Uttarakhand education: अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों के लिए कोटीकरण के दोहरे मानक पर शिक्षकों में आक्रोश, राजकीय शिक्षक संघ गढ़वाल मंडल कार्यकारिणी ने विभाग से की है यह मांग
राजकीय शिक्षक संघ गढ़वाल मंडल कार्यकारिणी के अध्यक्ष श्याम सिंह सरियाल और मंत्री हेमंत पैन्यूली में माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी से अटल उत्कृष्ट विद्यालय मे कार्यरत शिक्षकों के लिए कोटीकरण के मानकों में भेदभाव को अन्यायपूर्ण बताते हुए इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों से विकल्प मांग कर शीघ्र निर्णय लेने का आग्रह किया है।
ज्ञापन में शिक्षक नेताओं द्वारा कहा गया है कि समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि अटल उत्कृष्ट में पूर्व से कार्यरत शिक्षकों एवं चयनित शिक्षकों को एक ही विद्यालय में अलग-अलग मानकों से तोला जा रहा है जो कि न्याय संगत नहीं है।
ज्ञातव्य है कि अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के संचालन से पूर्व उन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों से विकल्प मांगे गए थे अधिकांश शिक्षकों ने हटने के विकल्प दिए थे किंतु विभाग द्वारा उन शिक्षकों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया साथ ही स्थानांतरण से भी उन्हें वंचित किया गया और आज अचानक 4 साल बाद अनुपयुक्त मानकर उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है तथा सारे रिजल्ट का ठीकरा भी उन्हीं पर थोपा जा रहा है जो की असहनीय है। आपको अवगत करा दें कि शिक्षक हमेशा छात्र हित के लिए हर समय तत्पर है। हिंदी मीडियम से होने के बावजूद भी शिक्षकों ने छात्रों को अधिक से अधिक ज्ञान देने की कोशिश की है। सोशल मीडिया पर इस प्रकार की खबर एवं तानाशाही आदेशों के निर्गत होने से समस्त शिक्षक आक्रोशित हैं।
अतः राजकीय शिक्षक संघ, गढ़वाल मंडल कार्यकारिणी आपसे निवेदन करती हैं कि तुगलकी फरमान को निरस्त करते हुए छात्र हित में अच्छा निर्णय लेकर शिक्षकों से संवाद बनाकर के एक ही परिवार में भेदभाव न करते हुए अटल उत्कृष्ट विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों से विकल्प मांगते हुए निर्णय लेने की कृपा करेंगे।
मासूम अधिकारियों को कोई कि CBSE का मतलब इंग्लिश मीडियम नहीं होता, CBSE हिन्दी माध्यम में भी परीक्षा लेता है.
ReplyDeleteइंग्लिश मीडियम कि हनक थी भी तो अपने ही बोर्ड में कर देते, अपने स्कूल दूसरे बोर्ड को देने से पहले सीबीएसई के बारे में सामान्य ज्ञान प्राप्त कर लेते.