Featured post

PM SHRI GIC Jakhnidhar: पीएम श्री राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार में शीघ्र ग़ठित होगी पूर्व छात्र परिषद, छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए पूर्व छात्रों से भी लिया जाएगा सहयोग, कॉलेज ने जारी किया Alumni Registration Link

Image
Posted by- Sushil Dobhal पीएम श्री राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार ने Alumni रजिस्ट्रेशन Link जारी करते हुए अपने पूर्व छात्रों से विद्यालय की मुख्यधारा से जुड़ने की अपील की है। प्रधानाचार्य संजीव नेगी ने कहा है कि स्कूली बच्चे देश का भविष्य होते हैं और उनके सर्वांगीण विकास के लिए पूर्व छात्रों का भी सहयोग लिया जायेगा।     राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और पीएम श्री योजना के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों के संचालन के साथ ही प्रवक्ता अर्थशास्त्र सुशील डोभाल द्वारा  इंटर कॉलेज की वेबसाइट तैयार की गई है। कॉलेज की वेबसाइट पर ही पुरातन छात्रों के पंजीकरण का लिंक दिया गया है। प्रधानाचार्य संजीव नेगी ने कहा है कि  विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे विद्यालय के पूर्वछात्रो से स्कूल में अध्यनरत विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के साथ ही विद्यालय के संसाधन जुटाने में भी सहयोग की अपील की जाएगी। उन्होंने कहा है कि विद्यालय में शीघ्र ही पूर्व छात्र परिषद का गठन किया जाएगा। जिसके लिए छात्र छात्राओं से लिंक के माध्यम से अपना पंजीकरण करवाने की अपील की गई है। Alumni Registration- PM SHRI GI...

Big Breaking News: 2005 से पूर्व की विज्ञप्ति वाले शिक्षक और कार्मिकों को पुरानी पेंशन का विकल्प देने सहित कैबिनेट बैठक में लिए गए यह बड़े निर्णय, यहां पढ़ें विस्तार से

Himwant Educational News: विधायक श्री सरवत करीम अंसारी के निधन पर सचिवालय में सोमवार को कैबिनेट बैठक से पहले कैबिनेट द्वारा दो मिनट का मौन रखकर कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद कैबिनेट द्वारा विभिन्न विभागों से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण निर्णय आज लिए हैं।

कैबिनेट द्वारा लिये गये महत्वपूर्ण निर्णय

शहरी विकास विभाग

नगर पालिका परिषद् मुनिकीरेती ढ़ालवाला को उच्चीकृत कर (श्रेणी-02 से श्रेणी -01 ) में लाये जाने का निर्णय।
नगर पालिका परिषद् मुनिकीरेती- ढालवाला उत्तराखण्ड का प्रमुख पर्यटक केन्द्र होने के साथ योग एवं साहसिक खेलों का भी केन्द्र है। कांवड़ यात्रा, चारधाम यात्रा एवं कुम्भ मेला के दौरान लाखों पर्यटक यहां आते है जिससे जनसामान्य एवं आगन्तुक जनों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने का निरन्तर दबाव बना रहता है। पालिका के उच्चीकृत होने से राज्य वित्त अनुदान एवं करों से निकाय की आय में वृद्धि होगी । पालिका के संरचनात्मक ढांचे एवं प्रकार्यात्मक गतिविधियों में सुधार होगा जिससे निरन्तर बढ़ती जनसंख्या को पार्किंग, पथ प्रकाश, सीवर लाइन, पक्की नाली, सड़के, साफ सफाई, सम्पर्क मार्ग, शौचालयों आदि से सम्बन्धित उच्चतम सुविधाएं मिलेंगी। यात्रा अवधि एवं अन्य दिनों में बढने वाली पर्यटक गतिविधियों के दृष्टिगत व्यवस्थाओं के संचालन में सुगमता होगी।

