DIET नई टिहरी में IISER पुणे द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में संपन्न हुई अनेक रोचक गतिविधियां, टिहरी और उत्तरकाशी की 68 शिक्षकों ने किया प्रतिभाग
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च पुणे के द्वारा टिहरी और उत्तरकाशी के विज्ञान और गणित विषय के शिक्षकों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) नई टिहरी में अनेक रोचक गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस दौरान उत्तरकाशी और टिहरी जिले के 68 शिक्षकों ने गणित और विज्ञान शिक्षण को अधिक प्रभावी बनाने और स्थानीय परिवेश में मौजूद अनुपयोगी वस्तुओं से विज्ञान के टीएलएम और मॉडल्स बनाने के अनेक रोचक तरीके सीखे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन IRISE कार्यक्रम के प्रोजेक्ट मैनेजर नितिन तिवारी ने शिक्षकों को बताया की हमारे स्थानीय परिवेश में विज्ञान समाहित है और विज्ञान शिक्षण के दौरान स्कूली छात्रों का ध्यान स्थानीय परिवेश की तरफ ले जाते हुए उन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सोचने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। इस अवसर पर IISER पुणे के शिक्षण सहयोगी और कार्यक्रम में बतौर संदर्भदाता संकेत राउत ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कहा कि विज्ञान शिक्षण के लिए यह आवश्यक है कि बच्चों में स्थानीय परिवेश को समझने की क्षमता विकसित की जाए। उन्हें स्थानीय परिस्थितियों के उदाहरण देते हुए सीखने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों के साथ उत्तराखंड के अनेक पर्यावरणविदों और प्रकृति प्रेमियों की प्रेरक कहानियां भी सुनाई।
प्रशिक्षण के दूसरे सत्र में संदर्भ दाता शिवानी पलसे ने विज्ञान शिक्षण में Magnitude and direction पर रोचक ढंग से प्रशिक्षण दिया। जबकि मोहम्मद तकी ने गणित शिक्षण में विभिन्न आकृतियों की उपयोगिता और दशमलव के बाद के अंको पर विस्तार से समझाने का प्रयास किया। इस दौरान उन्होंने टिहरी बांध की झील पर बने सबसे बड़े सस्पेंशन ब्रिज की बनावट में प्रयुक्त की गई इंजीनियरिंग और गणित का रोचक ढंग से उदाहरण प्रस्तुत किया। रसायन विज्ञान पर प्रशिक्षण देते हुए श्रद्धा भुरकुंडे ने विभिन्न प्रकार के मिश्रण के साथ ही छात्र छात्राओं को अपने घरों में और विशेषकर रसोई में प्रयुक्त होने वाले मिश्रणो के बारे में सोचने पर जोर दिया।
दूसरे दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतिम सत्र में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च पुणे की शिक्षण सहयोगी और प्रशिक्षण कार्यक्रम के संदर्भदाता प्रदन्या पुजारी ने प्रशिक्षणार्थियों से अनेक रोचक गतिविधियां संपन्न करवाते हुए उन्हें ऐसी ही गतिविधियां कक्षा कक्षों में आयोजित करवाते हुए छात्र-छात्राओं का विज्ञान शिक्षण में ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया।
इस अवसर पर डाइट टिहरी के प्राचार्य राजेंद्र प्रसाद डंडरियाल प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौजूद रहे। उन्होंने विभिन्न सत्रों के दौरान आयोजित की जाने वाली गतिविधियों में शिक्षकों की सक्रियता की सराहना करते हुए कक्षा कक्षों में भी इसी प्रकार का रोचक माहौल बनाने का आवाहन किया। कार्यक्रम के संयोजक और डायट के प्रवक्ता डॉ मनवीर नेगी ने कहा की विज्ञान शिक्षण के दौरान यह ध्यान रखना होगा कि हम केवल विद्यार्थियों को पढ़ा ही नहीं रहे हैं बल्कि भविष्य के साइंटिस्ट और इंजीनियर भी तैयार कर रहे हैं।
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