PM SHRI GIC Jakhnidhar: पीएम श्री राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार में शीघ्र ग़ठित होगी पूर्व छात्र परिषद, छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए पूर्व छात्रों से भी लिया जाएगा सहयोग, कॉलेज ने जारी किया Alumni Registration Link

राष्ट्रीय प्रतिज्ञा को असल रूप से 1962 में, लेखक प्यिदीमर्री वेंकट सुब्बाराव द्वारा, तेलुगू भाषा में रचा गया था और इसका पहला सार्वजनिक पठन 1963 में विशाखापट्टणम के एक विद्यालय में हुआ था, बाद में इसका अनुवाद कर के भारत की सभी अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में इसका प्रसार किया गया।
भारत मेरा देश है।समस्त भारतवासी मेरे भाई-बहन है ।
मैं अपने देश से प्रेम करता हुँ ।इसकी समृद्ध एवं विविध संस्कृति पर मुझे गर्व है।
मैं सदा इसका सुयोग्य अधिकारी बनने का प्रयत्न करता रहूंगा।
मैं अपने माता-पिता, शिक्षकों एवं गुरुजनों का सम्मान करूंगा और प्रत्येक के साथ विनम्र व्यवहार रखूंगा ।
मैं अपने देश और देशवासियों के प्रति सत्यनिष्ठा की प्रतिज्ञा करता हुं ।
इनके कल्याण एवं समृद्धि में ही मेरा सुख निहित है।
India Is My Country And All Indians Are My Brothers And Sisters.
I Love My Country And I Am Proud Of Its Rich And Varied Heritage.
I Shall Always Strive To Be Worthy Of It.
I Shall Give Respect To My Parents, Teachers And All The Elders And Treat Everyone With Courtesy.
To My Country And My People, I Pledge My Devotion.
In Their Well Being And Prosperity Alone, Lies My Happiness.
भारतं अस्माकं मातृभूमि:।
वयं सर्वे भारतीया: भ्रातरः भगिन्यः च। अस्माकं मातृभूमि: प्राणेभ्योsपि प्रियतरा अस्ति।
अस्या: समृद्धौ विविध-संस्कृतौ च अस्माकं गर्वः अस्ति।
वयं अस्या: सुयोग्याः अधिकारिणः भवितुं सदा प्रयत्नं करिष्याम:।
वयं स्वमातापित्रो: शिक्षकाणां गुरुजनानां च आदरं करिष्याम: सर्वैः च सह शिष्टतया व्यवहारं करिष्याम:।
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Sourabh
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