G-20 शिखर सम्मेलन का लोगो सभी शिक्षक व कर्मचारियों को अपनी प्रोफाइल पर लगाने के महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा ने दिए निर्देश, दो कार्यक्रमों की मेजबानी मिलने से उत्तराखंड में है उत्साह का माहौल

 शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने विद्यालयी शिक्षा विभाग के अंतर्गत राज्य के सभी प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक, शिक्षकों एवं शिक्षा विभाग के कार्मिकों को अपने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म की प्रोफाइल पर जी-20 शिखर सम्मेलन का लोगो अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश दिए हैं। ताकि भारत और विशेषकर उत्तराखंड में होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार हो सके और सभी लोग इस अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के महत्व को समझ सकें।
     ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। यह सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक संरचना और अधिशासन निर्धारित करने तथा उसे मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक G20 की अध्यक्षता कर रहा है। 
G-20 के दो कार्यक्रमों की मेजबानी करेगा उत्तराखंड
G-20 शिखर सम्मेलन के तहत दो बड़े कार्यक्रमो की मेजबानी उत्तराखंड को मिली है। जी हां, उत्तराखंड में योगनगरी के नाम से विख्यात ऋषिकेश अब जी-20 देशों की मेजबानी के साथ एक बार फिर विश्व के नक्शे में चमकेगा. जिससे उत्तराखंड और विशेषकर ऋषिकेश के जनप्रतिनिधि से लेकर यहां के स्थानीय निवासियों में खुशी की लहर देखने को मिल रही है. आयोजन मई और जून 2023 में ऋषिकेश में होंगे. इसमें 20 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा ने दिए यह निर्देश
इसी क्रम में महानिदेशक विद्यालय शिक्षा उत्तराखंड ने राज्य के सभी प्रधानाचार्य प्रधानाध्यापक शिक्षकों एवं कार्मिकों को अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल में G-20 का लोगो अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही शिक्षा विभाग के सभी पत्रों, सार्वजनिक सूचना पत्रों के लेटर हेड पर भी जी-20 शिखर सम्मेलन का लोगो अनिवार्य रूप से लगाना होगा।

यह देश हैं G-20 के सदस्य
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) में 19 देश (अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका) और यूरोपीय संघ शामिल हैं। G20 सदस्य देशों में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85%, वैश्विक व्यापार का 75% से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी है।

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