कृपया 'हिमवंत' को यहां Follow करें।

ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा विभाग, उत्तराखण्ड शासन

उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लि0 एवं पावर ट्रान्समिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लि0 में ए०डी०बी० वित्त पोषित परियोजना, Uttarakhand Climate Resilience Power System Development Project (Uttarakhand Transmission Strengthening and Distribution Improvement Programme) अन्तर्गत स्वीकृत कार्यों में सहयोग एवं अनुश्रवण हेतु गठित होने वाले प्रोग्राम मैनेजमेन्ट यूनिट (ए०डी०बी० पी०एम०यू०) में विभिन्न श्रेणी के पदों को सृजित किये जाने संबंधी निर्णय।
प्रदेश में विद्युत एवं पारेषण की वोल्टेज प्रोफाइल में सुधार करने ग्रिड स्थिरता सुनिश्चित करने तथा ग्रिड विफलता को कम करने के उद्देश्य से यूपीसीएल एवं पिटकुल में ए०डी०बी० वित्त पोषित परियोजना के अन्तर्गत 132KV/220 KV/400 KV के नये सबस्टेशनों के निर्माण देहरादून शहर की उपरगामी (Overhead) विद्युत लाईनों को भूमिगत करने तथा पुराने सबस्टेशनों की क्षमता में वृद्धि के कार्य प्रस्तावित किये गये हैं। इन कार्यों के सम्पादन से राज्य में भविष्य की विद्युत आवश्यकता में होने वाली वृद्धि की पूर्ति सुनिश्चित होने के साथ-साथ नियमित विद्युत आपूर्ति भी सुनिश्चित हो सकेंगी।
उक्त ए०डी०बी० वित्त पोषित परियोजना के अन्तर्गत स्वीकृत कार्यों में सहयोग एवं अनुश्रवण हेतु गठित होने वाले प्रोग्राम मैनेजमेन्ट यूनिट (ए०डी०वी०पी०एम०यू०) में विभिन्न श्रेणी के पदों को सृजित किये जाने के सम्बन्ध में मा० मंत्रिमण्डल से निर्णय / आदेश प्राप्त किये जाने है, जिसके दृष्टिगत यह प्रस्ताव लाया गया है।

SEAS 2023: राज्य शैक्षिक उपलब्धि सर्वे के लिए ऐसे करवाएं छात्रों से अभ्यास,

ग्राम्य विकास विभाग

ग्राम्य विकास विभागान्तर्गत लेखा संवर्ग ढ़ांचे में लेखाकार एवं सहायक लेखाकार के पूर्व सृजित कुल 350 पदों की सीमा में ही पदों को पुनर्गठित किये जाने संबंधी निर्णय।
ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित विभिन्न केन्द्र एवं राज्य पोषित योजनाओं के सफल क्रियान्वयन आयुक्त कार्यालय के साथ-साथ जनपद एवं विकास खण्डों द्वारा किया जाता है, जिसमें प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा सहयोग प्रदान किया जाता है। अतः उक्त स्थलों पर लेखा सम्बन्धी कार्यों के सुचारू सम्पादन एवं वित्तीय प्रबन्धन बनाये रखने हेतु लेखा संवर्ग में लेखाकार के 280 पद एवं सहायक लेखाकार के 70 पद स्वीकृत हैं। किसी भी संवर्ग में सीधी भर्ती के पदों की संख्या पदोन्नति के पदों की संख्या से अधिक होनी चाहिए ताकि सीधी भर्ती के पदों से पदोन्नति के पदों की पदापूर्ति हो सके। उक्त के दृष्टिगत लेखा संवर्ग में पदों का पुनर्गठन करते हुए विभागान्तर्गत लेखाकार के 280 पदों के स्थान पर 110 पद एवं सहायक लेखाकार के 70 पदों के स्थान पर 240 पद करते हुए पुनर्गठित किये जाने का प्रस्ताव हैं।

