Pauri Garhwal News: कक्षा 5 में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा को बहला-फुसलाकर अपहरण की साजिश में पौड़ी पहुंचे मुजफ्फरनगर से दूसरे धर्म की दो युवकों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर से दूसरे धर्म के दो युवकों द्वारा पौड़ी जिला मुख्यालय थाना क्षेत्र की कक्षा पांच में पढ़ने वाली एक नाबालिग किशोरी को सोशल मीडिया पर दोस्ती करने के बाद अपहरण करने में प्रयास में बालिका के परिजनों की सतर्कता से पुलिस द्वारा अरेस्ट कर लिए गए हैं। गनीमत रही कि लड़की के परिजनों को अपराध की समय पर भनक लग गई और उन्होंने दोनों को कमरे में बंद कर पुलिस के हवाले कर दिया है। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर उन पर छेड़छाड़ और अपहरण का केस दर्ज किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के पुरकाजी के रहने वाले 19 वर्षीय युवक सुहेल ने सोशल मीडिया पर पौड़ी पाँचवीं की नाबालिग छात्रा से दोस्ती की। पुलिस उपाधीक्षक सदर प्रेमलाल टम्टा ने बताया कि शुक्रवार रात्रि सुहेल अपने दोस्त अयान को साथ लेकर पौड़ी स्थित लड़की के घर तक पहुंच गया। रात को जब दोनों उसके कमरे में उसे बहला- फुसलाकर भगाने की कोशिश में थे, तभी लड़की के परिजनों को इसकी भनक लग गई।
परिजनों दोनों युवकों को कमरे में ही बंद कर दिया और सूचना पुलिस को दे दी। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस दोनों युवकों को सम्बंधित धाराओं में गिरफ्तार कर लिया है। अभिभावकों की सजगता से छात्रा अपराध की शिकार होने से बच गयी। इस घटना से उन सभी अभिभावकों को सबक अवश्य लेना चाहिए जो बिना किसी वाजिब कारणों के अपने अबोध बच्चों में मोबाइल थमा देते हैं और उनकी गतिविधियों पर ध्यान नही दे पाते।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के पुरकाजी के रहने वाले 19 वर्षीय युवक सुहेल ने सोशल मीडिया पर पौड़ी पाँचवीं की नाबालिग छात्रा से दोस्ती की। पुलिस उपाधीक्षक सदर प्रेमलाल टम्टा ने बताया कि शुक्रवार रात्रि सुहेल अपने दोस्त अयान को साथ लेकर पौड़ी स्थित लड़की के घर तक पहुंच गया। रात को जब दोनों उसके कमरे में उसे बहला- फुसलाकर भगाने की कोशिश में थे, तभी लड़की के परिजनों को इसकी भनक लग गई।
परिजनों दोनों युवकों को कमरे में ही बंद कर दिया और सूचना पुलिस को दे दी। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस दोनों युवकों को सम्बंधित धाराओं में गिरफ्तार कर लिया है। अभिभावकों की सजगता से छात्रा अपराध की शिकार होने से बच गयी। इस घटना से उन सभी अभिभावकों को सबक अवश्य लेना चाहिए जो बिना किसी वाजिब कारणों के अपने अबोध बच्चों में मोबाइल थमा देते हैं और उनकी गतिविधियों पर ध्यान नही दे पाते।
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