DiSaNC: शिक्षा मंत्रालय ने नई राष्ट्रीय पाठ्यचर्या हेतु डिजिटल सर्वेक्षण 'दिशांक' में भाग लेने के लिए अभिभावक, शिक्षक और छात्रों सहित आमलोगों को किया आमंत्रित। सभी शिक्षकों के लिए उपयोगी है 'दिशांक', डिजिटल सर्वेक्षण के लिए यहां करें क्लिक

NEP 2020 and DiSaNC
NEP 2020 and DiSaNC

   शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा तैयार करने हेतु सार्वजनिक परामर्श आमंत्रित किये हैं। इसके लिए डिजिटल सर्वेक्षण के माध्यम से जनता के सुझाव लिए जा रहे हैं। केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नागरिकों से एक नया पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के लिए डिजिटल सर्वेक्षण में भाग लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 के अनुरूप एक सशक्त राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा, विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक प्रमुख भूमिका निभाने वाली है।

 राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) के अनुसार राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा विकसित की जा रही है। जिस हेतु मंत्रालय इन दिनों डिजिटल सर्वेक्षण का अभियान चला रहा है। इस सर्वेक्षण में अभिभावकों, शिक्षकों और छात्रों से इस व्यापक सार्वजनिक परामर्श प्रक्रिया के परिणाम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। हितधारकों सहित आमलोग राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के विकास में योगदान देने के हेतु डिजिटल सर्वेक्षण में भाग ले सकते हैं। सर्वेक्षण का उद्देश्य आम जनता से विचार और राय एकत्र करना है। जिसमें बच्चों के माता-पिता, शिक्षकों, शिक्षकों, छात्रों और समुदाय को ‘राष्ट्रीय पाठ्यचर्या के लिए डिजिटल सर्वेक्षण’ में भाग लेने और इस व्यापक सार्वजनिक परामर्श प्रक्रिया की सफलता में योगदान करने के लिए आमंत्रित किया गया है।

डिजिटल सर्वेक्षण में ऐसे करें प्रतिभाग

 शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिए गए डिजिटल सर्वेक्षण के डायरेक्ट लिंक पर जाने के लिए यहां टच करें, वेबसाइट खुलने पर भाषा का चयन करें और ‘अगला’ पर क्लिक करें। राज्य का चयन करें और अगले विकल्प पर क्लिक करें, ‘सर्वेक्षण प्रारंभ करें’ पर क्लिक करें। अब आपको एक नया पृष्ठ दिखाई देगा जो सर्वेक्षण पृष्ठ पर पुनर्निर्देशित किया जाएगा। पाठ्यक्रम से संबंधित 10 प्रश्न उपलब्ध होंगे। सर्वेक्षण सफलतापूर्वक जमा किया जाएगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति यानि (एनईपी) केंद्र सरकार द्वारा 29 जुलाई, 2020 को भारत की शिक्षा प्रणाली को भविष्य की जरूरतों के साथ संरेखित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था तथा इसे भारतीयता में निहित बनाया गया था। पिछले दो वर्षों में, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों में एनईपी 2020 की कई सिफारिशों को पहले ही लागू कर चुका है।

डिजिटल सर्वेक्षण के लिए यहां करें क्लिक

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