शिक्षको की वेब पत्रिका 'हिमवंत' के whatsapp Group से जुडें

वन विभाग

राजाजी टाइगर रिजर्व कन्जरवेशन फाउण्डेशन की स्थापना संबंध में।
कार्बेट टाइगर फाउंडेशन की तर्ज पर राजाजीगर कन्जरवेशन फाउण्डेशन का गलन भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 38X(1) में उल्लिखित प्रावधान बाघ संरक्षण फाउण्डेशन के नियम के उददेश्य से भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 22 जून, 2007 के क्रम में राजाजी टाईगर रिजर्व कन्जरवेशन फाउण्डेशन का गठन किये जाने का निर्णय।
इसका मुख्य उद्देश्य-
1. श्राजाजी टाइगर रिजर्व मे और आस-पास वो भू-दृश्यों में पारिस्थितिकीय आर्थिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास को गति देगा एवं सुगम बनाना।
2. राजाजी टाइगर रिजर्व में और आस-पास सम्बन्धित क्षेत्र (भू-दृश्यों) में प्राकृतिक पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सहायता प्रदान करना।
3. वनों पर निर्भरता को कम करने के लिए वैकल्पिक आजीविका के अवसर प्रदान करने, पारिस्थितिक पर्यटन के लाभ प्राप्त करने एवं मानव वन्यजीव संघर्ष से निपटने तथा सम्बन्धी अपराधों की रोकथाम में स्थानीय समुदायों को सहयोग प्रदान करना।
4. टाइगर रिजर्व में कार्यरत कर्मचारियों के कल्याण से संबंधित गतिविधियों को करना।
5. किसी भी नियोजित या जारी संरक्षण प्रयास के अभाव पूर्ति या अतिरिक्त संसाधन प्रदान करने में आवश्यकता पड़ने पर सहयोग प्रदान करना।
6. वन्यजीव आवास सुरक्षा वन्यजीव सुरक्षा तथा कर्मचारियों के कल्याण के लिए उत्पन्न होने वाली तत्काल मांग को सहयोग प्रदान करना।
7. आरटीसीएफ के उद्देश्यों एवं लक्ष्यों की पूर्ति हेतु आवश्यक संसाधनों का निर्माण, अधिग्रहण तथा रखरखाव करना।
8. राज्य के कानूनों के तहत अनुमति के अनुसार उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक तकनीकी कानूनी वित्तीय और अन्य सहयोग प्राप्त करना।
9. अनुसंधान नवाचार प्रशिक्षण, पारिस्थितिकीय विकास, पारिस्थितिकीय पर्यटन और पर्यावरण शिक्षा में सहयोग प्रदान करना जिसके लिए नियमित बजट के प्रविधानों के अन्तर्गत आवश्यक संसाधन नहीं होते हैं।
10. राज्य सरकार आवश्यकतानुसार फाउण्डेशन की कार्यप्रणाली की समीक्षा कर सकती है और फाउण्डेशन के मेमोरेण्डम ऑफ एसोसिएशन तथा एस.ओ.पी में अन्य बिन्दुओं को सम्मिलि कर सकती है।

कृपया 'हिमवंत' को यहां Follow करें।

पर्यटन विभाग, उत्तराखण्ड शासन

नई पर्यटन नीति, 2023-30 में संशोधन किये जाने का निर्णय।
राज्य में पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने के हेतु पर्यटन नीति 2023-30 में प्रख्यापित की गयी है। उक्त पर्यटन नीति को सिंगल विंडों सिस्टम के माध्यम से क्रियान्वयन कराये जाने के दृष्टिगत संशोधन किया गया है, जिससे व्यवसायियों हेतु प्रक्रियाओं का सरलीकरण, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस / सरलीकरण, निवेश परियोजनाओं का तेजी से ग्राउंडिंग और प्रोत्साहन दिया जा सके।

कार्मिक एवं सतर्कता विभाग

उत्तराखण्ड अधीनस्थ कार्यालय लिपिक वर्गीय कर्मचारी वर्ग (सीधी भर्ती) (संशोधन) नियमावली 2023 के प्रख्यापन का निर्णय।
अधीनस्थ कार्यालया के लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की सेवा शर्तों के निर्धारण हेतु अधीनस्थ कार्यालय लिपिक वर्गीय कर्मचारी वर्ग (सीधी भर्ती) नियमावली, 2004 प्रख्यापित की गयी है। वर्तमान में लिपिक वर्गीय संवर्ग के अन्तर्गत निम्नतर श्रेणी में 70 प्रतिशत पद सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाने एवं 25 प्रतिशत पद समूह घ के कार्मिकों तथा 05 प्रतिशत पद वाहन चालकों से प्रोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है। समूह घ के पद मृत संवर्ग हैं और इन पदों पर नयी नियुक्तियों न होने के कारण कतिपय विभागों में पात्र अभ्यर्थी उपलब्ध न होने से पदोन्नति कोटा के पद रिक्त रह जा रहे हैं, के दृष्टिगत हिन्दी में टंकण परीक्षा में न्यूनतम 4000 के स्थान पर न्यूनतम 2400 की डिप्रेशन प्रति घण्टा की गति रखी गई है। पदोन्नति कोटा के पद रिक्त न रहें और उपलब्ध पात्र कार्मिकों की सुगमता से पदोन्नति की जा सके, के दृष्टिगत ‘उत्तराखण्ड अधीनस्थ कार्यालय लिपिक वर्गीय कर्मचारी वर्ग (सीधी भर्ती) (संशोधन) नियमावली 2023’ का प्रख्यापन किया गया है।

