लॉकडाउन में ऑनलाइन सेमीनार की अनूठी पहल, सीईओ एसपी सेमवाल ने कोरोना वायरस से पैदा हालातों पर पेश किये प्रभावी विचार.

लॉकडाउन में सूचना प्रोद्योगिकी का सदपयोग करते हुए करीबी दो सौ शिक्षकों ने ऑनलाइन सेमीनार में प्रतिभाग कर बतौर मुख्यवक्ता टिहरी के सीईओ एसपी सेमवाल का व्याख्यान सुना. अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की और से आयोजित और करीब डेड घंटे तक चले इस कार्यक्रम में नवल कोरोना वायरस के जोखिम से उपजे हालातों पर विस्तार से चर्चा की गयी.
    सेमीनार में मुख्यवक्ता व टिहरी के मुख्य शिक्षा अधिकारी एसपी सेमवाल ने कहा है की नवल कोरोना वायरस के कारण दुनिया में जो हालात पैदा हुए हैं वे इतिहास का हिस्सा बनेंगे. उन्होंने कहा की इस अदृश्य आपदा ने आज करीब 195 देशों में अपने पैर पसार लिए हैं. कई मुल्कों में भयंकर तवाही मचने के बाबजूद विज्ञान इसका डटकर मुकाबला कर रहा है और बह समय भी आएगा जब विज्ञान इसपर विजय हासिल कर लेगा, उन्होंने कहा की नवल कोरोना वायरस और इसके संक्रमण की पूरी प्रक्रिया को अधिक गंभीरता से समझने की जरूरत है हमारे जीवन को प्रभावित करने वाला आरएनए किसी दूसरे खोल में छिपकर किसी न किसी वाहक के माध्यम से हमारे शरीर में पहुँचता है और उसे प्रभावित करना शुरू कर देता है. बाहर से आकर हमारे शरीर में प्रवेश कर यह वायरस हमारे शरीर की प्रतिरोधी क्षमताओं को क्षीण कर देता है. यह हमारी कोशिकाओं के मूल कार्य में दखलअन्दाजी कर उन्हें लाचार बना देता है. इस संक्रमण का प्रसार गणितीय गुणात्मक रूप से बहुत तीब्रता से बढ़ता चला जाता है. यही कारण है के चीन के वुहान शहर से शुरू हुए इस संक्रमण ने जल्दी ही पूरी दुनिया को अपने प्रभाव में ले लिया. उन्होंने बहुत रोचक ढंग से नवल कोरोना वायरस से जुडी जानकारियाँ प्रतिभागियों के बीच रखी.
      उन्होंने कहा की इस समय विद्यालयों में प्रत्यक्ष अध्यापन की स्थिति संभव नहीं है। ऑनलाइन शिक्षण के अलावा कोई दूसरा विकल्प हमारे पास नहीं है. शिक्षकों के सामने इस समय अनेक चुनौतियां हैं और बच्चों की अपेक्षाएं भी उन्हीं से हैं। इस दौरान प्रतिभागी शिक्षकों द्वारा उनसे अनेक प्रश्न भी किये जिनके उन्होंने रोचक ढंग से जबाब दिए. एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा की इन दिनों इन्शानो के लॉकडाउन में रहने से कारण पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है जो यह सावित करता है की प्रकृति के साथ मानवीय हस्तक्षेप पर प्रभावी नियंत्रण समय की जरूरत बन रही है. इस दौरान अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के प्रमोद पैन्यूली और कृतिका आदि भी ऑनलाइन सेमीनार में मौजूद रहे..

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