Teachers day celebration: शिक्षक दिवस के मौके पर विद्यार्थियों के नाम मेरा पत्र।

Himwant Educational News:
मेरे प्यारे विद्यार्थियों, 
      आज शिक्षक दिवस है। विद्यालयों में आयोजित होने वाले दिवसों की भीड़ में एक और दिवस! यूँ तो मैं आपका शिक्षिक हूं, किंतु सच तो यह है कि न जाने कितनी बार मैंने भी आप सब से शिक्षा ग्रहण की है। कभी किसी के आत्मविश्वास ने मुझे प्रेरित किया है तो तो कभी किसी की विलक्षण प्रतिभाओं ने अभिभूत कर दिया। कभी किसी की जीवन की जटिलताओं ने परिस्थितियों से तालमेल बिठाने का हौसला दिया तो कभी किसी के उज्ज्वल विचारों से मेरा मन मजबूत हो गया। कभी किसी की समस्या का निदान कर मन हल्का कर दिया तो कभी सम्मानवश लाए आपके नन्हे से उपहार ने मुझे शब्दहीन कर‍ दिया।
Sushil Dobhal, Lecture & Editor 'Himwant'
    सौभाग्य से आप उस युग में जी रहे हैं, जिसमें स्रोतों का कोई अभाव नही है, आगे बढ़ने के बहुत से द्वार हैं पर याद रखना, छोटी सफलता के द्वार भी छोटे होते है, आपका कद बहुत बड़ा है इसलिए लक्ष्य भी हमेशा बड़ा लेकर चलना। प्रतिस्पर्धा की प्रक्रिया और जीवन की अनेक चुनौतियों को स्वीकार करते हुए यह मत भूलना कि महत्वपूर्ण सफलता नहीं बल्कि वह रास्ता है जिस पर चलते हुए आप उसे हासिल करना चाहते हैं। आपने पढ़ा भी होगा कि जो लोग विनम्रता और ईमानदारी के साथ ऊंचे लक्ष्य निर्धारित करते हैं उन्हें निश्चित ही सफलता मिलती है।
   आप मेरे सुयोग्य और अनुशासित विद्यार्थी हैं, मेरे शिक्षक होने की सार्थकता आपसे ही सम्भव है। यदि मेरे व्याख्‍यान में आप धैर्य, अनुशासन और अनुकरण का परिचय न दें तो मेरा शिक्षक होना व्यर्थ हो जाता। मेरी समझ, ज्ञान, वैचारिकता और अभिव्यक्ति आपके बेहिचक और बेबाक प्रश्नों से ही विस्तृत होती है। आपकी प्रसन्नता के साथ सफलता ही मेरे अध्यापन की प्रेरणा है। आपकी शालीनता और संस्कार ही मुझे निरंतर पठन-अध्ययन-अध्यापन के लिए प्रेरित करते हैं। आपका लगाव और सम्मान ही मेरे विश्वास को मजबूती देता है। आज का दिन हमारा नहीं आपका है, क्योंकि विद्यार्थियों से ही शिक्षकों और विद्यालयों का अस्तित्व कायम है।
     कल तक मैं भी बैंच के उस पार हुआ करता था। आज सौभाग्यवश इस तरफ हूं। उस पार रहकर आपकी ही तरह अक्सर मेरी भी अनेक जिज्ञासाएं होती थी और मन मे अनेक अनुत्तरित प्रश्न तैरते रहते थे। सफलता एक दिन में नहीं मिलती, मगर ठान लो तो एक दिन ज़रूर मिलती है। जब आप लोगों की आंखों में सफलता और ऊंची उड़ान के सपनों के समंदर देखता हूं तो हृदय से अनंत आशीर्वाद निकलते हैं। माँ शारदे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करें।
परिंदे रुक मत तुझमे जान बाकी है,
मंजिल दूर है, बहुत उड़ान बाकी है…..
आज या कल तेरी मुट्ठी में होगी दुनिया,
लक्ष्य पर अगर तेरा ध्यान बाकी है।....
उज्ज्वल भविष्य के लिए आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
Techno Mela: जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान नई टिहरी में पहली बार संपन्न हुई टैक्नो मेला प्रतियोगिता, कीर्तिनगर और नरेंद्रनगर के इन विद्यार्थियों का हुआ राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयन

Comments

  1. भावपूर्ण ,सार्थक सशक्त अभिव्यक्ति,🙏🏽👍👍👍👍

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