School education Uttarakhand: स्कूल में छात्रों से साफ करवाया शौचालय, धुलाई करते हुए वीडियो वायरल
Himwant Educational News: हरिद्वार जिले के लालढांग क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल में छात्रों से शौचालय साफ कराने का मामला प्रकाश में आया है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। ग्राम प्रधान ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। दूसरी ओर प्रधानाध्यापिका ने कहा है कि विद्यालय में सफाई कर्मचारी नियुक्त नही है और शौचालय में ततैया का छत्ता जलाने के बाद हुई राख की बच्चे धुलाई कर रहे थे कि किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया।
मामला गत शनिवार का है। जिसमें राजकीय प्राथमिक विद्यालय बाहर पीली में छात्रों से शौचालय की साफ सफाई कर रहे थे। किसी ने छात्रों का शौचालय साफ करते हुए वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। ध्यान रहे की सितंबर माह में शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के सभी विद्यालयों में स्वच्छता पखवाड़ा आयोजित किया जाता है इस कार्यक्रम के तहत सभी विद्यालयो में साफ सफाई की जाती है। राज्य की विद्यालयों में सफाई कर्मचारियों के स्थाई पद न होने के कारण यह कार्य विद्यालय प्रबंधन के लिए हमेशा से ही चुनौती बन रहा है। पहले भी इस प्रकार के कई मामले प्रकाश में आते रहे है।
वीडियो में बच्चे यूनिफॉर्म में बाल्टी, झाड़ू और ब्रश से शौचालय को साफ करते हुए नजर आ रहे हैं। ग्राम प्रधान रूबी देवी के पास जब यह वीडियो पहुंची तो उन्होंने इस पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि छात्रों से शौचालय की सफाई कराना बेहद गंभीर मामला है। जिसके लिए उनकी ओर से अधिकारियों से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की गई है।
प्रधानाध्यापिका ने रखा अपना पक्ष
उधर वीडियो वायरल होने पर प्रधानाध्यापिका नीलम मलिक का कहना है कि स्कूल के शौचालय में ततैया की छत्ता लगी होने पर उन्हें जलाया गया था। जिससे शौचालय काला होने पर छात्रों से शौचालय की धुलाई की है। स्कूल में कोई सफाई कर्मी नहीं है। लिहाजा यह कार्य छात्रों द्वारा स्वयं किया गया है।
यह केवल विद्यालय और शिक्षिका की छवि धूमिल करने का षड्यंत्र है। सारी दुनिया जानती है की राज्य के विद्यालयों में सफाई कर्मचारी का पद नहीं होता। विद्यालय के शिक्षक और छात्र-छात्राएं टीम भावना के साथ स्वयं ही विद्यालय की साफ सफाई करते हैं। निसंदीय बच्चे देश के भविष्य है और बच्चों के प्रति केवल शिक्षकों का ही दायित्व नहीं बल्कि प्रत्येक व्यक्ति का भी दायित्व है। जिन महानुभावों को बच्चों से सफाई करवाने में कष्ट है उन्हें स्वयं सामुदायिक सहयोग के तहत विद्यालयों में जाकर शौचालयों की सफाई करने में परहेज नहीं होना चाहिए।
ReplyDeleteजापान me सभी मिल कर ही सफ़ाई करते है यदि प्रधान को आपसी थी तो किसी के सहयोग से ये कार्य करवाता क्या हम अपने घर me टॉयलेट साफ़ नहीं करते ये तो vidhya का मंदिर है
ReplyDelete