Featured post
Educational tour: राजकीय इंटर कॉलेज गुनियालेख के विद्यार्थियों ने पंडित गोविंद बल्लभ पंत उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान नैनीताल का भ्रमण कर जानी जैव विविधता की बारीकियां
- Get link
- X
- Other Apps
यह प्राणी उद्यान नैनीताल शहर के शेर का डांडा पहाड़ी पर 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। उद्यान 4.592 हेक्टेयर भूमि पर फैला है। 1 जून 1995 को इस प्राणी उद्यान का उदघाटन हुआ था। छात्रों के मार्गदर्शक शिक्षक गोकुल सिंह मर्तोलिया ने बताया कि जैव विविधता संरक्षण करने की दो विधियां हैं -1. स्वस्थाने संरक्षण (In situ Conservation) तथा बाह्य स्थाने संरक्षण विधि (Ex situ Conservation) . स्वस्थाने विधि जैसे राष्ट्रीय उद्यान, वन्य जीव अभ्यारण्य आदि में जन्तुओं को उनके मूल प्राकृतिक आवास में संरक्षित किया जाता है जबकि बाह्य स्थाने विधि जैसे वानस्पतिक उद्यान, प्राणी उद्यान आदि में जीवों को उनके मूल आवास से हटाकर अन्यत्र संरक्षित किया जाता है।
प्राणी उद्यान में विद्यार्थियों ने हिमालय के उच्च स्थलों पर पाए जाने वाले शाकाहारी,मांसाहारी, उच्च मांसाहारी जंतुओं का स्वभाव,आवास तथा वैज्ञानिक नाम, वर्गीकरण, IUCN (International Union for Conservation of Nature) के रेड डाटा सूची में स्थिति का अध्ययन किया। IUCN ने जीवों के प्रजातियों के अस्तित्व पर मंडरा रहे विलुप्ति के खतरे के आधार पर जीवों को कई वर्गों में विभाजित किया है। 1. Data Deficient (DD),2. Least Concern (LC), 3. Near Threatened (NT) 4. Vulnerable (VU) 5. Endangered (EN) 6. Critically Endangered (CR), 7. Extinct In The Wild (EW), 8. Extinct (EX). विद्यार्थियों ने रेड पांडा,बंगाल टाइगर,हिमालयन भालू,काकड़,घुरड़,सांभर, ब्लू शीप,मरखोर, सिवेट,मार्टिन, मोनाल, रेड जंगल फाउल, गोल्डन फीजेंट, सिल्वर फीजेंट आदि जन्तु देखे।
विद्यार्थियों के शैक्षिक भ्रमण दल में जीव विज्ञान प्रवक्ता डॉ.गोकुल सिंह मर्तोलिया, अर्थशास्त्र प्रवक्ता शंकरलाल गंगवार, कक्षा 12 के भावना, सुहानी, भानु, कुमकुम, दीपमाला, सोनी दानी, खष्टी, गीतांजलि, किरण गंगा दीपा, हेमा, सुमन, भूमिका, यमुना बबिता, कीर्ति, निशा, दीपक, मयंक, कमल, नीरज, भास्कर, योगेश, राजन, मनोज थे।
Comments
Post a Comment
पोस्ट पर अपने उपयोगी विचार और सुझाव यहाँ कमेंट करें।