लगातार घटती छात्र संख्या के चलते 1400 स्कूलों का होगा जल्दी विलय, शिक्षा मंत्री ने दिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश।
अरविंद पांडे, विद्यालयी शिक्षा मंत्री उत्तराखंड |
10 से काम छात्र संख्या वाले 600 प्राथमिक और एक ही कैंपस में संचालित 830 स्कूलों का विलय किया जाएगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने एक अप्रैल से पहले पहले हर हाल में विलय की कार्यवाही पूरी करने के निर्देश दिए हैँ। राज्य में घटती छात्र संख्या के चलते अनेक स्कूल बंद होने की कगार पर पहुंच चुके है। इससे पूर्व करीब 300 स्कूलों को छात्र संख्या के अभाव में बंद किया जा चुका है।
नए शैक्षिक सत्र में नई व्यवस्था से ही पढ़ाई होगी। मंगलबार को सचिवालय में शिक्षा मंत्री ने विभागीय समीक्षा करते हुए कई अहम निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दबाव के चलते कई स्थानों पर ऐसे स्कूल खुल गए हैं जिनमे छात्र संख्या की कमी के कारण स्कूल संचालक सम्भव नही हो पा रहा है। इन स्कूलों में छात्र संख्या कम होने से शिक्षकों का सदुपयोग नहीं हो रहा। विलय करने पर जहां स्कूलों में छात्र संख्या बढेगी वहीं विलय होने वाले स्कूलों को शिक्षकों को यहां तैनात किया जा सकेगा। मालूम हो कि इससे पहले शिक्षा विभाग करीब 300 स्कूलों का विलय कर चुका है। एक ही कैंपस में अलग अलग चलाए जा रहे स्कूलों का विलय किया जाएगा। हाईस्कूल में हाईस्कूल का हेडमास्टर और इंटर मीडिएट स्तर के स्कूल में प्रधनाचार्य स्कूल का नियंत्रक अधिकारी होगा। जिन जिलों में विलय की प्रक्रिया समय पर पूरी न होगी वहां के सीईओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीबीएसई के समान इंटरमीडिएट स्कूलों में शारीरिक शिक्षा को विषय के रूप में सम्मिलित किये जाने के सम्बन्ध में।
समीक्षा बैठक में शिक्षा सचिव आर मीनाक्षीसुंदरम, शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, निदेशक-एआरटी सीमा जौनसारी, एडी रामकृष्ण उनियाल, महावीर सिंह बिष्ट, अजय नौडियाल, रघुनाथ लाल आर्य, कंचन देवराड़ी, आशारानी पैन्यूली, कुलदीप गैरोला, पीके बिष्ट, सुभाष भट़्ट, मेहरबान सिंह बिष्ट, कमला बड़वाल, हेमलता भट्ट, नरवीर सिंह बिष्ट, जेपी यादव आदि।
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