वेलनेश एम्बेस्डर्स प्रशिक्षण के समापन पर शिक्षक नरेंद्र सिंह भंडारी ने प्रस्तुत की शानदार रिपोर्ट।


 आयुष्मान भारत "प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना" के अंतर्गत 26.12.2020 से 30.12.2020 तक चलने वाला संस्थाध्यक्षों और health and wellness ambassadors के रुप में शिक्षकों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण 30.12.2020 को विधिवत सम्पन्न हुआ। इस प्रशिक्षण को सफल बनाने में विशेषकर संदर्भ दाताओं, टैकनीकल स्टाफ, बी.ई.ओ.सर, डोभाल सर, व शिक्षक-शिक्षकाओं एक का नाम न लेते हुए जिन्होंने अनुशासित, संयमित, विधिवत,तिथिवद्ध  व क्रमवद्व  भाग लिया वे सभी बधाई के पात्र हैं, आप सभी ने इस प्रशिक्षण को शत् प्रतिशत सफल बनाने में सहयोग दिया। इस प्रशिक्षण में कई महत्वपूर्ण विंदुओ चर्चा हुई व महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की गई। इसके लिए सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद व नववर्ष की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं।
       प्रशिक्षण प्रथम सत्र= आज प्रथम सत्र के माड्यूल के अंतर्गत इंटरनेट एवं शोशल मीडिया में सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा देना विषय पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई।इसका संचालन संदर्भ दाता श्री प्रवेश चंद्र जोशी जी द्वारा बहुत ही सरल व सटीक ढंग से किया गया। जो बहुत ही प्रभावशाली रह।  संदर्भ दाता द्वारा शोशल मीडिया का उपयोग, उसके गुण दोष, शोशल मीडिया का दुरुपयोग,साइबर क्राइम्स, जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। यह समझाने की कोशिश की गई कि छात्रों तक यह जानकारी कैसे पंहुचाई जाय, जिससे वे गलत खबरों,नकली मैसेज,वायरल खबर से बचा जा सके जिससे समाज में उनको कोई नुक्सान ना हो। शोशल मीडिया का सदुपयोग करके वे अपनी जानकारी व ज्ञान को बढ़ा सकें। भ्रामक व लुभावने विज्ञापनों से दूर रहें। कोई वस्तु व सामान खरीदने से पहले उसकी बारीकी से जांच कर लें।

         द्वितीय सत्र ‌‌=दितीय सत्र की शुरुआत माड्यूल- हिंसा और चोट के खिलाफ से हुई। इसका संचालन श्री मनमोहन सिंह कठैत जी के द्वारा किया गया। इस विषय को आडियो, वीडियो व गतिविधि के माध्यम से बड़े ही रोचक तरीके से समझाया गया। इस माड्यूल में विशेषकर जो मुददे उभरकर आए हैं वो इस प्रकार हैं जैसे-घरेलू हिंसा, लिंग भेद आधारित हिंसा, सामाजिक हिंसा, छेड़छाड़ हिंसा,योन हिंसा, पारिवारिक हिंसा, भावात्मक हिंसा, द्रव्य हिंसा, कुविचार हिंसा, मिथ्या भाषण हिंसा,द्वेष हिंसा, बैचारिक हिंसा, विरोधी हिंसा, असहमति हिंसा,सांम्रदायिक हिंसा आदि-आदि। यह भी चर्चा की गई कि जिस प्रकार की भी हिंसा हो उसकी पहचान फिर उसका वर्गीकरण व समाधान/रोकथाम कैसे की जाए। अगर कोई हिंसा हो रही हो तो उसको दोस्तों, परिवार, अभिभावक, रिश्तेदार, शुभचिंतक व अन्य माध्यमों से इसका समाधान निकाला जा सकता है। अगर किसी हिंसा का समाधान नहीं होता है तो पुलिस से सहायता ली जा सकती है। पोक्सो एक्ट के अंतर्गत भी इसका समाधान है सीधे टाल फ्री न. 1098 पर संपर्क कर त्वरित कार्रवाई की जाती है। छात्रों के परिप्रेक्ष्य में इसकी जानकारी हमें विधालय स्तर भी देनी चाहिए।


   प्रशिक्षण उपसंहार= आज के प्रशिक्षण से हमें बहुत ही सकारात्मक जानकारियां प्राप्त हुई है , जिसका लाभ हमें छात्रों को विधालय स्तर पर दे सकते हैं जो इस देश का भविष्य है। शोशल मीडिया जो आज सभी की जरूरत है उसका लाभ हम ज्यादा से ज्यादा बच्चों व समाज तक पहुंचाएं। हिंसा भी आज के समाज में विकृत रूप ले रही है इस विषय पर भी खुलकर छात्रों से चर्चा करनी चाहिए। इसी के साथ आज की आख्या/प्रतिवेदन को यहीं पर पूर्ण विराम देता हूं। आप सभी के अमूल्य सहयोग के लिए धन्यवाद। कुछ छुट गया हो या गलती हो तो माफी चाहता हूं। पुनः नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ----

  नरेंद्र सिंह भंडारी, उ.प्रा.वि.खांड

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