कक्षा 11, अर्थशास्त्र के प्रमुख स्मरणीय बिंदु।


सुशील डोभाल, प्रवक्ता अर्थशास्त्र
    प्रिय विद्यार्थियों, आप सभी जानते हैं कि भारत में कोरोना वायरस की तीसरी लहर के बेहद भयावह रूप लेने की संभावना है. दुनिया में इस समय भारत भी सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित देशों की सूची में शामिल है.एक्सपर्ट्स का मानना है कि तीसरी लहर देश में ही विकसित हुए कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन्स यानी वैरिएंट की वजह से बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक होने की संभावना है. इसके जोखिम को देखते हुए एक बार फिर से स्कूल कॉलेज बंद हैं और ऐसी परिस्थितियों में आपकी शैक्षिक प्रगति भी बाधित होनी स्वाभाविक है। आप सभी को इस भयानक वायरस से सुरक्षा के तमाम उपायों को अपनाते हुए एक बार पुनः ऑनलाइन अध्ययन के माध्यम से अपने पाठ्यक्रम पर ध्यान देना होगा। तो आइए शुरू करते हैं "कक्षा 11, अर्थशास्त्र के प्रमुख स्मरणीय बिंदु।" (इन बिंदुओं का ध्यानपूर्वक अध्ययन करें और अपनी पुस्तिकाओं में नोट करें।)

 स्मरणीय बिन्दु-

  • अर्थशास्त्रः इसका अध्ययन है कि कोई व्यक्ति या समाज अपने वैकल्पिक प्रयोग वाले दुर्लभ ससांधनों का प्रयोग अपनी आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए तथा उनका वितरण समाज में विभिन्न व्यक्तियों और समूहों के बीच उपभोग के लिए केसे करें।
  • उपभोक्ता- एक उपभोक्ता वह होता है जो अपनी आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए मुद्रा व्यय करके वस्तुओं और सेवाओं का उपभोग करता है।
  • उत्पादक- वह है जो आय के सृजन के लिए वस्तुओं व सेवाओं का उत्पादन करता है।
  • सेवाप्रदाता- वह है जो किसी को भुगतान के बदले में किसी किस्म की सेवा प्रदान करता है।
  • सेवाधारक- वह है जो किसी अन्य व्यक्ति के लिए कार्य करता है और इसके लिए मजदूरी या वेतन के रुप में भुगतान प्राप्त करता है।
  • आर्थिक गतिविधियाँ- वे सभी गतिविधियाँ जो जीविका अर्जित करते हेतु की जाती है। उदाहरण एक कारखाने में कार्यरत श्रमिक।
  • गैर आर्थिक गतिविधियाँ- वे गतिविधियाँ जो धन के सृजन से सम्बंधित नहीं है। एक अध्यापक द्वारा अपने स्वयं के पुत्र को पढ़ाना।
  • मुख्य आर्थिक गतिविधियें।
  1. उपभोग
  2. उत्पादन
  3. वितरण
  • दुर्लभता- माँग की अपेक्षा पूर्ति की सीमितता से होता है।
  • सांख्यिकी- संख्यात्मक विवरणों के सुव्यवस्थित विवेचन को सांख्यिकी कहते हैं।
    1. एक वचन के अर्थ में, सांख्यिकी का सरोकार परिमाणात्मक सूचना के संग्रहण, प्रस्तुतीकरण, विश्लेषण व निर्वचन से होता है।
    2. बहुवचन के अर्थ में, संख्यात्मक तथ्यों के संग्रहण से होता है।
  • सांख्यिकी आँकड़ें
    1. परिमाणात्मक आँकड़े
      • छात्रों के अंक
      • व्यक्तियों की ऊँचाई
    2. गुणात्मक आँकड़े
      • सुंदरता
      • ईमानदारी
  • सांख्यिकी को कार्य
    1. जटिल तथ्यों को सरल करना।
    2. तथ्यों को निश्चित स्वरुप में प्रस्तुत करना।
    3. नीति निर्माण में सहायता करना।
    4. पूर्वानुमान में सहायता करना।
    5. तथ्यों की तुलना करना।
    6. व्यक्तिगत ज्ञान और अनुभव को बढ़ाना।
  • अर्थशास्त्र में सांख्यिकी का महत्व
    1. अर्थशास्त्र की प्रत्येक शाखा इसके विभिन्न आर्थिक सिद्धांतों को सिद्ध करने के लिए सांख्यिकी से सहायता लेती है।
    2. आर्थिक समस्या को समझने और हल करने में सहायता करता है।
    3. बाजार संरचनाओं का अध्ययन।
    4. गणितीय संबंध स्थापित करने में सहायता करती है।
    5. विभिन्न आर्थिक अवधारणाओं के व्यवहार के अध्ययन में सहायक।
  • सांख्यिकी का क्षेत्र
    आज के युग में सांख्यिकी का महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है। ऐसा कोई क्षेत्र प्रतीत नहीं होता जहाँ सांख्यिकी का प्रयोग न होता है। विभिन्न क्षेत्रों में सांख्यिकी का प्रयोग होता है।
    1. सरकार
    2. व्यवसाय
    3. प्राकृतिक विज्ञान
    4. अनुसंधान आदि।
      अतः प्रत्येक शास्त्र सांख्यिकी से थोड़ा व अधिक जुड़ा है।
  • सांख्यिकी की सीमाएँ
    • गुणात्मक घटनाओं का अध्ययन नहीं करती।
    • व्यक्तिगत इकाईयों से सरोकार नहीं रखती।
    • निष्कर्ष केवल औसत रुप में सत्य है।
    • केवल विशेषज्ञ की इसका सर्वोत्तम प्रयोग कर सकते हैं।
    • सांख्यिकी ऑकड़े एक समान और समरुप होने चाहिए।
    • सांख्यिकी का दुरुपयोग हो सकता है।

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