उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के स्थानांतरण की कवायद शुरू हो गई है। वर्षों से एक ही स्थान पर दुर्गम और सुगम विद्यालयों में तैनात शिक्षक जहां अनिवार्य स्थानांतरण की जद में आ रहे हैं वहीं राज्य के सभी 189 अटल उत्कृष्ट इंटर कॉलेजों के शिक्षकों को अनिवार्य स्थानांतरण के दायरे से बाहर रखते हुए इन विद्यालयों के शिक्षकों को दुर्गम की सेवा का लाभ मिलना भी तय माना जा रहा है।
लंबे समय से ट्रांसफर की की आस लगाए बैठे शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत स्थानांतरण की कवायद शुरू हो गई है। शासन के निर्देशों पर विभाग द्वारा स्थानांतरण के लिए तय समय सारणी के अनुसार इन दिनों शिक्षक अनिवार्य तथा अनुरोध के आधार सहित विभिन्न वर्गों के अंतर्गत स्थानांतरण के लिए आवेदन कर रहे हैं। सुगम श्रेणी के विद्यालयों में लंबे समय से तैनात शिक्षकों का अनिवार्य स्थानांतरण के अंतर्गत जहां दुर्गम क्षेत्रों के विद्यालयों में ट्रांसफर होना तय माना जा रहा है वही वर्षों से दुर्गम श्रेणी के विद्यालयों में फंसे शिक्षकों की सुगम श्रेणी के विद्यालयों में स्थानांतरण की एक बार फिर आस जगी है।
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दूसरी ओर राज्य के अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेजों में तैनात शिक्षकों को अनिवार्य स्थानांतरण के दायरे से बाहर रखते हुए इन विद्यालयों के शिक्षकों को दुर्गम की सेवा का लाभ मिलना तय है। 23 जुलाई 2021 को निर्गत शासनादेश के अनुसार राजकीय अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में तैनात होने वाले प्रधानाचार्यों, शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को तबादला एक्ट के दायरे से बाहर किया जा चुका है। इन विद्यालयों में कार्यरत कार्मिक पांच वर्ष की सेवा के दौरान अनिवार्य स्थानांतरण से मुक्त रहेंगे साथ ही सुगम के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की तैनाती को दुर्गम की सेवा माना जाएगा। शासन ने अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में प्रधानाचार्यों व शिक्षकों की तैनाती के संबंध में 23 जुलाई 2021 को 15 बिंदुओं पर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये थे। राज्य में इस समय अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की संख्या 189 है। इन विद्यालयों में करीब चार हजार से अधिक शिक्षक और कर्मचारी तैनात हैं। विभागीय पोर्टल पर अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की श्रेणी में परिवर्तन किया जाना है परिवर्तन के बाद सुगम क्षेत्रों के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की सेवा को दुर्गम क्षेत्र के विद्यालयों की सेवा के समान आंकलन किया जाएगा, जबकि दुर्गम क्षेत्र के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की 1 वर्ष की सेवा को 2 वर्ष के बराबर माना जाएगा। हालांकि अभी पोर्टल पर अटल उत्कृष्ट विद्यालय की श्रेणी परिवर्तित नहीं की गई है। विभागीय स्तर पर यह परिवर्तन शीघ्र किए जाने की संभावना है। सभी अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक और कार्मिक ने इन विद्यालयों को विभागीय पोर्टल पर शीघ्र दुर्गम श्रेणी के विद्यालयों में परिवर्तित करने की मांग कर रहे हैं।
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