School Education Uttarakhand: राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड की शिक्षा मंत्री के साथ इन मुद्दों पर संपन्न हुई पहली बैठक, शिक्षकों की व्यवहारिक मांगों का शीघ्र होगा समाधान- शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत
Himwant Educational News: शिक्षा मंत्री डा. धनसिंह रावत ने कहां है कि राजकीय शिक्ष संघ की प्रमुख मांगों का शीघ्र समाधान निकाला जाएगा। राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखण्ड की प्रांतीय, मण्डल एवं जनपद स्तर के सभी पदाधिकारीयों के मंत्री के साथ विद्यालयी शिक्षा निदेशालय ननूरखेड़ा में संपन्न हुई पहली बैठक में उन्होंने संघ के पदाधिकारी को आश्वासन दिया कि शिक्षकों की व्यवहारिक मांगों का प्राथमिकता के साथ समाधान निकाला जाएगा। इस दौरान राजकीय शिक्षक संघ ने विभागीय मंत्री के समक्ष शिक्षकों की अनेक लंबित मांगे रखी है।
राजकीय शिक्षक संघ ने मंत्री के समक्ष रखी यह मांगे
- पुरानी पेंशन योजना का लाभ सभी शिक्षकों को दिए जाने हेतु पुरानी पेंशन योजना को सभी के लिए बहाल किया जाय।
- सहायक अध्यापक से प्रवक्ता पदों पर यथाशीघ्र पदोन्नति की कार्यवाही की जाए। इसके अतिरिक्त छात्र हित में सभी ० उ०मा०वि० में प्रधानाध्यापक के रिक्त पदों पर यथाशीघ्र पदोन्नति की जाए ।
- शिक्षक शिक्षा संवर्ग की नियमावली बनाकर शीघ्र गठन किया जाए।
- पूर्व में देय यात्रावकाश पुनः बहाल किया जाए।
- ऐसे सभी शिक्षकों को जिन्हें रूपये 5400 का ग्रेड पे देय है उन्हें राजपत्रित घोषित किया जाए, जिससे आहरण वितरण की समस्या का समाधान हो सकेगा।
- वन टाईम सेटलमेंट के आधार पर अन्र्तमंडलीय स्थानान्तरण किए जाए तथा एल0टी0 संवर्ग को राज्य संवर्ग घोषित किया जाए।
- सप्तम् वेतनमान की राजाज्ञा सं0 290 के प्रस्तर 13 के अनुसार चयन/प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत होने पर एक वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए तथा 6 दिसम्बर 2019 को जारी राजाज्ञा सं0 150 को निरस्त किया जाए।
- वरिष्ठ एवं कनिष्ठ शिक्षकों की वेतन विसंगति को दूर किया जाए।
- अधिक छात्र संख्या वाले राजकीय इण्टर कालेजों में उप प्रधानाचार्य का पद सृजित किया जाए।
- शिक्षकों को स्वतः सत्रान्त एवं स्थायीकरण का लाभ दिया जाए। 11. पदोन्नति एवं स्थानान्तरण पर अनिवार्य रूप से कांउसलिंग की व्यवस्था की जाए।
- पूर्व की भांति प्रशासनिक पदों पर प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्यों को भी पदोन्नत किए जाने का विकल्प प्रदान किया जाए। जिससे प्रशासनिक अधिकारियों की पूर्ति हो सके।
- अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को सी0बी0एस0ई0 बोर्ड से हटाकर पुन: उत्तराखण्ड बोर्ड में सम्मिलित किया जाए तथा अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में कार्यरत सभी शिक्षकों पर अन्य शिक्षकों के समान नियम लागू किए जाएं। जैसे- अनिवार्य स्थानान्तरण हेतु चिन्हित शिक्षकों की भांति दुर्गम सेवा का लाभ देना ।
- महिला शिक्षिकाओं को पूर्व की भांति सी0सी0एल0 का लाभ दिया जाए।
- माता-पिता के निधन पर शिक्षक-शिक्षिकाओं को 15 दिवसीय विशेष पितृ अवकाश दिया जाए।
- परिषदीय परीक्षा में कृपांक के आधार पर उत्तीर्ण छात्रों के परीक्षाफल का लाभ शिक्षकों को दिया जाए।
- मासिक परीक्षा प्रत्येक माह न करवाकर दो परीक्षाएं अववार्षिक परीक्षा से पूर्व तथा दो परीक्षाएं वार्षिक परीक्षा से पूर्व करवाई जाए।
- तदर्थ शिक्षकों को निरन्तर 10 वर्ष की संतोषजनक सेवा पर पूर्व की भांति चयन वेतनमान स्वीकृत किया जाए। 1990 से 1993 तक नियुक्त तदर्थ शिक्षकों की सेवा को जोड़ते हुए ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाए।
