद्धि में बाह्य मूल्यांकन की प्रक्रिया : 
• इस कार्यक्रम में बाह्य मूल्यांकन को शामिल करने का मुख्य उद्देश्य निर्धारित टूल्स के माध्यम से विद्यालय द्वारा किए गए स्व-मूल्यांकन का आकलन कर उसका सत्यापन करना, विद्यालय उन्नयन की कार्य-योजना तैयार करने में मार्गदर्शन देना और बाद में विभागीय अधिकारियों द्वारा विद्यालय का नियमित फालोअप कर इसकी समग्र गुणवत्ता को सुनिश्चित करना है।
• बाह्य मूल्यांकन की वर्तमान प्रक्रिया को इस प्रकार से बनाया गया है कि यह वस्तुनिष्ठ रूप से अलग-अलग स्रोतों से साक्ष्य एकत्रित करती है, साक्ष्यों के आधार पर प्रत्येक आयाम को एक समग्र गुणांक देती है, विद्यालय की सामान्य समस्याओं की पहचान करती है एवं  इन समस्याओं के समाधान के लिए उन्नयन की कार्य-योजना बनाने के लिए सहायता करती है।
बाह्य मूल्यांकन के उद्देश्य -
◆ शाला द्वारा किए गए स्व-मूल्यांकन को पुष्ट करना
◆ शाला को शाला उन्नयन योजना बनाने में मार्गदर्शन देना
◆ शाला उन्नयन कार्य-योजना के क्रियान्वयन की सतत निगरानी करना ।

बाह्य मूल्यांकन की प्रक्रिया :
बाह्य मूल्यांकन विभिन्न 9 टूल्स पर आधारित है जो विद्यालयी जीवन से संबंधित सभी पहलुओं को विभिन्न दृष्टिकोण के साथ परखता है। स्व मूल्यांकन पूर्ण होने के पश्चात शाला का बाह्य मूल्यांकन किया जाएगा। शाला का बाह्य मूल्यांकन दो मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा किया जाना है। बाह्य-मूल्यांकनकर्ताओं के चयन के संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा पृथक से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यह जानकारी आपको "हिमवंत" के माध्यम से सुशील डोभाल , प्रवक्ता अर्थशास्त्र  उपलव्ध करवा रहे हैं।

विद्यालय उन्नयन की कार्य-योजना :
● सबसे पहले स्व-मूल्यांकन की प्रक्रिया के आधार पर सभी आयामों के सभी मानकों में शाला अपना वर्तमान स्तर (स्तर-1, स्तर-2, या स्तर-3) का निर्धारण करेगी।

● इसके बाद बाह्य-मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा विद्यालय का बाह्य मूल्यांकन किया जाएगा और स्तर निर्धारण को अंतिम रूप दिया जाएगा।

● बाह्य-मूल्यांकनकर्ता द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत कर शाला को कार्य-योजना बनाने के लिए कुछ सुझाव दिए जाएँगे।

● अंत में शाला प्रमुख सातों आयामों के सभी मानकों पर अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर शाला उन्नयन कार्य-योजना बनाएँगे। इस कार्य में सभी शिक्षकों, एसएमसी के सदस्यों और बाल केबिनेट के सदस्यों की सहायता ली जाएगी।

● यह कार्य-योजना निर्धारित प्रपत्र पर दो प्रतियों में बनेगी। कार्य-योजना को पोर्टल पर भी प्रदर्शित किया जाएगा।

शाला सिद्धि मॉनिटरिंग एवं फॉलोअप :

• कार्यक्रम के क्रियान्वयन को प्रभावी और परिणाम मूलक बनाने की दृष्टि से इस कार्यक्रम की मॉनिटरिंग की सुदृढ़ व्यवस्था की गई है।

• कार्यक्रम की मॉनिटरिंग के लिए जिम्मेदार कार्यदल में राज्य स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक के सभी प्रशासकीय, प्रबंधकीय एवं अकादमिक व्यक्तियों को शामिल कर उत्तरदायी भूमिका सौंपी गयी है।

