Educational Tour: अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज रुद्रप्रयाग के 153 छात्र-छात्राओं ने उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण में बने विधानसभा भवन का किया शैक्षिक भ्रमण
रुद्रप्रयाग जनपद के अटल उत्कृष्ट स्वामी सच्चिदानंद राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज रुद्रप्रयाग कक्षा 9 और 11 के छात्र-छात्राओं ने समग्र शिक्षा योजना के अंतर्गत उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैण गांव में बने विधानसभा भवन का शैक्षिक भ्रमण कर विधानसभा के भीतर की गतिविधियों को समझने का प्रयास किया इस दौरान स्कूली बच्चों ने विधानसभा के सत्र के दौरान होने वाली गतिविधियों और तमाम कार्यप्रणाली सहित सत्ता पक्ष और विपक्ष की बैठक व्यवस्था सहित विधानसभा में संचालित होने वाली कार्यवाही हो को समझने का प्रयास किया। इस दौरान स्कूली बच्चे काफी उत्साहित नजर आए।
विद्यालय के नवाचारी शिक्षक नरेश जमलोकी ने हिमवंत को भेजें प्रेस नोट में बताया कि विद्यालय की कक्षा 9 व 11 की कक्षाओं में कुल 187 बच्चे अध्ययनरत हैं जिनमें से 153 बच्चों के अभिभावकों ने भ्रमण में जाने की सहमति दी थी। जबकि बच्चों का उत्साह बढ़ाने के लिए अपने संसाधनों सहित मानको के अंतर्गत कुल 16 शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने भी इस भ्रमण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। भ्रमण कार्यक्रम को सार्थक बनाने के लिए छात्र छात्राओं की 10 टीमें गठित की गई। विद्यालय प्रबंधन द्वारा भ्रमण कार्यक्रम के लिए विधानसभा के संयुक्त सचिव गोस्वामी पूर्व में ही अनुमति ले ली गई थी। वहां पहुंचने के बाद विधानसभा के कर्मचारियों ने छात्रों के भ्रमण दल का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। जनसभा के कर्मचारियों की निगरानी में पूरे विधानसभा परिसर का भ्रमण छात्र-छात्राओं द्वारा किया गया | संयुक्त सचिव गोस्वामी के निर्देश पर छात्र छात्राओं को दर्शक दीर्घा में ले जाकर विधानसभा कक्ष को भी दिखाया गया | क्योंकि विधानसभा सत्र 13 मार्च से शुरू हो रहा है जिसमें बजट सत्र के दौरान बजट पर चर्चा भी होनी है इसलिए उस दिन जिलाधिकारी से लेकर तमाम आलाअधिकारी मुआयने के लिए विधानसभा परिसर में उपस्थित थे। इस दौरान बच्चों को सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक जहां बैठते हैं उस जगह को भी दिखाया गया। छत्रों के लिए यह एक अनोखा और अद्भुत अनुभव था।
विद्यालय के नवाचारी शिक्षक नरेश जमलोकी ने हिमवंत को भेजें प्रेस नोट में बताया कि विद्यालय की कक्षा 9 व 11 की कक्षाओं में कुल 187 बच्चे अध्ययनरत हैं जिनमें से 153 बच्चों के अभिभावकों ने भ्रमण में जाने की सहमति दी थी। जबकि बच्चों का उत्साह बढ़ाने के लिए अपने संसाधनों सहित मानको के अंतर्गत कुल 16 शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने भी इस भ्रमण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। भ्रमण कार्यक्रम को सार्थक बनाने के लिए छात्र छात्राओं की 10 टीमें गठित की गई। विद्यालय प्रबंधन द्वारा भ्रमण कार्यक्रम के लिए विधानसभा के संयुक्त सचिव गोस्वामी पूर्व में ही अनुमति