कोविड-19 के दौरान और उपरांत स्कूली शिक्षा" पर मुख्य शिक्षा अधिकारी एसपी सेमवाल ने शिक्षकों के साथ कि ऑनलाइन परिचर्चा, दिए अनेक उपयोगी सुझाव।
टिहरी के मुख्य शिक्षा अधिकारी शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा है कि मौजूदा दौर में कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी ने जहां मानवीय गतिविधियों को ठहरा दिया है वहीं इसने इंशानो को बहुत कुछ सीखा भी दिया है। इसका सबसे बड़ा बुरा प्रभाव स्कूली बच्चों के सीखने के क्रम पर पड़ा है। उन्होंने कहा कि स्कूल बंद रहने के कारण इन दिनों अधिकतर शिक्षक ऑनलाइन शिक्षण के माध्यम को अपना रहे हैं किंतु समझना होगा कि सोशल मीडिया पर वीडियो, फोटोग्राफ अथवा कुछ लिखभेज देना ही ऑनलाइन शिक्षण नही है।
टाटा ट्रस्ट और हिमोत्थान एडुकेशनल ऐंड स्पोर्ट्स संस्था के द्वारा आयोजित "कोविड-19 के दौरान और उपरांत" विषय पर ऑनलाइन परिचर्चा के दौरान बतौर मुख्य वक्ता सीईओ टिहरी गढ़वाल शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि दिसम्बर 2019 में चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना के कहर ने देखते ही देखते दुनिया के 195 देशों को पूरी तरह अपने प्रभाव में ले लिया। आज कोरोना हमारे सामने एक गम्भीर समस्या है और इसके परिणाम भयावह है। कोरोना पर हम निश्चित ही आने वाले समय मे विजय प्राप्त कर लेंगे किन्तु इसकी भरपाई अगले कई वर्षों तक नही हो पाएगी। उन्होंने मनुष्य और प्रकृति के बीच की अन्तःक्रिया को समझाते हुए कहा कि यह सोचनीय विषय है कि प्रकृति ने कोरोना के माध्यम से केवल मनुष्यों को ही उनकी तमाम गतिविधियों को रोकने को विवश किया हैं जैवमण्डल के अन्य जीवजंतुओं पशु पक्षियों व पेड़पौधों पर इसका कोई भी बुरा प्रभाव नही पड़ा है।
उन्होंने कहा कि कोरोना का सबसे बुरा प्रभाव स्कूली बच्चों की शिक्षा दीक्षा पर पड़ रहा है हालांकि अनेक शिक्षक इस दौर में बेहतरीन भूमिका निभा रहे हैं जबकि बड़ी मात्रा में शिक्षक ऑनलाइन टीचिंग के जरिये बच्चों को विषयलाभः दे रहे हैं किन्तु इन दिनों ऑनलाइन शिक्षण का स्वरूप बदल गया है। महज फेसबुक और व्हाट्सएप्प पर पाठ से सम्बंधित वीडियो, फोटो या टेक्स्ट पैराग्राफ लिख भेजना ही ऑनलाइन शिक्षण नही है, लेकिन अधिकतर शिक्षक यही कर रहे हैं। जबकि यह केवल एकतरफा संवाद है और बच्चों का फीडबैक इससे नही मिल पा रहा है। ऑनलाइन शिक्षण तभी सार्थक होगा जब उससे बच्चे की शैक्षिक अभिवृद्धि में कुछ सुधार हो सके। शैक्षिक वीडियोज बड़ी मात्रा में यूट्यूब सहित स्वयं प्रभा चैनल, दूरदर्शन और दीक्षा चैनल पर भी उपलव्ध हैं। शिक्षकों को मौजूदा हालातों को ध्यान में रखते हुए कुछ अभिनव नवाचारों को शिक्षण में शामिल करना होगा। जूम ऐप पर आयोजित इस ऑनलाइन परिचर्चा में टाटा ट्रस्ट और हिमोत्थान एडुकेशनल एंड स्पोटर्स संस्था से मनीष कुमार झा तथा दुर्गा प्रसाद कंसवाल सहित कई शिक्षक व शिक्षिकाएं शामिल रही।
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