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CUET UG 2025 Date: 8 मई से देशभर में होगी सीयूईटी यूजी परीक्षा, इस लिंक पर तुरंत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

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CUET 2025 Registration, Exam Date: इस वर्ष सीबीएसई सहित देश भर के सभी राज्यों के शिक्षा बोर्ड से सीनियर सेकेंडरी यानी 12वीं की परीक्षा में शामिल हुए परीक्षार्थियों के लिए यह बेहद उपयोगी सूचना है। एनटीए ने सीयूईटी यूजी 2025 रजिस्ट्रेशन की शुरुआत कर दी है। ऑफिशियल वेबसाइट cuet.nta.nic.in पर नोटिफिकेशन और इन्फॉर्मेशन बुलेटिन जारी किया गया है। सीयूईटी का फॉर्म भरने की लास्ट डेट 22 मार्च है। जबकि सीयूईटी 2025 एग्जाम डेट 8 मई से लेकर 1 जून तक तय है। CUET 2025, Highlights सीयूईटी यूजी 2025 रजिस्ट्रेशन शुरू 22 मार्च तक आवेदन,  CBT मोड में होगी परीक्षा चुन सकते हैं सिर्फ 5 विषय CUET UG - 2025, Touch hear for Registration कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET- UG) 2025 के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस शनिवार, 1 मार्च की रात से शुरू हो गया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने छात्रों को ऑनलाइन आवेदन करने के लिए 22 मार्च 2025 तक का समय दिया है। 23 मार्च तक सीयूईटी यूजी फीस जमा करवाई जा सकती है। योग्य छात्र छात्राएं सीयूईटी की ऑफिशियल वेबसाइट cuet.nta.nic.in के जरिए आवेदन फॉर्म ऑनलाइन भर सकते हैं। इस ब...

अर्थशास्त्र का संक्षिप्त परिचय (कक्षा 11 के विद्यार्थियों के लिए)

