जाखणीधार ब्लॉक से हेल्थ ऐंड वेलनेश एम्बेस्डर्स प्रशिक्षण के दूसरे दिन शिक्षक सुनील डंगवाल ने प्रस्तुत की सुंदर आख्या।
आयुष्मान भारत के अंतर्गत इन दिनों जिले के प्रत्येक विद्यलयो में दो दो शिक्षक हेल्थ ऐंड वेलनेश एम्बेस्डर्स के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। पांच दिवसीय यह प्रशिक्षण 30 डिबार तक जिले के सभी विकासखंडों में चलेगा। आज प्रशिक्षण आरम्भ होने से पूर्व मास्टर ट्रेनर्स सुशील डोभाल, मनमोहन कठैत, राकेश शाह और प्रवेश जोशी सहित प्रतिभागी शिक्षकों ने डाइट नई टिहरी के प्राचार्य सीपी नौटियाल के पिता के निधन पर शोक संवेदनाये व्यक्त की। प्रशिक्षण कार्यक्रम पर आज की आख्या शिक्षक सुनील डंगवाल ने निम्नवत प्रस्तुत की है।
शिक्षक सुनील दत्त डंगवाल की प्रस्तुति-
आयुष्मान भारत के अंतर्गत 26 से 30 दिसम्बर 2020 तक चलने वाली *स्वास्थ्यदूत* ऑनलाइन कार्यशाला का आज द्वितीय दिवस रहा,जिसके प्रथम सत्र *पारस्परिक सम्बन्ध* का संचालन श्री राकेश शाह सन्दर्भदाता महोदय द्वारा ठीक 11 बजे प्रारम्भ कर दिया गया। इसमें अधिकांश प्रतिभागियों ने समयप्रबन्धन के महत्व को समझते हुए नियत समय पर अपनी उपस्थिति सुनिश्चित की।
इस सत्र में सन्दर्भदाता श्री शाह द्वारा स्वस्थ पारस्परिक सम्बन्धों की स्थापना हेतु सहानुभूति, समानुभूति, सकारात्मक व नकारात्मक सम्बन्ध,मजबूत नातेदारी/सम्बंध स्थापित करने के उपाय, कटुसम्बंध, सम्प्रेषण-कौशल, सम्प्रेषण-कौशल के प्रकार में-उदासीन,उग्र और मुखर सम्प्रेषण को भली प्रकार से रखा और विभेदित किया गया। साथ ही सामंजस्यपूर्ण सम्बंध तथा समस्या-समाधान के चरणों पर विस्तारपूर्वक चर्चा-परिचर्चा करवाई गई।
सन्दर्भदाता श्रीशाह द्वारा उक्त बिन्दुओं के विस्तीर्ण विवेचन हेतु विभिन्न गतिविधियों का वाचनकर पर्याप्त द्विपक्षीय क्रिया-प्रतिक्रियाएं भी पूरे सत्रकाल के दौरान आमंत्रित की जाती रहीं। सत्र में उपस्थित विभिन्न प्रतिभागियों के साथ ही साथ सर्वश्री/श्रीमती संगीता पंवार,यशपालसिंह, दिनेश बिष्ट, प्रीति थपलियाल, प्रमोद रावत और नरेशमोहन जोशी ने विभिन्न बिंदुओं पर बहस में खूब बढ़चढ़कर हिस्सेदारी की। साथ ही ठीक 12 बजे सन्दर्भदाता महोदय द्वारा सत्र समाप्ति की घोषणा के साथ ही भोजनावकाश की घोषणा भी कर दी गई।
भोजनावकाश के बाद द्वितीय सत्र में अधिकतर उत्साही साथी पूर्व निर्धारित समय 2 बजे अपराह्न से पहले ही उपस्थित हो गए। इस सत्र में सन्दर्भदाता श्रीमनमोहनसिंह कठैत ने *मूल्य एवं नागरिकता* मॉड्यूल के तहत मूल्य आधारित गतिविधियां और उनके अनुप्रयोगों से रू-ब-रू कराते हुए नकारात्मक व सकारात्मक मूल्य, मूल्य आधारित निर्णय, समवयस्क समूह में मूल्य सम्बन्धी दबाव, दुविधा की स्थिति में मूल्यों से मिलने वाली सुरक्षा आदि पर गम्भीर विचारविमर्श करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। इस दौरान प्रतिभागी श्री सुनीलदत्त डंगवाल ने समस्याओं के समाधान में कारगर *'POWER'* मॉडल का विस्तृत वर्णन किया।
अंत में सन्दर्भदाता महोदय द्वारा उदघाटित किया गया कि संवेदनशीलता ही प्रस्तुत मॉड्यूल की आत्मा है, के तहत संवेदनशीलता बनाम स्वभाव, सक्रिय नागरिकता परियोजना तथा दिव्यांगता के प्रति संवेदनशील होने के लिये कुछ जरूरी गतिविधियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। प्रथम सत्र की भांति ही समस्त प्रतिभागियों के साथसाथ इस सत्र में भी सर्वश्री/श्रीमती संगीता पंवार,प्रमोद रावत, यशपालसिंह, रेखा कुकरेती, ओमप्रकाश बिजल्वाण, अनु उनियाल, दिनेश रावत, विवेकचन्द, सुनीता सजवाण तथा नेहा शर्मा ने विभिन्न बिंदुओं पर प्रदत्त अपनी प्रतिक्रियाओं/टिप्पणियों से विमर्श को अत्यधिक सरस व जीवन्त बना दिया।
तत्पश्चात सन्दर्भदाता महोदय द्वारा 3:30बजे अपराह्न के बाद वर्तमान सत्र और आज के कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा कर दी। साथ ही सभी प्रतिभागियों ने अलविदा ली।
साभार- सुनीलदत्त डंगवाल
डंगवाल सर आपके द्वारा बहुत ही सुन्दर
ReplyDeleteआख्या प्रस्तुत की गई है। धन्यवाद।