शिक्षको की वेब पत्रिका 'हिमवंत' के whatsapp Group से जुडें

गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग।

पेराई सत्र 2023-24 हेतु उत्तराखण्ड राज्य की खाण्डसारी नीति प्रख्यापित किये जाने संबंधी निर्णय।
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग द्वारा पेराई सत्र हेतु राज्य में खाण्डसारी इकाईयों आदि को विनियमित किये जाने की दृष्टि से नियमों का निर्धारण करते हुए खाण्डसारी नीति निर्धारित की जाती है। पेराई सत्र 2022-23 हेतु शासन के कार्यालय ज्ञाप दिनांक 23 फरवरी, 2023 द्वारा खाण्डसारी नीति निर्गत की गई है।
उल्लेखनीय है कि सामान्यतया पेराई सत्र माह नवम्बर से माह अप्रैल तक संचालित होता है, विगत पेराई सत्र 2022-23 में माह फरवरी, 2023 के अन्त में उक्त नीति निर्गत होने के कारण सम्पूर्ण पेराई सत्र में उक्त नीति का क्रियान्वयन नहीं हो पाया है, सम्पूर्ण पेराई सत्र की अवधि में खाण्डसारी नीति का क्रियान्वयन न होने से नीति के गुण दोष इत्यादि का सही प्रकार से मूल्यांकन भी नहीं हो सका है, जिससे कि कालान्तर में उक्त नीति में संशोधन प्रस्तावित किये जा सके।
अतः वर्तमान आवश्यकताओं के दृष्टिगत शासन के कार्यालय ज्ञाप संख्या 101473 दिनांक 23 फरवरी 2023 द्वारा गत पेराई सत्र 2022-23 हेतु निर्गत खाण्डसारी नीति को ही आगामी पेराई सत्र 2023-24 हेतु भी यथावत लागू रखे जाने का निर्णय लिया गया है।

पशुपालन विभाग , मत्स्य

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का प्रख्यापन किये जाने का निर्णय।
प्रदेश में पूर्व से कार्यरत मत्स्य पालकों को प्रोत्साहित किये जाने एवं अधिक से अधिक व्यक्तियों को मत्स्य पालन से जोड़कर स्वरोजगार उपलब्ध कराते हुए मत्स्य उत्पादन को बढ़ाये जाने के उद्देश्य से मा0 मुख्यमंत्री घोषणा संख्या 297 / 2022 ‘‘प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना की तर्ज पर राज्य में मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना प्रारम्भ की जायेगी’’ की पूर्ति किये जाने हेतु ‘मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना’ प्रारम्भ की जा रही है। योजना से आगामी 05 वर्षों में 4,000 लोगों को लाभान्वित किया जायेगा। साथ ही योजनान्तर्गत महिला आधारित गतिविधियों (व्यक्तिगत महिला अथवा जनपद / ब्लॉक स्तर गठित महिला समूह, महिला समित आदि) के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ते हुए महिलाओं को सशक्त किया जायेगा।
उक्त प्रस्तावित की जा रही योजना में नवीन गतिविधियों को सम्मिलित करते हुए राज्य में पूर्व से संचालित राज्य सेक्टर से सम्बन्धित योजनाओं की गतिविधियों को भी समाहित किया गया है ‘मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना’ राज्य में संचालित केन्द्र पोषित योजना प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना की तर्ज पर प्रख्यापित की जा रही है।

परिवहन विभाग

पुराने वाहनों को स्क्रैप किये जाने, स्क्रैप किये गये निजी वाहनों के सापेक्ष प्रतिस्थानी वाहन क्रय पर देय कर में छूट तथा पुरानी देयताओं को माफ किये जाने के सम्बन्धी निर्णय।
भारत सरकार द्वारा पूंजीगत निवेश हेतु विशेष केन्द्रीय सहायता योजना (Scheme for Special Assistance to States for Capital Investment 2023-24) के अन्तर्गत सरकारी विभागों तथा स्थानीय निकायों / प्रतिष्ठानों के 15 वर्ष पुराने वाहनों को स्क्रैप किये जाने, गैर सरकारी / निजी वाहनों की स्क्रॅपिंग को प्रोत्साहन दिये जाने के दृष्टिगत पुराने स्क्रैप किये गये निजी वाहनों के सापेक्ष प्रतिस्थानी वाहन क्रय पर देय कर में गैर परिवहन यान की दशा में देय एक बारीय कर में 25 प्रतिशत अथवा ₹50.000/-, जो भी कम हो एवं परिवहन यान की दशा में देय वार्षिक कर में 15 प्रतिशत छूट दिया जाना तथा पुरानी देयताओं को माफ किया जाना प्रस्तावित है उक्त योजना के अन्तर्गत प्रतिवर्ष क्रमशः ₹1.70 करोड़ एवं 1.75 करोड़, इस प्रकार कुल ₹3.45 करोड़ की राजस्व हानि होने की संभावना है जबकि ऐसे स्क्रैप के उपरान्त संभावित नवीन वाहन क्रय से जी.एस.टी. के रूप में लगभग ₹95.00 करोड़ का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। उक्त योजना के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा कुल ₹50.00 करोड़ की विशेष केन्द्रीय सहायता प्रदान की जायेगी। राज्य को प्रथम चरण में ₹25.00 करोड़ की धनराशि प्राप्त होगी। उक्त प्रस्ताव पर मा० मंत्रिमण्डल द्वारा सहमति प्रदान की गयी है।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाम

