Convocation: पंतनगर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं राष्ट्रपति, विश्वविद्यालय आई.सी.ए.आर. रैंकिंग में देश के कृषि विश्वविद्यालयों के बीच लगातार शीर्ष स्थान पर रहा है।
Himwant Educational News: पंतनगर के जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के 35वां दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं। इस दौरान राज्यपाल ले. जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह, सीएम पुष्कर सिंह धामी, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट और कृषिमंत्री गणेश जोशी भी कार्यक्रम में मौजूद हैं। इसके साथ ही कुलपति बीएस चौहान ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के सामने विवि की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इस दौरान कुलपति ने कहा कि शिक्षा, अनुसंधान और प्रसार में अपने अहम योगदान के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा दिए जाने वाले प्रतिष्ठित "सरदार पटेल आउटस्टेंडिंग इन्स्टीट्यूशन" सम्मान से विवी को तीन बार सम्मानित किया जा चुका है। इस उपलब्धि के अलावा विश्वविद्यालय आई.सी.ए.आर. रैंकिंग में देश के कृषि विश्वविद्यालयों के बीच लगातार शीर्ष स्थान पर रहा है।
पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा स्थापना से अबतक 42911 से अधिक विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई हैं। विश्वविद्यालय द्वारा विकसित विभिन्न फसलों की 346 उन्नत किस्में एवं पशुओं की दो नस्लें कृषक समुदाय के लिए सर्मपित हैं एवं राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा एवं किसानों की आय बढ़ाने में सहायक रहीं हैं। विश्वविद्यालय द्वारा उत्पादित बीज ब्रान्ड "पन्तनगर के बीज" नाम से देश के किसानों के मध्य बेहद लोकप्रिय है। विश्वविद्यालय प्रत्येक वर्ष देश के लाखों किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध करा रहा है।
पंतनगर विश्वविद्यालय एक राज्य कृषि विश्वविद्यालय है परन्तु इसका चरित्र एवं स्वभाव राष्ट्रीय एवं अर्तराष्ट्रीय स्तर का है। गर्व की बात है कि पिछले साल विश्वविद्यालय को विश्व क्यूएस रैंकिंग में 361वाँ स्थान मिला। यह देश के चुनिन्दा कृषि विश्वविद्यालयों में से एक है जिसे यह सम्मान प्राप्त है।
उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय को अभी तक 29 पेटेन्टस की स्वीकृति मिली हैं और वर्ष 2015 से अब तक 105 पेटेन्टस के लिए आवेदन किया गया है। 76.4 करोड़ रुपये की लागत से 375 शोध परियोजनाएं विश्वविद्यालय में गतिशील है। 35 अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाओं, 08 अखिल भारतीय नेटवर्क परियोजनाओं के साथ-साथ 300 से अधिक अन्य परियोजनाओं को संचालित कर शोध कार्यों की दिशा में विश्वविद्यालय ने कीर्तिमान स्थापित किया है।
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