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School Education Uttarakhand: प्रधानाचार्यों के 50 प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती के मुद्दे पर दो धड़ों में बंटते नजर आ रहे हैं राजकीय शिक्षक।
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उत्तराखंड के इंटर कॉलेज और हाई स्कूलों में बड़ी मात्रा में प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापकों के पद रिक्त चल रहे हैं। पद रिक्त होने के कारण इन विद्यालयों में अनेक समस्याएं पैदा हो रही है। शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि इसके लिए प्रधानाचार्य सेवा नियमावली में बदलाव किया जाएगा। शिक्षा मंत्री के मुताबिक प्रदेश में प्रधानाचार्य के 950 पद इस समय खाली हैं। इन पदों को भरने के लिए मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को प्रधानाचार्य के 50 प्रतिशत पदों को सीधी भर्ती से एवं अन्य 50 प्रतिशत पदों को पदोन्नति से भरने के लिए नियमावली बनाने के निर्देश दिए हैं।
शिक्षा मंत्री की इस कदम के बाद से राज्य की माध्यमिक शिक्षक 50 प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती के पक्ष और विरोध दो धड़ों में बंटते नजर आ रहे हैं। राजकीय शिक्षक संघ के कई पदाधिकारियों सहित जहां अनेक शिक्षक सोशल मीडिया पर सीधी भर्ती का खुलकर विरोध कर रहे हैं वहीं कई शिक्षक सीधी भर्ती को अधिक व्यावहारिक बताते हुए इसका पुरजोर समर्थन भी कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि राज्य में पदोन्नति की प्रक्रिया अत्यधिक लंबी और तमाम व्यावहारिक समस्याओं से उलझी हुई है इसके लिए दर्जनों बार निदेशालय स्तर से सीआर मांगी जाती रहती है, और इस दौरान अनेक शिक्षक पदोन्नति से वंचित रहते हुए सेवानिवृत्त भी हो जाते हैं। कुछेक पदों पर शिक्षक प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य के रूप में पदोन्नत हो भी जाते हैं तो उनके पास कार्यकाल बहुत कम होता है। सेवाकाल के अंतिम वर्षो में पदोन्नति होने पर अल्प समय के कार्यकाल में उनके लिए शैक्षिक सुधार कर पाना चुनौती भरा होता है। शिक्षकों का कहना है कि 50 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती के माध्यम से योग्य शिक्षकों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
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'प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती अथवा पदोन्नति' पर अपने सुझाव कमेंट करें-
Comments
पदोन्नति से भरे जाय
ReplyDelete100% पदोन्नति से भरे जाय।
ReplyDelete50% सीधी भर्ती से भरे जायें ।
ReplyDelete50%
ReplyDeleteseedhi bharti se baare jaye