प्रवर्ग विशेष के उद्यमों को अनुकूलित पैकेज / रियायत स्वीकृत किये जाने हेतु निर्गत प्रक्रिया एवं दिशानिर्देशों में कतिपय संशोधन एवं नवीन प्राविधान सम्मिलित किये जाने के संबंधी निर्णय।
प्रस्ताव-राज्य में औद्योगिकीकरण के माध्यम से रोजगार के तहत अवसरों के सृजन तथा बडे निवेश के लिये उद्यमों को स्थापित करने के लिये आवश्यक समयबद्ध अनुज्ञापन, अनुज्ञाय व स्वीकृतियां प्रदान करने के लिये उत्तराखण्ड एकल खिड़की सुगमता और अनुज्ञापन अधिनियम, 2012 (समय–समय पर यथासंशोधित) प्रख्यापित किया गया है। उक्त नीति की धारा-14 में निहित प्रावधानों के दृष्टिगत व निर्धारित उद्देश्य की प्राप्ति के लिये अधिसूचना संख्या-372 / VII-3- 23/166-उद्योग / 2011टी. सी. दिनांक 22.02.2023 के द्वारा प्रवर्ग विशेष के उद्यमों को अनुकूलित पैकेज / रियायत स्वीकृत किये जाने हेतु प्रक्रिया एवं दिशानिर्देशों का प्रख्यापन किया गया है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आवश्यकता के दृष्टिगत उक्त अधिसूचना संख्या-372 / VII-3-23/166-उद्योग / 2011 टी. सी., दिनांक 22.02.2023 के द्वारा ‘प्रवर्ग विशेष के उद्यमों को अनुकूलित पैकेज / रियायत स्वीकृत किये जाने हेतु प्रक्रिया एवं दिशानिर्देशों’ में निम्नवत संशोधन एवं नवीन प्राविधान रखे जाने का निर्णय लिया गया है-

4.1.4 न्यूनतम थ्रेशहोल्ड सीमा
4.1.4.1 निवेश रू 200 करोड़ रूपये या उससे अधिक के निवेश / विस्तारीकरण वाली परियोजनाएं इन दिशानिर्देशों के तहत लाभ के लिए पात्र होंगी, या
4.1.4.3 प्रस्तर संख्या 4.1.4.1 तथा 4.1.4.2 के अनुसार निर्धारित मानकों के अनुसार निवेश करने वाले कम्पनी/समूह की परियोजना अवधि अधिकतम 10 वर्ष होगी, परन्तु ऐसे कम्पनी/ समूह को प्रथम 03 वर्ष के अंतर्गत न्यूनतम रू० 200 करोड़ का निवेश ग्राउण्डिंग करना होगा।

आवास विभाग (अनुभाग-2)

केन्द्रीय विद्यालय, नई टिहरी के भवन मानचित्र की स्वीकृति हेतु शिथिलीकरण के संबंध में लिया गया निर्णय।
जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण, टिहरी क्षेत्रान्तर्गत नई टिहरी में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना की जानी है। प्रश्नगत स्थल हेतु पहुँच मार्ग 6.0 मीटर है। भवन निर्माण एवं विकास उपविधि के अनुसार पर्वतीय क्षेत्रों में 06 मीटर पहुंच मार्ग पर अधिकतम 09 मीटर की ऊंचाई अनुमन्य है, जबकि प्रश्नगत मानचित्र में भवन की ऊंचाई 14.50 मीटर प्रस्तावित की गई है। क्षेत्र के आस-पास के बच्चों को बेहतर शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराये के उद्देश्य से केन्द्रीय विद्यालय, नई टिहरी के भवन मानचित्र की स्वीकृति हेतु भवन की ऊँचाई 9.00 मीटर के स्थान पर 14.5 मीटर अनुमन्य किये जाने का प्रस्ताव है। प्रश्नगत भवन में स्ट्रक्चरल सेफ्टी का ध्यान रखा जाना है। 30 डिग्री से अधिक ढ़लान पर निर्माण कार्य की अनुमति न होने के कारण ले आउट में संशोधन किये जाने की शर्त भी रखी गयी है। साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में निर्माण किए जाने हेतु समय-समय पर मा० उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली एवं मा0 उच्च न्यायालय, नैनीताल, उत्तराखण्ड द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का भी पूर्णतः संज्ञान लिया जाना है।

