डायट नई टिहरी के प्राचार्य ने पंचायत प्रतिनिधियों से की स्कूली बच्चों को आईसीटी के साधनों से शिक्षण के लिए प्रेरित करने की अपील।

     

प्राचार्य डायट, नई टिहरी- चेतन प्रसाद नौटियाल
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान नई टिहरी के प्राचार्य चेतन प्रसाद नौटियाल ने जनपद टिहरी गढ़वाल के समस्त त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों से कोविड 19 के जोखिम को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन शिक्षण और आईसीटी के विभिन्न साधनों जैसे डीटीएच, फ्री टू एयर, टेलीविजन और इंटरनेटयुक्त स्मार्टफोन आदि के माध्यम से शिक्षण के लिए स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों को प्रेरित करते हुए उन्हें यथासंभव सहयोग देने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि पंचायत प्रतिनिधियों का अपने क्षेत्र के अभिभावकों के बीच अच्छा प्रभाव होता है जिसका उपयोग स्कूली बच्चों व अभिभावकों को इन माध्यमो से शिक्षण के लिए प्रेरित करते हुए किया जा सकता है।

 जनपद के समस्त ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों और जिला पंचायत सदस्यों को निर्गत किए गए पत्र में प्राचार्य ने कहा है कि विगत 1 वर्ष से कोविड-19 के प्रभाव से स्कूली बच्चों की शिक्षा दीक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ा है जिस कारण बच्चे और उनके अभिभावक इस अनिश्चितता को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों की शिक्षा दीक्षा के साथ ही उनके उचित स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जाना आवश्यक है क्योंकि बच्चों के सेहत के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है लिहाजा महामारी के इस दौर में स्कूल कॉलेजों के बंद रहने के कारण शिक्षण के लिए आईसीटी (सूचना एवं संचार तकनीकी) के साधनों का उपयोग करते हुए बच्चों की शिक्षा दीक्षा में निरंतरता रखी जा सकती है, किंतु जानकारी के अभाव में बहुत कम विद्यार्थी ही शिक्षण में इन साधनों का उपयोग कर पा रहे हैं।

उन्होंने कहा है कि है समाज में हर जागरूक नागरिक का यह नैतिक दायित्व है कि वह विद्यार्थियों को हर प्रकार से सहयोग करते हुए उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। कोविड-19 महामारी के कारण स्कूल कॉलेज पिछले लंबे समय से बंद चल रहे हैं, छुट्टियों के दौरान विद्यार्थियों को लंबे समय तक घर पर रहने के कारण वह अपनी पढ़ाई ऑनलाइन माध्यमों से भी सुचारू रूप से जारी रख सकते हैं। वर्तमान समय विज्ञान एवं तकनीकी का युग है। कोरोनावायरस ने इंसान को बहुत कुछ सीखने के अवसर सुलभ करा दिए हैं। आज केवल शिक्षक और विद्यार्थी ही नहीं बल्कि आमलोग और सामान्य गृहणियां भी इंटरनेटयुक्त स्मार्टफोन आदि के माध्यम से किसी भी प्रकार से ऑनलाइन शिक्षण से जुड़ सकते हैं।


