शिक्षकों को 31 जुलाई तक स्कूल बुलाने के बजाय घरों से ऑनलाइन पढ़ाने के लिए मानव संशाधन विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों को भेजा पत्र।
मानव संसाधन और विकास मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के शिक्षा सचिवों को पत्र लिखकर 31 जुलाई तक स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को बंद रखने और शिक्षकों को स्कूल बुलाने के बजाय घर से काम करने के लिए कहा है। पत्र में सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों से 50% तक शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को "तत्काल प्रशासनिक कार्य" के लिए स्कूल बुलाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए भी कहा गया है।
स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की सचिव अनीता करवाल द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि "गृह मंत्रालय ने अनलॉक 2 पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत यह निर्देश दिया गया है कि स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान 31 जुलाई, 2020 तक बंद रहेंगे और ऑनलाइन / दूरस्थ शिक्षा की अनुमति जारी रहेगी और इसे प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए शिक्षकों से घरों से ही ऑनलाइन शिक्षण जारी रखा जाय तथा उन्हें स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षिक संस्थानों में नहीं बुलाया जाय।
पत्र में करवाल ने सभी राज्यों के शिक्षा विभाग से अनुरोध किया कि वह स्कूलों और कॉलेजों के बंद रखने के आदेशों का अनुपालन और कड़ाई से कार्यान्वयन सुनिश्चित करे और सभी संबंधित अधिकारियों को उनके सख्त कार्यान्वयन के लिए निर्देशित करे। हालांकि उत्तराखंड में ग्रीष्मावकाश 30 जून को खत्म होने पर अधिकांश शिक्षक अपने विद्यालयों में लौट चुके हैं और विभाग के निर्देशों पर इन दिनों हरेला पर्व पर स्कूलों में वृक्षारोपण और स्वच्छता कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं। विभाग ग्रीष्मावकाश के बाद सभी शिक्षकों को अपने मुख्यालयों में बने रहने के लिए पूर्व में निर्देशित कर चुका है। मानव संसाधन मंत्रालय की सचिव के पत्र पर राज्य के उच्चाधिकारी क्या निर्णय लेते हैं यह एक दो दिनों में स्पष्ट हो पायेगा।
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