शाला सिद्धि बाह्य मूल्यांकन की प्रक्रिया को जाने। ऐसे होगा शालाओं का बाह्य मूल्यांकन सम्पन्न।
शाला सिद्धि बाह्य मूल्यांकन |
शाला सिद्धि बाह्य मूल्यांकन कार्यक्रम में आपका स्वागत है। विद्यालयों के स्व मूल्यांकन के बाद अब बाह्य मूल्यांकन किया जाना है और इसकी सम्पूर्ण प्रक्रिया को लेकर आपकी अनेक जिज्ञासाएं होनी स्वाभाविक हैं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए बाह्य मूल्यांकन की संपूर्ण प्रक्रिया को अपने ई-पेज "हिमवंत" के माध्यम से आप के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं। आशा करता हूं कि मेरी अन्य पोस्ट की तरह यह पोस्ट भी उत्तराखंड ही नहीं अन्य राज्यों के शिक्षकों और शिक्षा अधिकारियों के लिए उपयोगी साबित होगी। बाह्य मूल्यांकन एक उपयोगी प्रक्रिया है जिसके द्वारा विद्यालय स्तर पर स्व मूल्यांकन के माध्यम से शाला सिद्धि पोर्टल पर अंकित ही गई सूचनाओं का सत्यापन किया जा सकता है और इसके द्वारा शाला उन्नयन कार्य की बेहतरीन निगरानी भी की जा सकती है। स्व मूल्यांकन की प्रक्रिया इस वर्ष के लिए अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है और बहुत कम विद्यालय ही अब शेष हैं जिनमें अभी तक स्व मूल्यांकन की प्रक्रिया संपन्न नहीं हो पाई है। विभागीय अधिकारियों के निर्देशों के अनुपालन में उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में बाह्य मूल्यांकन का शुभारंभ करते हुए मेरे द्वारा कुछ विद्यालयों का बाह्य मूल्यांकन कर उनकी सूचनाएं पोर्टल पर अपलोड की जा चुकी है। तो आइये, समझते है शाला सिद्धि बाह्य मूल्यांकन की सम्पूर्ण प्रक्रिया।
शाला सिद्धि में बाह्य मूल्यांकन की प्रक्रिया।
शाला सिद्धि कार्यक्रम में बाह्य मूल्यांकन को शामिल करने का मुख्य उद्देश्य निर्धारित टूल्स के माध्यम से शाला (विद्यालय) द्वारा किए गए स्व-मूल्यांकन का आकलन कर उसका पुष्टिकरण करना, शाला उन्नयन की कार्य-योजना तैयार करने में मार्गदर्शन देना और बाद में विभागीय अधिकारियों द्वारा शाला का नियमित फालोअप कर शाला की समग्र गुणवत्ता को सुनिश्चित करना है। बाह्य मूल्यांकन की वर्तमान प्रक्रिया को इस प्रकार से बनाया गया है कि यह वस्तुनिष्ठ रूप से अलग-अलग स्रोतों से साक्ष्य एकत्रित करती है, साक्ष्यों के आधार पर प्रत्येक आयाम को एक समग्र स्कोर देती है, शाला की सामान्य समस्याओं की पहचान करती है एवं शाला को इन समस्याओं के समाधान के लिए शाला उन्नयन की कार्य-योजना बनाने के लिए सहायता करती है।
शाला सिद्धि कार्यक्रम के अंतर्गत बाह्य मूल्यांकन राज्य और जनपद स्तर पर के अधिकारियों द्वारा गठित मूल्यांकनकर्ताओं की टीमों द्वारा किया जाना है. मूल्यांकन टीमों में टीम लीडर के साथ आवश्यकतानुसार 2-3 अनुभवी सहयोगी मूल्यांकनकर्ता शामिल किए जा सकते हैं. भौतिक रूप से मूल्यांकन टीमों का गठन किए जाने के साथ ही टीमों की गठन की सूचना शाला सिद्धि पोर्टल पर भी अपलोड की जानी है. मूल्यांकन टीमों के गठन करते हुए शाला सिद्धि पोर्टल पर बाह्य मूल्यांकन कार्य के लिए टीम लीडर को New User के रूप में पंजीकृत करना होगा, इसके लिए जिले या ब्लॉक स्तर पर शाला सिद्धि पोर्टल की आईडी से Login करते हुए Manage External User बटन पर क्लिक करते हुए Create New User आइकन पर जाकर User Form भरते हुए New User बनाए जाने हैं और उन्हें User ID और Password उपलब्ध करवाये जाने है. अब बाह्य मूल्यांकन टीम को User ID और Password उपलब्ध करवाने के बाद उन्हें बाह्य मूल्यांकन हेतु स्कूल आवंटित किए जाने हैं. स्कूल आवंटित करने के लिए एकबार फिर जिले अथवा ब्लॉक स्तरीय शाला सिद्धि डैशबोर्ड पर जाकर Manage External User बटन पर क्लिक कर पहले से बनाए गए User को Assigned School बटन पर क्लिक कर स्कूल आवंटित किए जा सकते हैं.
