Featured post

School Education: मिड डे मील की राशि के लिए स्कूल में मिले 50 फीसदी पंजीकरण फर्जी, प्रधानाध्यापिका हुई निलंबित

Image
सितारगंज में निरीक्षण के दौरान जिला शिक्षाधिकारी (डीईओ) ने नगर क्षेत्र के प्रथम प्राथमिक विद्यालय में वित्तीय खामियां पकड़ीं। विद्यालय में मिड डे मील (एमडीएम) की धनराशि के लिए लगभग 50 फीसदी छात्र-छात्राओं का पंजीकरण फर्जी पाया गया। इस पर डीईओ ने प्रधानाध्यापिका पूनम मिश्रा को निलंबित कर दिया है। इस दौरान वह उप शिक्षाधिकारी कार्यालय में संबंद्ध रहेंगी।    मंगलवार को डीईओ हरेंद्र कुमार मिश्र ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय सितारगंज प्रथम का निरीक्षण किया। वहां पाया गया कि विद्यालय में पंजीकृत कुल 608 के सापेक्ष मात्र 145 बच्चे ही उपस्थित थे। सत्यापन करने पर पता चला कि 50 फीसदी से अधिक बच्चे ऐसे हैं जो कभी उपस्थित ही नहीं होते हैं। बच्चों को  जूते, ड्रेस और बैग के लिए दी जाने वाली राशि उनके खाते में डीबीटी के जरिये न भेजकर विद्यालय की ओर से खरीदकर दी गई है। साथ ही बच्चों की अपार आईडी भी नहीं बनवाई गई है।     एमडीएम पंजिका के परीक्षण में भी वित्तीय अनियमितता पाई गई। एमडीएम के एसएमएस पोर्टल पर 245 बच्चों को दिखाया गया जबकि कुल 145 बच्चे ही उपस्थित थे। इसके साथ ही प्रधाना...

कक्षा 11-12, व्यष्टि अर्थशास्त्र, उत्पत्ति ह्रास नियम की व्याख्या

सुशील डोभाल, प्रवक्ता अर्थशास्त्र, विद्यालयी शिक्षा उत्तराखंड

 प्रिय विद्यार्थियों, कक्षा 12 अर्थशास्त्र विषय की बोर्ड परीक्षा के लिए उत्पादन और लागत पाठ से उत्पत्ति ह्रास नियम एक अत्यंत महत्वपूर्ण टॉपिक है। जॉन रॉबिंसन के अनुसार "उत्पत्ति ह्रास नियम यह जानकारी देता है कि यदि किसी एक उत्पत्ति के साधन की मात्रा को स्थिर रख दिया जाए एवं अन्य साधनों की मात्रा में उत्तरोत्तर बढ़ोतरी की जाए तो एक निश्चित बिंदु के बाद उत्पादन में घटती दर से वृद्धि होती है।" आइये, इस नियम को तालिका और चित्र की सहायता से समझने का प्रयास करते हैं।

व्यष्टि अर्थशास्त्र- उत्पत्ति ह्रास नियम

प्रो. मार्शल के शब्दों में, उत्पत्ति ह्रास नियम केवल कृषि में ही लागू होता है, किन्तु आधुनिक अर्थशास्त्री इस मत से सहमत नहीं हैं। उनके अनुसार उत्पत्ति हास नियम केवल कृषि में ही नहीं बल्कि उत्पादन के प्रत्येक क्षेत्र में लागू होता है। आधुनिक अर्थशास्त्रियों ने इस नियम को परिवर्तनशील अनुपातों का नियम कहा है।