• इनके द्वारा कार्यक्रम के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कार्यक्रम की नियमित एवं निरंतर समीक्षा की जाएगी।

• समीक्षा में उभरे सभी मुद्दों के आधार पर सबसे पहले विद्यालय स्तर पर इसके बाद क्रमश:  संकुल, विकासखण्ड, जिला, तथा राज्य स्तर पर समीक्षा एवं कार्रवाई की जाएगी।

●कार्यक्रम का प्रमुख लक्ष्य शाला के क्रियाकलापों में सकारात्मक बदलाव लाना है अत: शाला द्वारा प्रस्तावित कार्रवाई के लिए सभी स्तरों से सहयोग अपेक्षित है।


बाह्य मूल्यांकन के बिंदु
--------------
- विद्यार्थियों की जनांकिकी प्रोफाइल
- कक्षावार छात्र एवं छात्राओं की वार्षिक उपस्थिति दर
- कक्षावार वार्षिक समेकित रिपोर्ट (अधिगत परिणाम)
- अध्यापकों की प्रोफाइल
- मुख्य विषयों में वार्षिक उपलब्धियां
- अध्यापकों की उपस्थिति
- अध्यापकों की छुट्टी के प्रकार एवं उनकी संख्या
- संसाधन, उपलब्धता एवं उपयोगिता
- शिक्षण अधिगम एवं आंकलन
- बच्चों की प्रगति एवं विकास
- अध्यापकों के कार्य निष्पादन एवं प्रबंधन
- विद्यालय नेतृत्व एवं प्रबंधन
- समावेशन, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा
- समुदाय की गुणात्मक सहभागिता

मुख्य विषयों पर छात्र उपलब्धि का मूल्यांकन
- 81 से 100 अंक लाने वाले ए ग्रेड
- 61 से 80 अंक लाने वालों को बी ग्रेड
- 41 से 60 अंक लाने वालों को सी ग्रेड
- 33 से 40 अंक लाने वालों को डी ग्रेड
- 32 अंक लाने वालों को ई ग्रेड



Comments

यह भी पढ़ें -

School prayer: स्कूल के लिए 20 प्रसिद्ध प्रार्थना, जो बना देंगी विद्यार्थियों का जीवन सफल

Pariksha Pe Charcha 2024: PM Modi जनवरी में करेंगे परीक्षा पे चर्चा, आप भी हो सकते हैं शामिल, यहां करना होगा PPC 2024 के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

NEP 2020: FLN क्या है और इसके क्या उद्देश्य हैं? यहां पढ़ें।

SCERT Uttarakhand: महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी द्वारा 'ज्ञानांकुरण' के लॉन्च के साथ ही उत्तराखण्ड बना स्कूली बच्चों के लिए दीक्षा पोर्टल पर ई-कोर्सेज उपलव्ध करवाने वाला पहला राज्य।

Best 50+ Facebook Stylish Bio For Boys Attitude 2023

परीक्षा पे चर्चा 2022 में प्रतिभाग के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि है 20 जनवरी, विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधी बात करने का मिलेगा मौका।

चुनाव ड्यूटी प्रशिक्षण के दौरान पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर यहां पीठासीन अधिकारी ने जमकर किया हंगामा, प्रशिक्षण स्थल पर मची अफरा-तफरी, सुरक्षाकर्मियों ने बड़ी मुश्किल से किया काबू।

SCERT Uttarakhand: ज्ञानांकुरण कार्यक्रम के तहत एससीईआरटी ने जनवरी 2023 के कोर्स लिंक किये जारी, कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों के लिए DIKSHA portal पर उपलब्ध हैं यह उपयोगी कोर्स

Uttarakhand Board Result 2023: उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर बोर्ड का 10 वीं और 12वीं का परीक्षा परिणाम यहां देखें

Sainik School Admission: सैनिक स्कूल में एडमिशन के लिए नोटिफिकेशन हुआ जारी, 30 नवम्बर तक कर लें रजिस्ट्रेशन, 8 जनवरी को संपन्न होगी परीक्षा