ले ली गई थी। वहां पहुंचने के बाद विधानसभा के कर्मचारियों ने छात्रों के भ्रमण दल का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। जनसभा के कर्मचारियों की निगरानी में पूरे विधानसभा परिसर का भ्रमण छात्र-छात्राओं द्वारा किया गया | संयुक्त सचिव गोस्वामी के निर्देश पर छात्र छात्राओं को दर्शक दीर्घा में ले जाकर विधानसभा कक्ष को भी दिखाया गया | क्योंकि विधानसभा सत्र 13 मार्च से शुरू हो रहा है जिसमें बजट सत्र के दौरान बजट पर चर्चा भी होनी है इसलिए उस दिन जिलाधिकारी से लेकर तमाम आलाअधिकारी मुआयने के लिए विधानसभा परिसर में उपस्थित थे। इस दौरान बच्चों को सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक जहां बैठते हैं उस जगह को भी दिखाया गया। छत्रों के लिए यह एक अनोखा और अद्भुत अनुभव था।
Educational Tour: शैक्षिक भ्रमण पर राजभवन पहुंचे राजकीय इंटर कॉलेज ठांगधार के छात्र-छात्राएं, देहरादून के अनेक ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कर जुटाई उपयोगी जानकारियां
इस अवसर पर विधानसभा के बजट सत्र की तैयारियों के सिलसिले में दिल्ली से आए इंजीनियर संजय शर्मा जी ने छात्रों को ओएसडी के निर्देशानुसार अपनी बात रखने का अवसर भी दिया| कक्षा 11वीं के छात्र मयंक बंसल सीएम की भूमिका, कक्षा नौ की छात्रा नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में दिखे| मेधावी छात्रा दुर्गा कोठियाल और अनन्या कुंडू ने भी सदन में अपनी बात को रखा| शिक्षकों की ओर से नरेश जमलोकी को सदन में अपनी बात रखने का मौका मिला और अंत में प्रधानाचार्य के द्वारा सभी का धन्यवाद सदन में किया गया|
भ्रमण कार्यक्रम के दौरान छात्र छात्राओं ने उत्तराखंड के मशहूर शिकारी लखपत सिंह रावत से भी मुलाकात की। वह अब तक छप्पन नरभक्षी तेंदुए/बाघों को अपना निशाना बना चुके हैं। इसके बाद पूरा दल गढ़वाल के पंवार वंशीय महाराजा कनक पाल के द्वारा बसाई गई नगरी चांदपुर गढ़ी की ओर प्रस्थान कर गया| यह स्थान पौराणिक स्थल आदिबद्री(सोलह मंदिरों का समूह) के निकट स्थित है|चांदपुर उत्तराखंड की ऐतिहासिक जगहों में से एक है| राज्य के प्रमुख 52 गढ़ों में से एक चांदपुर गढ़ी है, जिसके अतीत के सुनहरे दिनों के अवशेष आज भी मौजूद हैं| चमोली जिले में आदिबद्री के निकट चांदपुर गढ़ी एक पहाड़ी पर स्थित है|सड़क से करीब 500 मीटर ऊपर जाकर आप चांदपुर गढ़ी पहुंच सकते हैं|
इस अवसर पर विधानसभा के बजट सत्र की तैयारियों के सिलसिले में दिल्ली से आए इंजीनियर संजय शर्मा जी ने छात्रों को ओएसडी के निर्देशानुसार अपनी बात रखने का अवसर भी दिया| कक्षा 11वीं के छात्र मयंक बंसल सीएम की भूमिका, कक्षा नौ की छात्रा नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में दिखे| मेधावी छात्रा दुर्गा कोठियाल और अनन्या कुंडू ने भी सदन में अपनी बात को रखा| शिक्षकों की ओर से नरेश जमलोकी को सदन में अपनी बात रखने का मौका मिला और अंत में प्रधानाचार्य के द्वारा सभी का धन्यवाद सदन में किया गया|