प्राचार्य ने कोविड-19 के कारण विद्यार्थियों की शिक्षा दीक्षा पर पढ़ रहे बुरे प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि विद्यार्थियों को इस समय केवल आईसीटी के विभिन्न साधनों के उपयोग के द्वारा सीखने पर जोर दिया जा सकता है। उन्होंने  कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों का ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक परिवारों के साथ गहरा संबंध होता है और विद्यार्थियों के अभिभावक पंचायत प्रतिनिधियों की पहुंच में होते हैं इसलिए जनप्रतिनिधि स्कूली बच्चों को और उनके अभिभावकों को घरों में रहते हुए आईसीटी के विभिन्न साधनों जैसे मोबाइल कंप्यूटर टेलीविजन इंटरनेट आदि के माध्यम से शिक्षण के लिए प्रेरित कर सकते हैं और उनको अपना सहयोग देकर समाज के इस पुनीत कार्य में भागीदारी कर सकते हैं। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों को पीएम ई-विद्या कार्यक्रम के बारे में अवगत करा करते हुए बताया कि भारत सरकार के द्वारा विद्यालय शिक्षा की निरंतरता को सुनिश्चित करने और विशेष रूप से मौजूदा परिस्थितियों में बच्चों की शिक्षा दीक्षा सुचारू रखने के लिए 17 मई 2020 को पीएम ई-विद्या नामक महत्वकांक्षी कार्यक्रम आरंभ किया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत देश भर में लगभग 25 करोड़ छात्र छात्राओं को लाभान्वित करने का प्रयास किया जा रहा है। ई-विद्या भारत सरकार का एक पोर्टल है जिसमें  विद्यालयी शिक्षा के साथ ही उच्च शिक्षा से संबंधित कार्यक्रम भी उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि e-vidya कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूली बच्चों को घरों में रहने के दौरान पठन-पाठन से संबंधित अनेक कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जिसमें टेलीविजन पर स्वयंप्रभा के 34 शैक्षिक चैनलों का समूह बेहद उपयोगी साबित हो रहा है। इन चैनलों को डीटीएच, केबल टीवी, इंटरनेट, यूट्यूब, स्काई, डिश टीवी जैसे प्लेटफार्म पर निशुल्क देखा जा सकता है। स्वयंप्रभा के अंतर्गत विभिन्न आयु वर्ग और कक्षाओं को ध्यान में रखते हुए कुल 34 शैक्षिक चैनल डीटीएच के माध्यम से निशुल्क प्रसारित होते हैं, किंतु जानकारी के अभाव में अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकतर बच्चे और अभिभावक इन चैनलों का उपयोग सीखने के लिए नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन चैनलों के माध्यम से स्कूली बच्चों को बेहद रोचक ढंग से आईसीटी के आधुनिक साधनों के माध्यम से प्रशिक्षित शिक्षकों के द्वारा टेलीविजन के माध्यम से रोचक ढंग से अध्ययन करवाया जाता है। प्राचार्य ने पंचायत प्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र के अंतर्गत कक्षा एक से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने और आईसीटी के विभिन्न उपकरणों का शिक्षण में उपयोग करने के लिए विद्यार्थियों और अभिभावकों को प्रेरित करते हुए सहयोग करने की अपील की है। 

डायट के प्राचार्य सीपी नौटियाल ने बताया कि स्कूली बच्चों को आईसीटी के इन साधनों से जोड़ने के उद्देश्य से और ऑनलाइन माध्यम से अध्यापन में सहयोग के उद्देश्य से डायट नई टिहरी द्वारा प्रत्येक विकास खंडों में मेंटर नियुक्त किए गए हैं। जिसके अंतर्गत विकासखंड जौनपुर में नरेश चंद्र कुमाई, राजेंद्र प्रसाद बडोनी तथा निर्मला, विकासखंड थोलधार में मीनाक्षी त्यागी व शुभराल सिंह नेगी, प्रताप नगर में मनवीर नेगी और कैलाश डंगवाल, भिलंगना में श्री जितेंद्र सिंह राणा और डॉक्टर वीर सिंह रावत, जाखणीधार में विनोद पेटवाल और सरिता अस्वाल, कीर्तिनगर में सुधीर चंद्र नौटियाल, देवप्रयाग में देवेंद्र सिंह भंडारी , नरेंद्रनगर में सत्येश्वर प्रसाद मालगुडी और कृष्ण भूषण पेटवाल तथा चंबा विकासखंड में दीपक रतूड़ी और प्रमोद कुमार गुधेनिया को मेंटर नियुक्त किया गया है। पीएम e-vidya और स्वयं प्रभा चैनलों के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षण के लिए सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए संबंधित विकास खंडों में नियुक्त किए गए मेंटर से संपर्क किया जा सकता है। इसके साथ ही ऑनलाइन और टेलीविजन के माध्यम से पठन-पाठन के संदर्भ में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान नई टिहरी मैं ऑनलाइन पठन-पाठन की प्रभारी व डायट प्रवक्ता सरिता अस्वाल के मोबाइल नंबर 97203 82260 पर भी संपर्क किया जा सकता है।

Comments

Popular posts from this blog

School prayer: स्कूल के लिए 20 प्रसिद्ध प्रार्थना, जो बना देंगी विद्यार्थियों का जीवन सफल

Pariksha Pe Charcha 2024: PM Modi जनवरी में करेंगे परीक्षा पे चर्चा, आप भी हो सकते हैं शामिल, यहां करना होगा PPC 2024 के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

NEP 2020: FLN क्या है और इसके क्या उद्देश्य हैं? यहां पढ़ें।