तो क्या फिलहाल प्रधानाचार्य विहीन ही रह जाएंगे अधिकांश अटल उत्कृष्ट विद्यालय?
राज्य में स्कूली शिक्षा में सुधार और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में अंग्रेजी माध्यम के साथ सीबीएसई संबद्धता के साथ राज्य सरकार ने 189 अटल उत्कृष्ट इंटर कॉलेजों के रूप में चयन किया था। वर्तमान सत्र में 180 अटल उत्कृष्ट विद्यालय को सीबीएसई की संबद्धता भी मिल चुकी है। इन विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए पूर्व में विभाग विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर माध्यम से सहायक अध्यापकों और प्रवक्ताओं की नियुक्ति के लिए प्रवेश परीक्षा के माध्यम से शिक्षकों की भी तैनाती कर चुका है। लेकिन विद्यालयों में प्रधानाचार्य के अधिकतर पद रिक्त होने के कारण व्यावहारिक समस्याएं पैदा हो रही है। गत दिवस विद्यालय शिक्षा परिषद द्वारा इन विद्यालयों के लिए प्रधानाचार्य पदों पर प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई। इस परीक्षा में राज्य से केवल 38 हाई स्कूल प्रधानाध्यापक एवं इंटर कॉलेज प्रधानाचार्यों द्वारा ही रुचि दिखाते हुए परीक्षा में प्रतिभाग किया गया, जबकि बड़ी संख्या में राज्य में प्रधानाचार्य के पद रिक्त है। विभाग ने इन विद्यालयों में प्रधानाचार्य की तैनाती अपनी प्राथमिकता में रखी है किंतु कम संख्या में परीक्षा में शामिल होने के चलते फिलहाल सभी विद्यालयों को प्रधानाचार्य मिलने सम्भव नही हैं।अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के रूप में चयनित किए गए बहुत कम विद्यालय ही ऐसे हैं जहां पर पूर्णकालिक प्रधानाचार्य पदस्थापित है। चयन परीक्षा में सम्मिलित होने वाले 38 प्रधानाचार्य भी तभी अटल उत्कृष्ट विद्यालय में कार्यभार ग्रहण करेंगे जब उन्हें उनकी पसंद के विद्यालयों में पोस्टिंग मिल पाएगी। ऐसी स्थिति में अधिकतर विद्यालयों का फिलहाल प्रधानाचार्य विहीन रहना ही तय माना जा रहा है।
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