भ्रमण कार्यक्रम के दौरान छात्र छात्राओं ने उत्तराखंड के मशहूर शिकारी लखपत सिंह रावत से भी मुलाकात की। वह अब तक छप्पन नरभक्षी तेंदुए/बाघों को अपना निशाना बना चुके हैं। इसके बाद पूरा दल गढ़वाल के पंवार वंशीय महाराजा कनक पाल के द्वारा बसाई गई नगरी चांदपुर गढ़ी की ओर प्रस्थान कर गया| यह स्थान पौराणिक स्थल आदिबद्री(सोलह मंदिरों का समूह) के निकट स्थित है|चांदपुर उत्तराखंड की ऐतिहासिक जगहों में से एक है| राज्य के प्रमुख 52 गढ़ों में से एक चांदपुर गढ़ी है, जिसके अतीत के सुनहरे दिनों के अवशेष आज भी मौजूद हैं| चमोली जिले में आदिबद्री के निकट चांदपुर गढ़ी एक पहाड़ी पर स्थित है|सड़क से करीब 500 मीटर ऊपर जाकर आप चांदपुर गढ़ी पहुंच सकते हैं|
CUET 2023: 12वीं बोर्ड परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के लिए आवश्यक सूचना- 12 मार्च तक यहां कर लें CUET के लिए ऑनलाइन आवेदन, सभी विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए अनिवार्य है CUET 2023
यहां आज भी राजमहल के कमरे मौजूद हैं, साथ ही चबूतरे में एक मंदिर भी है|राजा कनकपाल ने आदिबद्री के निकट चांदपुर में अपना गढ़ स्थापित किया जो आगे चलकर चांदपुर गढ़ के नाम से प्रसिद्ध हुआ | इस महल में अनेक प्रकार के हस्तलिपि, कलाचित्र के अवशेष व विष्णु का मंदिर भी स्थापित है| महल की संरचना अवशेष के साथ ही रसोई, स्नानघर व पूजाघर और तीन सभा मंडप भी हैं| स्थानीय लोगों के अनुसार महल के एक हिस्से से सुरंग है, जो करीब 500 फीट नीचे है, जो आटागाड़ नामक नदी के किनारे मिलती है| परिसर में दो भाइयों सौंरू व भौंरू द्वारा दुर्ग में लाई गई विशाल शिलाओ से बनी दो पत्थर की सीढ़ियां पर्यटकों के मन में काफी कौतूहल उत्पन्न करती है और उन भाइयों की शक्ति और बाहुबल के बारे में अनुमान लगा सकती हैं | आज इस दुर्ग की हिफाजत/देखरेख का काम आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया विभाग के अधीन है। भ्रमण दल में छात्र-छात्राओं के साथ ही प्रवक्ता दिनेश कोठारी समग्र शिक्षा अभियान के प्रभारी भगत सिंह नेगी एवं कला शिक्षिका दिव्या नौटियाल, शशि प्रकाश पुरोहित आदि मौजूद थे।
यहां आज भी राजमहल के कमरे मौजूद हैं, साथ ही चबूतरे में एक मंदिर भी है|राजा कनकपाल ने आदिबद्री के निकट चांदपुर में अपना गढ़ स्थापित किया जो आगे चलकर चांदपुर गढ़ के नाम से प्रसिद्ध हुआ | इस महल में अनेक प्रकार के हस्तलिपि, कलाचित्र के अवशेष व विष्णु का मंदिर भी स्थापित है| महल की संरचना अवशेष के साथ ही रसोई, स्नानघर व पूजाघर और तीन सभा मंडप भी हैं| स्थानीय लोगों के अनुसार महल के एक हिस्से से सुरंग है, जो करीब 500 फीट नीचे है, जो आटागाड़ नामक नदी के किनारे मिलती है| परिसर में दो भाइयों सौंरू व भौंरू द्वारा दुर्ग में लाई गई विशाल शिलाओ से बनी दो पत्थर की सीढ़ियां पर्यटकों के मन में काफी कौतूहल उत्पन्न करती है और उन भाइयों की शक्ति और बाहुबल के बारे में अनुमान लगा सकती हैं | आज इस दुर्ग की हिफाजत/देखरेख का काम आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया विभाग के अधीन है। भ्रमण दल में छात्र-छात्राओं के साथ ही प्रवक्ता दिनेश कोठारी समग्र शिक्षा अभियान के प्रभारी भगत सिंह नेगी एवं कला शिक्षिका दिव्या नौटियाल, शशि प्रकाश पुरोहित आदि मौजूद थे।
Comments
Post a Comment
पोस्ट पर अपने उपयोगी विचार और सुझाव यहाँ कमेंट करें।