टिहरी गढ़वाल के अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष में छात्र छात्राओं ने विभिन्न कार्यक्रमों के द्वारा गढ़वाली बोली को बढ़ावा देने का संकल्प लिया है। इस अवसर पर प्रधानाचार्य एलपी डोभाल ने अभिभावकों से भी बच्चों को मातृभाषा में वार्तालाप को प्रोत्साहित करने की अपील की है।
उल्लेखनीय है कि 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में पूरी दुनिया में भाषाई एवं सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देने के लिए मातृभाषा दिवस मनाया जाता है। राज्य के विद्यालयों में प्रतिवर्ष इस दिन मातृभाषा पर आधारित विभिन्न कार्यक्रम जैसे भाषण, कविता लेखन, निबंध आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। इसी क्रम में राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार टिहरी गढ़वाल में भी स्कूली बच्चों ने मध्याह्न के बाद विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से गढ़वाली बोली को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। कॉलेज के हिंदी प्रवक्ता डॉ कपिल देव सेमवाल तथा सहायक अध्यापक अरविंद बहुगुणा के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने अनेक रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से गढ़वाली बोली को उत्कृष्ट बोली के रूप में प्रस्तुत किया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य लक्ष्मी प्रसाद डोभाल ने बच्चों से हमेशा मातृभाषा को अपनी पहचान के रूप में स्वीकार करते हुए सम्मान के साथ इसके प्रयोग का आवाहन किया। उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की कि वह अपने बच्चों को मातृभाषा में वार्तालाप के लिए हमेशा प्रेरित करें।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रवक्ता सुशील डोभाल ने बच्चों को जानकारी दी कि आज ही के दिन 1952 में ढाका विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपनी मातृभाषा का अस्तित्व बनाए रखने के लिए एक विरोध प्रदर्शन किया था। यह विरोध प्रदर्शन बहुत जल्द एक नरसंहार में बदल गया जब तत्कालीन पाकिस्तान सरकार की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसा दी। इस घटना में 16 लोगों की जान चली गई थी। भाषा के इस बड़े आंदोलन में शहीद हुए लोगों की याद में 1999 में यूनेस्को ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने की घोषणा की थी। कह सकते हैं कि बांग्ला भाषा बोलने वालों के मातृभाषा के लिए प्यार की वजह से ही आज विश्व में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है।
Very nice👍
ReplyDeleteThanks ma'am.
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