PM SHRI GIC Jakhnidhar: पीएम श्री राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार में शीघ्र ग़ठित होगी पूर्व छात्र परिषद, छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए पूर्व छात्रों से भी लिया जाएगा सहयोग, कॉलेज ने जारी किया Alumni Registration Link

Posted by- Sushil Dobhal पीएम श्री राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार ने Alumni रजिस्ट्रेशन Link जारी करते हुए अपने पूर्व छात्रों से विद्यालय की मुख्यधारा से जुड़ने की अपील की है। प्रधानाचार्य संजीव नेगी ने कहा है कि स्कूली बच्चे देश का भविष्य होते हैं और उनके सर्वांगीण विकास के लिए पूर्व छात्रों का भी सहयोग लिया जायेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और पीएम श्री योजना के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों के संचालन के साथ ही प्रवक्ता अर्थशास्त्र सुशील डोभाल द्वारा इंटर कॉलेज की वेबसाइट तैयार की गई है। कॉलेज की वेबसाइट पर ही पुरातन छात्रों के पंजीकरण का लिंक दिया गया है। प्रधानाचार्य संजीव नेगी ने कहा है कि विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे विद्यालय के पूर्वछात्रो से स्कूल में अध्यनरत विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के साथ ही विद्यालय के संसाधन जुटाने में भी सहयोग की अपील की जाएगी। उन्होंने कहा है कि विद्यालय में शीघ्र ही पूर्व छात्र परिषद का गठन किया जाएगा। जिसके लिए छात्र छात्राओं से लिंक के माध्यम से अपना पंजीकरण करवाने की अपील की गई है। Alumni Registration- PM SHRI GI...
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ReplyDeleteसमिति में संघ के नेताओं को न रखा जाय
ReplyDelete🙏 ट्रांसफर नीति पहले भी बनी है और अब नई नीति भी बनने को तैयार है। इस कार्य में लगे सभी धन्यवाद के पात्र हैं कि वे इस ज्वलंत समस्या का स्थिर समाधान ढूंढना चाहते हैं। प्रश्न यह है कि इसका पालन धरातल पर कितना होता है हमने अनुभव से देखा है कि पुरानी ट्रांसफर नीति की किस प्रकार से धज्जियां उड़ाई गई किस प्रकार से इसी वर्ष चुनाव से पूर्व ट्रांसफर हुए जिसमें शिक्षकों को ट्रांसफर रेवड़ियों की तरह बांटे गए नियमों की धज्जियां उड़ाई गई यहां तक कि एक एक शिक्षक को 7-7 जगह स्थानांतरण हेतु ऑप्शंन दिए गए और एक ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ शिक्षक, बड़े लंबे समय तक दुर्गम में सेवा करने वाला एक शिक्षक शिक्षिका आंखें फाड़ कर देखते रह गए और रसूक वालों ने अपने रसूक का प्रयोग कर व पैसे वालों ने अपने पैसे का प्रयोग कर ट्रांसफर नीति को एक तरफ रख कर ट्रांसफर किए और करवाएं। समय-समय पर पिछले दरवाजे से भी स्थानांतरण होते रहे हैं इनसे एक इमानदार शिक्षक जो अपने लंबे समय से नीतियों का पालन करते हुए सेवाएं दे रहा है और स्थानांतरण की प्रतीक्षा कर रहा होता है की भावनाओं को बहुत ठेस पहुंची है।
