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Five Year Plans of India: भारत में पंचवर्षीय योजनाएं
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Sushil Dobhal, Lecturer Economics. |
अभी तक की जितनी पंचवर्षीय योजनाए हुई हर योजना का अपना एक मुख्य उद्देश्य बनाया गया था जैसे- औद्योगिक विकास, कृषि विकास को बढ़ावा देना, अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाना और लोगो को आत्म निर्भर, सशक्त और मजबूत बनाना, नए रोजगार के अवसर देना आदि।
पंचवर्षीय योजना क्या है ?
यह भारत की राष्ट्रीय योजना है। पहले इन योजनाओं को योजना आयोग संभालता था, लेकिन अब नीति आयोग द्वारा इसका कार्य भार संभाला जायेगा। नीति आयोग की स्थापना 1 जनवरी 2015 को की गयी थी।
पहली पंचवर्षीय योजना (1951 से 1956 तक)
- भारत की पंचवर्षीय योजनाओं में से पहली पंचवर्षीय योजना “हैरोड-डोमर मॉडल” पर आधारित थी।
- यह योजना पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में लांच हुई।
- इस योजना में सबसे ज्यादा प्राथमिकता कृषि को दी गई थी।
- अर्थव्यवस्था के संतुलन में विकास करना इसका मुख्य उद्देश्य था।
- इसका जीडीपी का वार्षिक लक्ष्य 2.1% रखा गया, यह योजना सफल रही क्योंकि इस योजना में 3.6% विकास दर को हासिल किया गया।
- इस योजना में राष्ट्रीय आय में 18% की वृद्धि हुई और इसके अलावा प्रति व्यक्ति आय में 11% की वृद्धि हुई।
- इस योजना के तहत बड़ी-बड़ी सिंचाई योजना को प्रारंभ किया गया, जैसे- व्यास योजना, दामोदर योजना, नदी घाटी योजना आदि सिंचाई योजनाओं को प्रारंभ किया गया।
द्वितीय पंचवर्षीय योजना (1956 से 1961 तक)
- भारत की पंचवर्षीय योजनाएं पर आधारित इस लेख में दूसरी पंचवर्षीय योजना के बारे में जानते हैं, दूसरी पंचवर्षीय योजना के “पीसी महालनोविस मॉडल” पर आधारित थी।
- यह योजना पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में लांच हुई।
- समाजवाद धारणा की स्थापना करना योजना का प्रमुख उद्देश्य था।
- इस योजना में जीडीपी का वार्षिक लक्ष्य 4.5 था लेकिन इसकी कमी हुई और विकास दर 4.1% ही रही।
- इस योजना में राष्ट्रीय आय में 25% की वृद्धि करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
- इस योजना में उद्योगों खनिज को प्राथमिकता दी गई थी, जिसमें 24% राशि व्यय हुई। इसके अलावा दूसरी प्राथमिकता यातायात और संचार के साधनों को दी गई थी जिसके अंतर्गत 28% राशि को व्यय किया गया था।
- कई सारे उद्योग दुर्गापुर, भिलाई, राउरकेला के इस्पात कारखाने इसी योजना के दौरान बनाए गए थे।
- इस योजना का प्रमुख उद्देश्य यह था कि, देश में अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाया जाए।
- यह योजना पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में लांच हुई।
- इस योजना में जीडीपी का वार्षिक लक्ष्य 5.6% रखा गया था, यह योजना असफल रही तथा इस योजना में सिर्फ 2.8% की उपलब्धि हुई।
- इस योजना में कृषि तथा उद्योग दोनों को प्राथमिकता दी गई थी।
- इस योजना के असफल होने का प्रमुख कारण यह था कि इसी समय भारत-चीन युद्ध और भारत-पाकिस्तान युद्ध चल रहा था।
योजना अवकाश (1966-67 से 1968-69 तक)