नियम की परिभाषा

उत्पत्ति ह्रास नियम अथवा परिवर्तनशील अनुपातों का नियम उत्पत्ति के कुछ साधनों को स्थिर रखकर अन्य साधनों की मात्रा में वृद्धि के कारण उत्पादन की मात्रा पर पड़ने वाले प्रभाव की व्याख्या करता है। श्रीमती जॉन रॉबिन्सन के शब्दों में, “उत्पत्ति ह्रास नियम यह बताता है कि किसी एक साधन की मात्रा को स्थिर रखा जाय तथा अन्य साधनों की मात्रा में क्रमानुसार वृद्धि की जाय, तो एक बिन्दु के पश्चात् उत्पादन में घटती हुई दर से वृद्धि होगी।” प्रो. बेन्टम के शब्दों में, “उत्पादन के साधनों के संयोग में एक साधन का अनुपात जैसे-जैसे बढ़ाया जाता है, वैसे-वैसे एक बिन्दु के पश्चात् उस साधन का सीमाँत तथा औसत उत्पादन घटता जाता है ।”

तालिका द्वारा वर्णन

तालिका से स्पष्ट है कि जब उत्पत्ति के अन्य साधनों को स्थिर रख एक साधन की मात्रा को क्रम से बढ़ाते हैं तो परिवर्तनशील अनुपातों के नियम की तीन अवस्थाए मिलती हैं -


तालिका से स्पष्ट है कि श्रम की प्रथम दो इकाइयों का उपयोग करने से सीमाँत उत्पादन बढ़ता जाता है, अतः इन दो इकाइयों के उपयोग पर परिवर्तनशील अनुपातों के नियम के अंन्तर्गत ‘प्रथम अवस्था लागू होती है। प्रथम अवस्था में कुल उत्पादन परिवर्तनशील साधन में की गयी आनुपातिक वृद्धि की तुलना में ज्यादा अनुपात में बढ़ता है। श्रम की तीसरी इकाई से छठी इकाई के प्रयोग तक सीमाँत उत्पादन निरन्तर कम हो रहा है, इसलिए यहाँ परिवर्तनशील अनुपातों के नियम के अन्तर्गत ‘दूसरी अवस्था लागू हो रही है। इस नियम की दूसरी अवस्था में परिवर्तनशील साधनों की मात्रा में जिस अनुपात में वृद्धि होती है, उसकी तुलना में कुल उत्पादन कम अनुपात में बढ़ता है। सातवीं इकाई श्रम के उपयोग पर जब सीमाँत उत्पादने शून्य है तब कुल उत्पादन अधिकतम हो गया है । इसके पश्चात सीमाँत उत्पादन के ऋणात्मक होने पर कुल उत्पादन घटने। लगा है। श्रम की आठवीं इकाई का उपयोग करने से सीमॉत उत्पादने ऋणात्मक हो गया है और कुल उत्पादन घटने लग गया है, इसलिए ऋणात्मक सीमाँत उत्पादन, परिवर्तनशील अनुपातों के नियम की तीसरी अवस्था' को बताता है।

रेखाचित्र द्वारा वर्णन

चित्र से स्पष्ट है कि जैसे-जैसे परिवर्तनशील साधन की इकाइयां, स्थिर साधनों के साथ बढ़ती हैं, वैसे-वैसे कुल उत्पादन भी बढ़ता है। कुल उत्पादन (TP) वक्र OM परिवर्तनशील साधन के प्रयोग तक अधिकतम हो जाता है और H बिन्दु के बाद कुल उत्पादन वक्र नीचे की ओर गिरने लगता है। कुल उत्पादन (TP) वक्र K बिन्दु तक तीव्र गति से ऊपर की ओर बढ़ रही है, K बिन्दु के बाद इसकी वृद्धि दर मंद पड़ गयी है। H बिन्दु पर वृद्धि दर समांन है तथा. H बिन्दु के बाद इसमें गिरावट " की प्रवृत्ति है। सीमाँत उत्पादन वक्र, परिवर्तनशील साधन की OA इकाई तक बढ़ता जाता है और यह अधिकतम हो जाता है ।