इस प्रकार मूल्यांकन टीम को स्कूल आवंटित करते ही उनके User ID पर Login क़र डैशबोर्ड पर आवंटित विद्यालयों के लिए बाह्य मूल्यांकन के सभी 9 आयाम प्रदर्शित होने लगेंगे जिन पर बाह्य मूल्यांकन टीम द्वारा सूचनाओं की क्रमबद्ध प्रविष्टि की जानी है. इस प्रक्रिया को आप नीचे दिए क्रम के अनुसार भी सम्प्पन कर सकते हैं. साथ ही बाह्य मूल्यांकन हेतु यहाँ मूल्यांकन टीमों के लिए मूल्यांकन फॉर्मेट भी उपलब्ध करवा रहा हूँ. इस फॉर्मेट को Download कर दो प्रतियों में तैयार कर लें. एक प्रति विद्यालय के कार्यालय में तथा दूसरी प्रति स्थानीय शिक्षा केंद्र में जमा की जानी है. फॉर्मेट में समस्त प्रविष्टों को भरना नितांत आवश्यक है क्योंकि जबतक पिछले प्रविष्टि को अंकित नहीं किया जाएगा तबतक पोर्टल पर अगली प्रविष्टि का विकल्प नहीं खुल पायेगा। इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान और सुझावों के लिए इस पोस्ट के अंत में दिए कमेंट बॉक्स में कमेंट करें।
शाला सिद्धि पोर्टल पर Login के लिए यहाँ क्लिक करें। Click Here
- Login>Manage External User>Creat New User>Fill User Form>Create User.
- Provide User ID and Password to New User.
- Manage External User>Assigned Schools.
- Logout.
- शाला सिद्धि सुधार हेतु मूल्यांकन के लिए पूर्व तयारी एवं सुझाव पढ़ने के लिए क्लिक करें। Clikc Here
- शाला सिद्धि पोर्टल पर कैसे करें डाटा इंट्री, पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें। Click Here
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- बाह्य मूल्यांकन फॉर्मेट Download करने के लिए यहाँ क्लिक करें। Download
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बाह्य मूल्यांकन के उद्देश्य।
1. शाला द्वारा किए गए स्व-मूल्यांकन को पुष्ट करना
2. शाला को शाला उन्नयन योजना बनाने में मार्गदर्शन देना
3. शाला उन्नयन कार्य-योजना के क्रियान्वयन की सतत निगरानी करना
बाह्य मूल्यांकन की प्रक्रिया।
बाह्य मूल्यांकन विभिन्न 9 टूल्स पर आधारित है जो विद्यालय से संबंधित सभी पहलुओं को विभिन्न दृष्टिकोण के साथ परखता है। स्व मूल्यांकन पूर्ण होने के पश्चात शाला का बाह्य मूल्यांकन किया जाएगा। विद्यालय का बाह्य मूल्यांकन राज्य और जनपद स्तरीय शिक्षा अधिकारियों द्वारा गठित मूल्यांकन टीमों के मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा किया जाना है। बाह्य-मूल्यांकनकर्ताओं के चयन के संबंध में विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा पृथक से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.
बाह्य मूल्यांकन द्वारा शाला उन्नयन की कार्य-योजना तैयार करना।
1. सबसे पहले स्व-मूल्यांकन की प्रक्रिया के आधार पर सभी आयामों के सभी मानकों में शाला अपना वर्तमान स्तर (स्तर-1, स्तर-2, या स्तर-3) का निर्धारण करेगी।
2. इसके बाद बाह्य-मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा शाला का बाह्य मूल्यांकन किया जाएगा और स्तर निर्धारण को अंतिम रूप दिया जाएगा।
3. बाह्य-मूल्यांकनकर्ता द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत कर शाला को कार्य-योजना बनाने के लिए कुछ सुझाव दिए जाएँगे।
4. अंत में शाला प्रमुख सातों आयामों के सभी मानकों पर अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर शाला उन्नयन कार्य-योजना बनाएँगे। इस कार्य में सभी शिक्षकों, एसएमसी के सदस्यों और बाल केबिनेट के सदस्यों की सहायता ली जाएगी।
5. यह कार्य-योजना निर्धारित प्रपत्र पर दो प्रतियों में बनेगी। इसकी एक प्रति शाला में सुरक्षित रखी जाएगी और दूसरी जनशिक्षा केंद्र पर। कार्य-योजना को पोर्टल पर भी प्रदर्शित किया जाएगा।
- शाला सिद्धि मॉनिटरिंग एवं फॉलोअप
सुशील डोभाल, प्रवक्ता अर्थशास्त्र विद्यालयी शिक्षा विभाग उत्तराखंड। |
- कार्यक्रम के क्रियान्वयन को प्रभावी और परिणाम मूलक बनाने की दृष्टि से इस कार्यक्रम की मॉनिटरिंग की सुदृढ़ व्यवस्था की गई है।
- कार्यक्रम की मॉनिटरिंग के लिए जिम्मेदार कार्यदल में राज्य स्तर से लेकर जनशिक्षा केन्द्र स्तर तक के सभी प्रशासकीय, प्रबंधकीय एवं अकादमिक व्यक्तियों को शामिल कर उत्तरदायी भूमिका सौंपी गयी है।
- इनके द्वारा कार्यक्रम के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कार्यक्रम की नियमित एवं निरंतर समीक्षा की जाएगी।
- समीक्षा में उभरे सभी मुद्दों के आधार पर सबसे पहले शाला स्तर पर इसके बाद क्रमश: जनशिक्षा केन्द्र, संकुल, विकासखण्ड (जनपद), जिला, संभाग तथा राज्य स्तर पर समीक्षा एवं कार्रवाई की जाएगी।
- कार्यक्रम का प्रमुख लक्ष्य शाला के क्रियाकलापों में सकारात्मक बदलाव लाना है अत: शाला द्वारा प्रस्तावित कार्रवाई के लिए सभी स्तरों से सहयोग अपेक्षित है. शाला सिद्धि कार्यक्रम की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान और सुझाव के लिए यहां क्लिक करें
Thanks for this important information sir.
ReplyDeleteWelcome.
ReplyDelete👍💐
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