- योजना अवकाश के समय तीन प्रमुख वार्षिक योजना को तैयार किया गया था।
- इस योजना के समय कृषि और उद्योग क्षेत्र को काफी प्राथमिकता दी गई थी।
- भारत-पाकिस्तान युद्ध तथा संसाधनों में काफी कमी (सूखा होने की वजह से) तथा मूल्य में काफी वृद्धि इस योजना अवकाश का कारण बना।
चौथी पंचवर्षीय योजना (1969 से 1974 तक)
- इस योजना का प्रमुख उद्देश्य आर्थिक आत्मनिर्भरता की प्राप्ति को रखा गया।
- यह योजना इंदिरा गांधी के नेतृत्व में लांच हुई।
- इस योजना में 5.7% जीडीपी लक्ष्य रखा गया था लेकिन यह योजना असफल रही। इस योजना में सिर्फ 3.3% की वार्षिक वृद्धि हुई।
- योजना के असफल होने का प्रमुख कारण बांग्लादेश शरणार्थियों का आगमन था।
पांचवी पंचवर्षीय योजना ( 1974 से 1978 तक)
- गरीबी का उन्मूलन करना तथा आत्मनिर्भरता देश के अंदर बनाए रखना इस योजना का प्रमुख उद्देश्य था।
- यह योजना पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में लांच हुई।
- इस योजना का जीडीपी लक्ष्य 4.4% रखा गया। यह योजना सफल रही और इसमें 4.8% की वृद्धि हुई।
- इस योजना के अंतर्गत गरीबी और बेरोजगारी को देश से काफी हद तक कम किया गया।
छठवीं पंचवर्षीय योजना (1980 से 1985 तक)
- जनता पार्टी सरकार के द्वारा एक रोलिंग प्लान बनाया गया था। इस योजना के तहत उस रोलिंग प्लान को समाप्त किया गया।
- यह योजना पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में लांच हुई।
- रोजगार में ज्यादा से ज्यादा वृद्धि और गरीबी उन्मूलन इस योजना का प्रमुख उद्देश्य था।
- इस योजना में जीडीपी का वार्षिक लक्ष्य 5.2% रखा गया। यह योजना सफल रही इस योजना में वार्षिक वृद्धि 5.54% की हुई।
सातवीं पंचवर्षीय योजना (1985 से 1990 तक)
- इस योजना का प्रमुख उद्देश्य रोजगार के अधिक से अधिक अवसर लोगों के लिए उपलब्ध कराना था। देश में तकनीकी क्षेत्रों में विकास करना भी इस योजना का प्रमुख उद्देश्य था।
- यह योजना राजीव गांधी के नेतृत्व में लांच हुई।
- इस योजना के दौरान जीडीपी दर 5% रखी गई थी। यह योजना सफल रही तथा इसमें वार्षिक वृद्धि 6.02% की हुई।
- इसी योजना के दौरान प्रति व्यक्ति आय में 3.6% की वृद्धि की गई।
- इस योजना में “भोजन, काम और उत्पादन” का नारा भी दिया गया।
आठवीं पंचवर्षीय योजना (1992 से 1997 तक)
- इस योजना में सबसे ज्यादा प्राथमिकता मानव संसाधन के विकास, रोजगार और शिक्षा पर दी गई।
- यह योजना पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में लांच हुई।
- इस योजना में जीडीपी 5.6% रखी गई थी। यह योजना सफल रही। इस योजना में 6.8% की वार्षिक वृद्धि हुई।
- इसी योजना के दौरान प्रधानमंत्री रोजगार योजना (1993) में शुरू की गई।
नौवीं पंचवर्षीय योजना (1997 से 2002 तक)
- इस योजना का प्रमुख उद्देश्य समानता के साथ विकास और न्याय वितरण था।
- यह योजना अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में लांच हुई।
- इस योजना में जीडीपी का लक्ष्य 6.5% रखा गया, लेकिन यह योजना असफल रही। इस योजना के तहत 5.4% वार्षिक उपलब्धि हुई।
- इस योजना के असफल होने का प्रमुख कारण अंतरराष्ट्रीय मंदी थी।
- इस योजना के तहत क्षेत्रीय संतुलन पर विशेष जोर दिया गया।
दसवीं पंचवर्षीय योजना (2002 से 2007 तक)