OA परिवर्तनशील साधन के बाद सीमाँत उत्पादन वक्र नीचे की ओर गिरता जाता है और OM परिवर्तनशील साधन के उपयोग पर यह शून्य हो जाता है। OM परिवर्तनशील साधन के बाद तथा साधनों के प्रयोग करने पर सीमाँत उत्पादन ऋणात्मक हो गया है। औसत उत्पादन वक्र भी शुरू में ON परिवर्तनशील साधन के प्रयोग तक बढ़ता जाता है। इसके बाद इसमें नीचे की ओर गिरने की प्रवृत्ति है।


चित्र में ON इकाई तक परिवर्तनशील अनुपातों के नियम की पहली अवस्था अर्थात् क्रमागत उत्पत्ति वृद्धि नियम लागू हो रहा है। द्वितीय, परिवर्तनशील साधन की NM इकाई पर द्वितीय अवस्था मतलब उत्पत्ति ह्रास नियम लागू हो रहा है। तीसरी, परिवर्तनशील साधन के OM इकाई के उपयोग के बाद परिवर्तनशील अनुपातों के नियम की तीसरी अवस्था अर्थात् ऋणात्मक प्रतिफल का नियम लागू हो रहा है।

उत्पत्ति ह्रास नियम के लागू होने के कारण

इस नियम के लागू होने के प्रमुख कारण निम्न हैं -

(1) प्रकृति की सीमितता- प्रकृति द्वारा प्रदत्त साधनों, जैसे- भूमि, श्रम, खनिज पदार्थ आदि की पूर्ति सीमित होती है । इसी से दीर्घकाल में उत्पत्ति ह्रास नियम लागू होता है।

(2) साधनों का स्थानापन्न न होना- साधनों का एक के स्थान पर दूसरे का उपयोग एक सीमा तक ही किया जा सकता है। इस सीमा से अधिक स्थानापन्न करने पर उत्पादन लागत बढ़ती है।


Comments

यह भी पढ़ें -

School prayer: स्कूल के लिए 20 प्रसिद्ध प्रार्थना, जो बना देंगी विद्यार्थियों का जीवन सफल

Pariksha Pe Charcha 2024: PM Modi जनवरी में करेंगे परीक्षा पे चर्चा, आप भी हो सकते हैं शामिल, यहां करना होगा PPC 2024 के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

NEP 2020: FLN क्या है और इसके क्या उद्देश्य हैं? यहां पढ़ें।

PPC 2025: परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में अब तक एक करोड़ से अधिक पंजीकरण, 14 जनवरी तक कक्षा 6 से 12वीं के छात्र, शिक्षक और अभिभावक यहां कर लें Online Registration, उपहार में मिलेगा पीपीसी किट,

SCERT Uttarakhand: महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी द्वारा 'ज्ञानांकुरण' के लॉन्च के साथ ही उत्तराखण्ड बना स्कूली बच्चों के लिए दीक्षा पोर्टल पर ई-कोर्सेज उपलव्ध करवाने वाला पहला राज्य।

Best 50+ Facebook Stylish Bio For Boys Attitude 2023

परीक्षा पे चर्चा 2022 में प्रतिभाग के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि है 20 जनवरी, विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधी बात करने का मिलेगा मौका।

चुनाव ड्यूटी प्रशिक्षण के दौरान पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर यहां पीठासीन अधिकारी ने जमकर किया हंगामा, प्रशिक्षण स्थल पर मची अफरा-तफरी, सुरक्षाकर्मियों ने बड़ी मुश्किल से किया काबू।

SCERT Uttarakhand: ज्ञानांकुरण कार्यक्रम के तहत एससीईआरटी ने जनवरी 2023 के कोर्स लिंक किये जारी, कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों के लिए DIKSHA portal पर उपलब्ध हैं यह उपयोगी कोर्स

Uttarakhand Board Result 2023: उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर बोर्ड का 10 वीं और 12वीं का परीक्षा परिणाम यहां देखें