- प्रारम्भिक शिक्षा से समायोजित शिक्षकों की पूर्व की सेवा को जोड़ते हुए राजाज्ञा सं0 463 के अनुसार चयन एवं प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत किया जाए।
- एक ही पद पर 10 या 20-22 साल कार्य करने के पश्चात् पदोन्नति पाने पर शिक्षकों को चयन, प्रोन्नत वेतनमान में पूर्व पद पर की गई सेवाओं का लाभ दिलवाया जाए।
- प्रत्येक विद्यालय में द्वितीय राजभाषा संस्कृत का पद (स०अ०) स्वीकृत किया जाए तथा हाईस्कूल स्तर पर मुख्य विषय के रूप में सम्मिलित किया जाए।
- कला, व्यायाम, संस्कृत, वाणिज्य, कृषि एवं संगीत के प्रवक्ता पदों का सृजन किया जाए।
- प्रधानाचार्य के पदों पर शत-प्रतिशत पदोन्नति की जाए। 24.छात्र संख्या के अनुसार प्रत्येक विद्यालय में पदों का सृजन किया जाए।
- शिक्षकों को ए0सी0पी0 का लाभ दिया जाए अन्यथा चयन / प्रोन्नत वेतनमान पदोन्नति के पद वाला स्वीकृत किया जाए।
- प्रत्येक वर्ष शिक्षा सत्र प्रारम्भ होने से पूर्व विद्यालयों में निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएं तथा विज्ञान की पुस्तकें हिन्दी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध कराई जाए। कक्षा 11 एवं 12 के लिए संस्कृत प्रबोधनी, कक्षा 9 व 10 के जिए गृह विज्ञान तथा कक्षा 6-8 के लिए पर्यावरण की पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जाएं।
- प्रत्येक वर्ष स्थानान्तरण होने से पूर्व विद्यालयों का पूर्व की भांति ए से एफ तक की उपश्रेणियों में कोटिकरण किया जाए तथा विधवा, विधुर, तलाकशुदा एवं एकल दंपति को स्थानान्तरण में छूट प्रदान की जाए।
- शारीरिक शिक्षा, कला, संगीत को हाईस्कूल स्तर पर मुख्य विषय के रूप में सम्मिलित किया जाए।
- गढ़वाल एवं कुमाऊँ में राजकीय शिक्षक संघ के आवासीय भवन हेतु स्वीकृति प्रदान की जाए।
- राजकीय शिक्षक संघ के सभी स्तर के चुनावों में सभी शिक्षकों को मत देने का अधिकार प्रदान किया जाए।
- राजकीय शिक्षकों की उच्च शिक्षा में पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त किया जाए। 32. शिक्षकों को गैर शैक्षणिक (जैसे बी.एल.ओ., जनगणना आदि) कार्यों से मुक्त रखा जाए।
- प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में शैक्षणिक कार्यों में गैर सरकारी संगठनों (एन.जी.ओ.) का हस्तक्षेप बंद किया जाए।
- विभागीय सेवा एवं पदोन्नति संबंधी कार्यों हेतु वार्षिक समय सारणी का निर्धारण कर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
- दिव्यांग शिक्षकों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र, पदोन्नति, एवं सेवा संबंधी समस्याओं के समाधान हेतु समय-समय पर विभाग व शासन स्तर से निराकरण सुनिश्चित की जाए।
बैठक में यह रहे मौजूद
शिक्षा मंत्री ने संघ की अनेक व्यावहारिक मांगो के समाधान निकलने का आश्वासन दिया है। बैठक में महानिदेशक विद्यालय शिक्षा बंशीधर तिवारी, निर्देशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसरी, निदेशक प्राथमिक, निदेशक एकेडमिक शोध एवं प्रशिक्षण, प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान, प्रांतीय महामंत्री रमेश पैन्यूली, उपाध्यक्ष राम कुमार सयुक्त मंत्री जगदीश बिष्ट, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह, मीडिया प्रभारी प्रणय बहुगुणा, सोशल मीडिया प्रभारी राजमोहन सिंह, गढ़वाल मण्डल अध्यक्ष श्याम सिंह सरियाल, गढ़वाल मण्डल मंत्री हेमंत पैन्यूली, कुमाऊँ मण्डल अध्यक्ष विजय गोस्वामी, मण्डल मंत्री कैलाश डोलिया सहित अनेक विभागीय अधिकारी और राजकीय शिक्षक संघ की सभी जनपदों के पदाधिकारी शामिल रहे।
Comments
Post a Comment
पोस्ट पर अपने उपयोगी विचार और सुझाव यहाँ कमेंट करें।