- इस योजना का प्रमुख उद्देश्य देश के अंदर से गरीबी और बेरोजगारी को जड़ से हटाना था। इसके अलावा प्रति व्यक्ति आय को अगले 10 वर्षों में दुगना करना भी इस योजना का उद्देश्य था।
- यह योजना अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के नेतृत्व में लांच हुई।
- इस योजना के तहत जीडीपी की वार्षिक दर 8% रखी गई थी,इस योजना में उपलब्धि 7.5% की हुई।
- इस योजना में कृषि उत्पादन में 4% वृद्धि का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 3.42% की वृद्धि हुई। इसके अलावा उद्योग और सेवा के क्षेत्रों में लक्ष्य 8.90% और 9.40% रखा गया था, लेकिन वृद्धि 8.74% और 9.30% की वृद्धि हुई।
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना( 2007 से 2012 तक)
- इस योजना का प्रमुख उद्देश्य तीव्रतम एवं समावेशी विकास रखा गया था।
- यह योजना मनमोहन सिंह के नेतृत्व में लांच हुई।
- इस योजना में जीडीपी की वृद्धि दर का लक्ष्य 9.0% रखा गया था, जबकि वृद्धि 8.3% की हुई।
- ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के तहत शिक्षा के लिए एक थीम रखी गई थी। इस थीम का नाम तीव्र और अधिक समावेशी विकास था।
12वीं पंचवर्षीय योजना (2012 से 2017 तक)
- इसका प्रमुख उद्देश्य तेज, अधिक समावेशी और सतत विकास रखा गया।
- यह योजना मनमोहन सिंह के नेतृत्व में लांच हुई।
- इस योजना के तहत जीडीपी का लक्ष्य 9% रखा गया था, जिसमें संशोधन करके 8% लक्ष्य कर दिया गया था।
- इस योजना के तहत कृषि, मत्स्य क्षेत्र 4% का लक्ष्य रखा गया था। इसके अलावा विनिर्माण क्षेत्रों में 10% का लक्ष्य रखा गया था।
- इसके अलावा 5 करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का भी लक्ष्य रखा गया।
भारत में 1 जनवरी 2015 में एक प्रस्ताव पारित किया गया उस प्रस्ताव के तहत योजना आयोग की जगह एक नई संस्था नीति आयोग को अस्तित्व में लाया गया। नीति आयोग पंचवर्षीय योजना के संबंध में भी सरकार को सलाह देगा। एनडीए सरकार द्वारा पंचवर्षीय योजनाओं को 2015 में बंद कर दिया गया था। इस कारण 12वीं पंचवर्षीय योजना के बाद पंचवर्षीय योजनाओं को बंद कर दिया गया। निति आयोग ने एक ड्राफ्ट एक्शन प्लान पेश किया था, जिसके आधार पर अब 15 वर्षों के लंबे विकास योजना पर काम किया जाएगा। जो 2017 से 2035 तक रहेगी। जिस के तहत सात वर्ष की रणनीति बनाई गई है और तीन वर्ष एक्शन एजेंडा पेश किया जायेगा। जिसमें ये बताया जाएगा कि सरकार देश के नागरिकों को क्या-क्या सुविधाएं देगी।
प्रश्नोत्तर
नडीए सरकार द्वारा पंचवर्षीय योजनाओं को 2015 में बंद कर दिया गया था। जिसके बाद नीति आयोग का गठन किया गया अब वे 15 वर्ष के विकास योजनाओं के अंतर्गत कार्य करेंगे।
पंचवर्षीय योजना 1951 से शुरू हुई थी, जिसके बाद कुल 12 पंचवर्षीय योजनाएं पूर्ण हुई हैं।
12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत अल्पसंख्यकों की सामाजिक-आर्थिक दशाओं में सुधार लाना और उनके जीवन स्तर को उन्नत बनाना था।
5वीं पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबी उन्मूलन था।
जवाहरलाल नेहरू पहली पंचवर्षीय योजना के अध्यक्ष थे।
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