RSS Uttarakhand: विद्यालयों की प्रशासनिक व्यवस्था लड़खड़ाने की बन रही है संभावना, राजकीय शिक्षक संघ के आवाहन पर सैकड़ो प्रभारी प्रधानाचार्य छोड़ रहे हैं प्रभार, सोशल मीडिया समूहों में प्रभार छोड़ने की पूर्व सूचना की लगी होड़, शैक्षणिक कार्यों के लिए रहेंगे समर्पित लेकिन नहीं संभालेंगे प्रभार,
Himwant Educational News: विद्यालय शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित राज्य के सैकड़ो इंटर कॉलेज और हाई स्कूलों में प्रभारी प्रधानाचार्यों द्वारा प्रभार छोड़ने की खबर सामने आ रही है। राजकीय शिक्षक संघ के आवाहन पर राज्य के माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा चरणबद्ध आंदोलन चलाया जा रहा है। इसी क्रम में संघ ने राजकीय शिक्षकों की मांगों के निराकरण न किए जाने पर 17 नवंबर को राज्य भर में प्रभारी प्रधानाचार्ययों द्वारा प्रभार छोड़ने का ऐलान किया है। संघ की घोषणा पर राज्य के विभिन्न इंटर कॉलेज में आज प्रभारी प्रधानाचार्यों ने आज खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से प्रभार छोड़ने की पूर्व सूचना विभाग को भेजी है।
सोशल मीडिया समूहों पर प्रभार छोड़ने की पूर्व सूचना पोस्ट करने की लगी होड़
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रधानाचार्य के प्रभार छोड़ने के प्रत्यावेदन पोस्ट करने की आज होड़ लग गई। राज्य में मौजूदा समय में करीब 800 से अधिक इंटर कॉलेज और हाई स्कूल प्रधानाचार्य विहीन चल रहे हैं। इन विद्यालय में वरिष्ठतम शिक्षक को विभाग के निर्देश पर प्रधानाचार्य का प्रभार सौंपा गया है। प्रभारी प्रधानाचार्य के रूप में शिक्षक अपने विषय का शिक्षण कार्य करने के साथ ही तमाम विभागीय कार्यों का उत्तरदायित्व भी निभा रहे हैं। यह व्यवस्था बरसों से चली आ रही है। किंतु लंबित मांगों और विशेष रूप से पदोन्नति लटकाए रखने पर अब शिक्षकों का धैर्य जवाब दे रहा है।
शिक्षक कर चुके हैं निदेशालय में तालाबंदी और कार्य बहिष्कार
पिछले दिनों राजकीय शिक्षक संघ की विभाग और शासन के साथ हुई वार्ता में शिक्षकों की कई मांगों पर सहमति बनने के बाद भी विभाग और शासन द्वारा कार्यवाही न किए जाने से राजकीय शिक्षक संघ से जुड़े हजारों शिक्षक नाराज है। अपनी मांगों को लेकर राज्य भर में राजकीय शिक्षक संघ के बैनर तले राजकीय शिक्षक चरणबद्ध आंदोलन चला रहे हैं। इसी क्रम में गत 6 नवंबर को राजकीय शिक्षक संघ के आवाहन पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में तालाबंदी और कार्य बहिष्कार भी किया जा चुका है।
विद्यालयों की प्रशासनिक व्यवस्था लडखडाने की है संभावना
प्रधानाचार्य विहीन विद्यालयों में प्रधानाचार्य का प्रभाव छोड़ने से विभागीय प्रशासनिक कार्य और व्यवस्था लडखडाने के हालात पैदा हो रहे हैं। माध्यमिक विद्यालयों में रोज तमाम तरह की सूचनायें तैयार करने और उच्च अधिकारियों को भेजने का कार्य भी अवरुद्ध हो सकता है। शिक्षकों का कहना है कि छात्रहितों को ध्यान में रखते हुए वह अपना मूल कार्य समर्पित भावना के साथ करते रहेंगे किंतु कार्यालय संबंधी एवं अन्य अनावश्यक प्रभार किसी भी कीमत पर अब नहीं संभालेंगे।
उधर महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने कहा है कि शिक्षकों की लंबित मांगों पर विभाग गंभीरता से निस्तारण का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा है कि छात्र हित में कार्य बहिष्कार उचित नहीं है। बच्चों के भविष्य के लिए सभी का प्रयास और सहयोग आवश्यक है। उन्होंने शिक्षकों से कार्य बहिष्कार और आंदोलन वापस लेने की अपील की है।
समस्त प्रभारी प्रधानाचार्य प्रधानाध्यापक के प्रभार छोड़ने पर सरकार पूरी तरह से बैकफुट पर आ जायेगी।अब जब तक पदोन्नति शुरू नहीं होती तब तक केवल शिक्षण कार्य किया जायेगा।
ReplyDelete