ReplyDeleteस्थानांतरण नीति केंद्रीय विद्यालय की तरह हो जहां पर दुर्गम क्षेत्रों के लिए और शुभम क्षेत्रों के लिए स्थान के आधार पर अलग-अलग अंक होते हैं साथ ही पति पत्नी के कर्मचारी होने पर भी उन्हें स्थानांतरण में अलग अंक दिए जाते हैं। वहां पर कठिन स्थानों हेतु अधिक अंक तथा शुभम स्थानों हेतु कम अंक दिए जाते हैं। स्थानांतरण हेतु प्रत्येक वर्ष सभी शिक्षक शिक्षिकाएं फार्म भरते हैं और और फिर उनके अंकों के आधार पर स्थानांतरण होते हैं।
उत्तराखंड एक पर्वतीय प्रदेश है जहां पर अधिकतर भाग दुर्गम क्षेत्र में आता है इन्हें भी अलग-अलग श्रेणियों में उनके कठिनाइयों तथा सुविधाओं के आधार पर वांटा जाना चाहिए प्रत्येक शिक्षक दुर्गम क्षेत्र में नौकरी कर सकता है लेकिन वह तब ठगा हुआ महसूस करता है जब उसे निर्धारित समय के पश्चात वहां से स्थानांतरित नहीं किया जाता है। इसलिए दूसरा शिक्षक भी वहां जाना नहीं चाहता क्योंकि वह महसूस करता है कि कहीं वह भी वहां जाकर फंस न जाए। इसलिए ट्रांसफर नीति का सही पालन होना चाहिए ।
इसके साथ यह भी आवश्यक है कि अति दुर्गम क्षेत्र में सेवा करने वाले कर्मचारियों को अतिरिक्त भत्ता दिया जाना चाहिए ताकि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय क्षेत्र में लंबे समय तक सेवा देने हेतु उनको प्रोत्साहित किया जा सके।
ऐसे कर्मचारी जिनके बच्चे देहरादून या अन्य शहरों में पढ़ते हैं उनको एच आर ए उसी शहर के अनुसार मिलना चाहिए और उनसे इसका संबंधित शिक्षण संस्थान से प्रमाण पत्र लिया जा सकता है।
इन सब से ऊपर यह है जो अपने कर्तव्य को अधिक प्राथमिकता देता है वह अपने अधिकारों पर कम फोकस करता है। वह हमेशा श्रीमद्भागवत गीता के इस श्लोक को अपना आदर्श वाक्य मानकर अपने कर्तव्य पथ पर डटा रहता है कि-
*कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन*।
इसी ब्रह्मवाक्य के साथ सभी को सहृदय प्रणाम व शुभकामनाएं 💐💐💐🌷💐
🙏🙏🙏 🇮🇳जय हिन्द 🇮🇳 🙏🙏🙏
पी एल सेमवाल
अ0उ0रा0इ0का0 नैटवाड़,
उत्तरकाशी
बहुत ही सटीक और सार्थक विचार हैं सर।
DeleteOk
ReplyDeleteअनिवार्य ट्रांसफर सूची मे नाम आने पर सभी के ट्रांसफर होने चाहिए , चाहिए वह दुर्गम मे हि क्यो नही है , दुर्गम से अनिवार्य ट्रांसफर होने पर , उनको नियम अनुसार छूट है क़ि वह सुगम मे जाये या नही, वह दुर्गम मे ही रह सकते है, तो अनिवार्य ट्रांसफर कहां से हुआ, जिसके कारण सुगम के सैकड़ो प्राथमिक स्कूल कई सालो से एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे है, ऐसे सुगम स्कूल तो छात्रो के लिए अभिशाप है,
ReplyDeleteसुगम मे नई नियुक्ति होगी नही, प्रमोशन होगा नही, ट्रांसफर मे कोई आयेगा नही, तो एकल शिक्षक वाले सुगम स्कूल मे टीचर कहां से आयेगा ? कौन अभिभावक ऐसे एकल शिक्षक वाले स्कूल मे अपने बच्चो को भेजेगा, जबकि RTE act मे कम से कम, बेसिक मे दो टीचर होने चाहिए, मेरा स्कूल कई सालो से एक ही अध्यापक के भरोसे चल रहा है, अनिवार्य ट्रांसफर मे भी नही भेजा, पोलसी ऐसी हो जो छात्र हित मे हो, Thanks
R.k., GPS Nakot, chamba , T.G.
सहमत
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