विद्यालयी शिक्षा विभाग ने जारी किए यह निर्देश- अब सभी माध्यमिक शिक्षको को इस प्रपत्र पर करना होगा अपने कार्यों का स्वमूल्यांकन
Uttarakhand School Education: उत्तराखंड के सभी माध्यमिक शिक्षकों को अब अपने शिक्षण कार्यों का स्वमूल्यांकन करना होगा। विभाग द्वारा शिक्षकों के लिए 24 बिंदुओं पर आधारित स्वमूल्यांकन प्रपत्र तैयार किया गया है। शिक्षण प्रक्रिया को छात्रकेंद्रित बनाने के लिए शिक्षकों को वर्ष में दो बार स्वमूल्यांकन प्रपत्र पर अपने शिक्षण कार्यों का मूल्यांकन करते हुए प्रधानाचार्य के माध्यम से विभाग को भेजना होगा। निदेशक माध्यमिक शिक्षा आरके कुंवर ने सभी जिलों की मुख्य शिक्षा अधिकारियों के लिए इस बाबत निर्देश जारी किए हैं।
आरके कुंवर, निदेशक माध्यमिक शिक्षा |
विद्यालयी शिक्षा विभाग उत्तराखंड द्वारा माध्यमिक स्तर के सभी शिक्षकों के लिए स्वमूल्यांकन के निर्देश जारी किए गए हैं। निदेशक माध्यमिक शिक्षा आरके कुंवर ने कहा है कि समुदाय और राष्ट्र के विकास में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। छात्र-छात्राओं को अपेक्षित ज्ञान व कौशल विकास के साथ-साथ आदर्श एवं नैतिक गुणों को विकसित करने के लिए शिक्षण संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है तथा शिक्षकों द्वारा पठन-पाठन के दौरान जो शैक्षणिक गतिविधियां अपनाई जाती है उनका मूल्यांकन स्वयं शिक्षक द्वारा बेहतर ढंग से किया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि विभाग द्वारा शिक्षकों का 24 बिंदुओं पर आधारित स्वमूल्यांकन प्रपत्र तैयार किया गया है, जिन पर शिक्षक अपनी बेसिक जानकारी के साथ ही शिक्षण कार्यों से संबंधित आत्ममंथन करते हुए स्वमूल्यांकन करेंगे तथा स्वमूल्यांकन प्रपत्र को प्रधानाचार्य से अग्रसारित करवाते हुए खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से विभाग को भेजेंगे। उन्होंने सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को माध्यमिक स्तर के सभी शिक्षकों के लिए अर्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षाओं से पूर्व दो बार स्वमूल्यांकन प्रपत्र भरकर भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि विद्यालय स्तर पर प्रत्येक शिक्षक की शिक्षण संबंधी गतिविधियों एवं कर्मोत्तर प्रयासों का विवरण एक पंजिका में संकलित किया जाएगा जिससे शिक्षकों को निरंतर अपनी शैक्षिक रणनीति को विकसित करने के अवसर भी मिल सकेंगे।
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