SCERT Uttarakhand: कौशलम पाठ्यचर्या पर डायट रुड़की में मास्टर ट्रेनर्स का दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न, निदेशक माध्यमिक शिक्षा महावीर सिंह बिष्ट ने की छात्रों में 21वीं सदी के कौशल विकसित करने की अपील

निदेशक माध्यमिक शक्षा महावीर सिंह बिष्ट, कौशल पशिक्षण की समीक्षा बैठक लेते हुए।

Himwant Educational News: जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान रुड़की में सोमवार के राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत कौशलम पाठ्यचर्या पर दो दवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम में हरिद्वार जनपद के सभी विकासखंडों से चार-चार मास्टर ट्रेनर्स ने प्रशिक्षण लिया है। इस अवसर पर निदेशक माध्यमिक शिक्षा महावीर सिंह बिष्ट ने कहा है कि कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थियों में कौशलम कार्यक्रम के माध्यम से 21वीं सदी के कौशल विकसित किए जाएंगे।
उत्तराखंड के सभी राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में इस सत्र से कौशलम पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थियों में 21वीं सदी के कौशल विकसित किए जाएंगे। एससीईआरटी उत्तराखंड के निर्देश पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण सस्थान  रुड़की में मास्टर ट्रेनर्स के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के मौके पर उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट ने सभी मास्टर ट्रेनर्स को अपने-अपने विकासखंडों में निर्धारित समय पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित करवाने और विद्यार्थियों में 21वीं सदी के कौशल विकसित करने के लिए अपना यथोचित योगदान देने की अपील की है। इस मौके पर डायट प्राचार्य  केके गुप्ता एवं डायट के वरिष्ठ प्रवक्ता कैलाश डंगवाल भी मौजूद रहे। कार्यक्रम समन्वयक व राज्य संदर्भदाता कविता  व अनिल  कुमार धीमान प्रवक्ता डायट ने कार्यक्रम का रोचक ढंग से संचालन किया। राज्य संदर्भ दाता के रूप में के राजेंद्र चौधरी और प्रमोद कुमार ने विशेष भूमिक निभाई। 
     दो दिवसीय कार्यक्रम में सभी विकास खंडों से  चार-चार मास्टर ट्रेनर के रूप में शिक्षक बुलाए गए जो माह जुलाई में अपने-अपने विकास खंडों में हाई स्कूल व इंटर कॉलेज में कक्षा 9 से 12 में शिक्षण कार्य करने वाले एक-एक शिक्षक का प्रशिक्षण कराएंगे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में उद्यमशील मानसिकता तथा 21वीं सदी के कौशल का विकास करना है जिससे छात्र अपने जीवन में आवश्यक कौशलों का विकास करते हुए स्वयं का विकास तथा राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन कर सके। यह कार्यक्रम समस्त हाई स्कूल व इंटर कॉलेज में चलाया जाएगा । प्रत्येक कक्षा में प्रत्येक सप्ताह में दो-दो वादन लगाए जाएंगे। जिसमें विद्यार्थी विभिन्न पड़ावों से गुजरते हुए विभिन्न प्रोजेक्ट कार्य को संपादित करेंगे।

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