Featured post
मुख्य शिक्षा अधिकारी टिहरी एल एम चमोला ने भागीरथीपुरम स्थित नरेंद्र महिला विद्यालय का किया आकस्मिक निरीक्षण
- Get link
- X
- Other Apps
नरेंद्र महिला विद्यालय भागीरथीपुरम |
शनिवार को टिहरी के मुख्य शिक्षा अधिकारी ललित मोहन चमोला आकस्मिक निरीक्षण के लिए भागीरथीपुरम स्थित नरेंद्र महिला विद्यालय पहुंचे। उन्होंने इस दौरान विद्यालय की तमाम गतिविधियों का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय के पठन-पाठन के साथ ही बोर्ड परीक्षाफल के प्रगति की समीक्षा भी की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कक्षाओं में पहुंचकर छात्राओं से उनकी शैक्षिक प्रगति की जानकारी लेते हुए उनका खूब मनोबल बढ़ाया। उन्होंने शिक्षिकाओं को आईसीटी के साधनों के माध्यम से भी शिक्षण को प्रभावपूर्ण तरीके से छात्राओं के सम्मुख प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान उन्होंने विद्यालय की प्रधानाचार्या को छात्रावास में कमजोर वर्ग की छात्राओं को प्रवेश देने और उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान उन्होंने कंप्यूटर कक्ष में उपलब्ध सभी कंप्यूटर सिस्टम को शीघ्र अपडेट करवाने के भी निर्देश दिए हैं। इस अवसर पर विद्यालय की प्रभारी प्रधानाचार्य अनुराधा कुकरेती सहित शिक्षिका अलका कठैत, सुनीता पंवार, गायत्री पंडोरा, पार्वती बिष्ट, शशिबाला सेमवाल, आशा रावत, सीमा रावत, मंजू किरण और रचिता कठैत आदि शिक्षिकाएं मौजूद थी।
विद्यालयी शिक्षा विभाग उत्तराखंड के ताजा समाचार पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक।
- Get link
- X
- Other Apps
Comments
आधुनिक तकनीक शैक्षिक संसाधनों के उपयोग से प्रभावी शिक्षण और रूचिपूर्ण शिक्षण छात्र/ छात्राओं की जिज्ञासा में वृद्धि करने में सहायक सिद्ध होगा। विद्यालय मे आधुनिक तकनीक प्रयोगशालाएं उपलब्ध होने चाहिए, आधुनिक समय मे सूचना और तकनीकी का युग है सभी विद्यालयों मे आधुनिक कम्प्यूटर लैब आवश्यक हो, इंटरनेट , ई लर्निंग, कि उपयोग शिक्षण प्रक्रिया को सरल एवं रूचिपूर्ण बनाने में सहायक होता हैं
ReplyDeleteसुनीता पंवार
एम. ए. हिन्दी, गृह विज्ञान,
एम. एड.
प्रवक्ता गृह विज्ञान
आधुनिक शैक्षिक तकनीकी के माध्यम से विभिन्न क्रियाओं में सक्रिय भाग लेने तथा रुचि के अनुकूल होने से प्राप्त ज्ञान स्थायी होगा।
ReplyDeleteश्रीमती गायत्री पुडोंरा
प्रवक्ता- हिंदी
Good Job to everyone 👍
Deleteआधुनिक समय में शिक्षण प्रक्रिया को व्यावाहरिक एवं प्रयोगिक अनुभवों से सुगम बनाया जा सकता हैं ,जिसके लिए शिक्षा को तकनीकी उपकरणों से जोड़कर शिक्षा को अधिक रुचिपूर्ण बना सकतें हैं।
ReplyDeleteरचिता कठैत
प्रवक्ता रसायन विज्ञान