DIET New Tehri: डाइट नई टिहरी में दो दिवसीय विज्ञान वर्किंग मॉडल कार्यशाला हुई आरंभ, कार्यशाला के पहले दिन इन शिक्षकों ने प्रस्तुत किए अपने वर्किंग मॉडल्स,
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, नई टिहरी में सोमबार से दो दिवसीय विज्ञान वर्किंग मॉडल कार्यशाला का आयोजन शुरू किया गया है। संस्थान के प्राचार्य राजेन्द्र प्रसाद डंडरियाल ने कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ करते हुए प्रतिभागी विज्ञान शिक्षकों द्वारा तैयार किए गए वर्किंग मॉडल्स का जायजा लिया।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान नई टिहरी के सभागार में आज से दो दिवसीय विज्ञान वर्किंग मॉडल कार्यशाला आरंभ हो गई है। कार्यशाला के प्रथम दिवस संस्थान के प्राचार्य राजेंद्र प्रसाद डंडरियाल ने दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बच्चों के समक्ष विज्ञान को रोचक ढंग से प्रस्तुत करने के लिए वर्किंग मॉडल्स बेहद प्रभावी ढंग से शिक्षण के उद्देश्य को पूरा करते हैं। उन्होंने कहा है कि विज्ञान के वर्किंग मॉडल के माध्यम से न केवल विद्यार्थियों में रचनात्मकता का विकास होता है बल्कि वह नवीन तकनीकी से भी भलीभांति परिचित हो जाते हैं। उन्होंने कहा है कि विद्यालय में विज्ञान विषय के प्रति रोचक ढंग से शिक्षण के लिए विज्ञान गैलरी में विद्यार्थियों के सहयोग से तैयार वर्किंग मॉडल्स की उपलब्धता विज्ञान शिक्षकों को सुनिश्चित करनी चाहिए।
जनपद टिहरी गढ़वाल के 09 विकासखण्डों से प्रारम्भिक तथा माध्यमिक स्तर के 45 विज्ञान शिक्षकों के साथ ही राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज बौराड़ी के कक्षा 09 एवं 10 के सभी छात्राएं, राजकीय प्रताप इण्टर कॉलेज बौराड़ी के कक्षा 06, 07 एवं 08 के छात्र तथा राजकीय आदर्श विद्यालय नई टिहरी के कक्षा 04 एवं 05 के छात्रों द्वारा भी इस कार्यशाला में प्रतिभाग किया जा रहा है। कार्यशाला में समस्त प्रतिभागी शिक्षकों को विद्यालय स्तर पर छात्रों की सहायता से वर्किंग मॉडल तैयार करने को कहा गया था। जिसे अध्यापकों ने छात्रों की सहायता से तैयार कर अपने कक्षा-कक्ष में प्रस्तुत करने के बाद डाइट सभागार में आयोजित कार्यशाला में शामिल किया। कार्यशाला के संयोजक व डायट प्रवक्ता डॉ वीर सिंह रावत ने कहा है कि कार्यशाला के दौरान सभी अध्यापकों द्वारा अपने-अपने मॉडलों का छात्रों तथा प्रतिभागी अध्यापकों के सम्मुख प्रस्तुतीकरण किया जा रहा है। तैयार वर्किंग मॉडल इको फ्रेंडली बनाये गये हैं।
कार्यशाला में शामिल विद्यार्थियों ने न सिर्फ अपना ज्ञान वर्धन किया बल्कि अपनी उत्सुकता को शांत करने के लिए विज्ञान से सम्बंधित बड़े ही सारगर्भित प्रश्न किए। वहां उपस्थित शिक्षक शिक्षिकाओं के द्वारा उनके प्रश्नों का उत्तर दिया गया। कार्यशाला के पहले दिन 17 अक्टूबर को विज्ञान शिक्षक अमित चमोली सहायक अध्यापक राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय थौलधार का सूर्य तथा चन्द्रग्रहण, डॉ. सुमन रावत सहायक अध्यापक राजकीय इण्टर कॉलेज मठियाली का सेप्रेशन ऑफ टू मेसिबल लिक्विड, मोतीलाल सहायक अध्यापक राजकीय प्राथमिक विद्यालय केमवालगांव का वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम तथा ओम प्रकाश सकलानी राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लैदूर का किडनी फिल्ट्रेशन सिस्टम मॉडल आकर्षण का केंद्र रहे। कार्यशाला में कार्यशाला समन्वयक डॉ. वीर सिंह रावत, मीनाक्षी त्यागी, डॉ. मनवीर सिंह नेगी, नरेश चन्द कुमाई, देवेन्द्र सिंह भण्डारी, दुर्गा प्रसाद लखेडा, ओम प्रकाश सकलानी, सीमा नौटियाल, रंजीत पंवार डॉ. सुमन नेगी, अंजना सजवाण, सुषमा महर, आनन्द सिंह नेगी आदि उपस्थित रहे।
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