अर्थशास्त्र का अर्थ- अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है।
अर्थशास्त्र का पिता- एडम स्मिथ(Adom smith) को अर्थशास्त्र का पिता कहा जाता है। उन्होंने एक पुस्तक लिखी थी wealth of nations(1776) जिसमे दुनिया के सभी देशो के सम्पत्ति के बारे में बात की गयी है। एडम स्मिथ scotland के रहने वाले थे।
अर्थशास्त्र के प्रकार- अर्थशास्त्र को दो भागों में बांटा गया है--
1.व्यष्टि(micro) एवं
2.समष्टि अर्थशास्त्र(macro)
व्यष्टि अर्थशास्त्र (Micro economics):- व्यष्टि अर्थशास्त्र का पिता Ragnar Frisch को कहा जाता है। micro के अन्तर्गत हम बहुत छोटे स्तर पर बात करते हैं। इसे इस तरह याद रखयेगा मोबाइल में micro sd card होता है मतलब वो पहले से भी छोटा कर दिया गया है। अर्थात व्यष्टि मतलब छोटा। व्यष्टि अर्थशास्त्र के कुछ उदहारण-----
प्रति व्यक्ति आय(per capitaincome)
मांग एवम् आपूर्ति(demand and supply)
राजस्व(revenue)
उपयोगिता(utility)
कीमत सिद्धान्त(price theory)
मांग सिद्धान्त(demand theory) आदि..
समष्टि अर्थशास्त्र (Macro economics):- समष्टि अर्थशास्त्र का पिता जॉन कीन्स(John keynes) को खा जाता है। इसके अन्तर्गत हम बहुत बड़े स्तर पर बात करते हैं। यह व्यष्टि का विपरीत है। कुछ उदहारण---
राष्ट्रीय आय(National income)
योजना(planning)
कर(tax)
बजट(budget)
बैंकिंग(banking) आदि।
अगर हम केवल एक व्यक्ति की आय के बारे में आकलन रहे हैं तो बहुत छोटे स्तर पर बात कर रहे हैं अतः यह micro का part होगा। लेकिन जब पुरे देश की आय अर्थात राष्ट्रीय आय का आकलन कर रहे हैं तो व्यापक स्तर हो गया। अतः यह macro का भाग होगा।
अर्थव्यवस्था- अर्थव्यवस्था वह सरंचना है, जिसके अंतर्गत सभी आर्थिक गतिविधियां का संचालन होता है। उत्पादन उपभोग व निवेश अर्थव्यवस्था की आधारभतू गतिविधिया है। अर्थव्यवस्था की संस्थाएं मनुष्यकृत होती है। अत: इनका विकास भी मनुष्य जैसा चाहता है, वैसा ही करता है।
अर्थव्यवस्था के प्रकार- अर्थशास्त्र का वर्गीकरण इस प्रकार किया जा सकता है.
खुली अर्थव्यवस्था:- यह नियंत्रण मुक्त अर्थव्यवस्था है जो स्वतंत्रता प्रतियोगिता को प्रोत्साहित करता है. वैश्वीकरण के नीति में सभी देश मुक्त अर्थव्यवस्था को अपना रहे हैं.
बंद अर्थव्यवस्था:- यह एक ऐसी अर्थव्यवस्था है जो विश्व के साथ किसी प्रकार की विदेशी व्यापार की क्रिया को संपन्न नहीं करता है. इस प्रकार की आर्थिक क्रियाएं एक देश की सीमा के अंदर होती है.
विकसित अर्थव्यवस्था:- इस प्रकार की अर्थव्यवस्था आर्थिक गतिविधियों एवं विकास के एक बेहतर स्तर का प्रतिनिधित्व करती है. इस प्रकार की अर्थव्यवस्था में किसी सीमा या मापदंड का निर्धारण करना कठिन है. इस प्रकार की अर्थव्यवस्था के देशों में USA और जापान जैसे देश आते हैं, जिनकी नागरिकों की प्रति व्यक्ति आय उच्च और बेहतर जीवन के आधार पर विकसित देश कहा जाता है.
विकासशील अर्थव्यवस्था:- इस प्रकार की अर्थव्यवस्था में ऐसे देश आते हैं जो अपनी पिछड़ी व्यवस्था से उच्च विकास की ओर प्रयासरत है. जैसे भारत
पूंजीवादी अर्थव्यवस्था:- इस प्रकार की अर्थव्यवस्था बाजार की शक्तियों अर्थात मांग और आपूर्ति के सिद्धांतों के अंतर्गत स्वतंत्र रुप से कार्य करती है इसे बाजार अर्थव्यवस्था के नाम से जाना जाता है.
समाजवादी अर्थव्यवस्था:- इस प्रकार की अर्थव्यवस्था कार्लमार्क्स के सिद्धांतों पर आधारित व्यवस्था का प्रतिपादन करता है. इसके अंतर्गत उत्पादन के समस्त साधनों पर राज्य और समुदाय का नियंत्रण रहता है. जैसे सोवियत रूस
मिश्रित अर्थव्यवस्था:- इस प्रकार की अर्थव्यवस्था में समाजवादी और पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का मिश्रण होता है. आर्थिक संसाधनों के महत्वपूर्ण भाग पर राज्य का नियंत्रण होता है और उसी के साथ निजी क्षेत्र को विकास का अवसर प्राप्त होता रहता है जैसे भारत
अर्थव्यवस्था के क्षेत्र- अर्थव्यवस्था को इन तीन क्षेत्रों में बांटा जा सकता है. केंद्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा अपनी राष्ट्रीय आय की पहली श्रृंखला में भारतीय अर्थव्यवस्था को 13 क्षेत्रों में विभाजित किया गया था परंतु केंद्रीय सांख्यिकी संगठन ने अपने द्वितीय श्रृंखला जो 1966-67 में जारी की गई थी, में भारतीय अर्थव्यवस्था को तीन क्षेत्रों में प्राथमिक द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों में विभाजित कर दिया.
प्राथमिक क्षेत्रक:- इस क्षेत्र में कृषि, वन क्षेत्र, मत्स्य क्षेत्र और खाने आदि प्राकृतिक संसाधन शामिल हैं. इनसे द्वितीयक क्षेत्र के लिए कच्चा माल मिलता है.
द्वितीयक क्षेत्र:- इस क्षेत्र में प्राकृतिक उत्पादों के विनिर्माण प्रणाली के जरिए अन्य रूपों में परिवर्तित किया जाता है. जैसे गन्ने से चीनी बनाना और गुड़ का निर्माण करना. इसे औद्योगिक क्षेत्र भी कहा जाता है.
तृतीयक क्षेत्र:- इस क्षेत्र में परिवहन, शिक्षा, होटल, भण्डारण, और संचार और सामुदायिक एवं व्यक्तिगत सेवाएं शामिल होती हैं. इसे सेवा क्षेत्रक भी कहते हैं.

Comments

  1. आर्टिकल में बहुत अच्छी जानकारी दी गई हैं।
    लेखक बधाई के पात्र हैं।

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