पशुपालन अनुभाग-01

निराश्रित गोवंश के भरण-पोषण हेतु दिये जाने वाले राजकीय अनुदान की प्रक्रिया के सरलीकरण हेतु उक्त अनुदान को सम्बन्धित जिलाधिकारी के निवर्तन पर रखे जाने के संबंध में निर्णय।
उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत निराश्रित / बेसहारा गोवंश को आश्रय उपलब्ध कराने एवं आश्रय स्थल पर उनके भरण-पोषण हेतु वर्तमान नीति के अन्तर्गत उत्तराखण्ड पशु कल्याण बोर्ड की अनुशंसा पर गैरसरकारी पशु कल्याण संस्थाओं को शरणागत गोवंश की संख्या के आलोक में अनुदान दिया जाता है। वर्तमान में अनुदान हेतु सभी प्रकरणों को उत्तराखण्ड पशु कल्याण बोर्ड, पशुपालन निदेशालय एवं शासन स्तर पर परीक्षण के उपरान्त भरण-पोषण हेतु राजकीय अनुदान अवमुक्त किया जाता है। इस जटिल प्रक्रिया में बहुत अधिक समय लगने के कारण, गैरसरकारी पशु कल्याण संस्थाओं को लगभग 05-06 महीने बाद भरण-पोषण अनुदान मिल पाता है। ऐसी परिस्थिति में आर्थिक रूप से बहुत समर्थ संस्थाएं ही गोसदनों का संचालन कर पाने में समर्थ है।
अतः उक्त जटिल प्रक्रिया के सरलीकरण के दृष्टिगत राजकीय अनुदान हेतु समस्त आवेदन प्रकरणों की जिलाधिकारी द्वारा नामित अधिकारी के माध्यम से जाँच कराये जाने तथा जाँचोपरान्त भरण-पोषण हेतु जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा राजकीय अनुदान हेतु संस्थाओं का चयन पशुपालन विभाग द्वारा निर्गत संगत शासनादेश के आलोक में किये जाने हेतु उत्तराखण्ड राज्य गो वंश संरक्षण (संशोधन) नियमावली, 2018 के नियम 29 में संशोधन किया जाना है। इसी प्रकार सरलीकरण के दृष्टिगत शासनादेश संख्या 36254/XV-1 /23/7 (14) 22 के प्रस्तर-3 में उल्लिखित वर्तमान प्राविधान को विलोपित करते हुए उक्त राजकीय अनुदान हेतु प्राप्त बजट को सम्बन्धित जिलाधिकारी के निवर्तन पर रखा जाना है।

माध्यमिक शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन

मान्यता प्राप्त औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त कक्षा-8 उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को उतराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद की हाईस्कूल एवं कक्षा – 10 उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को इण्टरमीडिएट की समकक्षता प्रदान किये जाने हेतु उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा विनियम 2009 के अध्याय-12 के विनियम-14 एवं अध्याय 14 के विनियम-2 में संशोधन किये जाने का निर्णय।
प्रस्ताव-वर्तमान में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से 2 वर्षीय और उससे अधिक अवधि का औद्योगिक प्रशिक्षण पूर्ण कर प्रशिक्षणार्थियों द्वारा व्यवसायिक प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना है. किन्तु उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर, नैनीताल की हाईस्कूल (कक्षा-10) या इण्टरमीडिएट (कक्षा-12) के समकक्ष न होने के कारण उक्त प्रशिक्षणार्थियों को पुनः हाईस्कूल या इण्टरमीडिएट परीक्षा में सम्मिलित होना होता है, जिसने अतिरिक्त श्रम एवं समय लगता है। इसके साथ ही युवाओं का मनोबल भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित होता है। उक्त समस्या को देखते हुये ऐसे छात्र-छात्रायें जिन्होंने कक्षा-8 उत्तीर्ण करने के उपरान्त मान्यता प्राप्त औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से 2 वर्षीय या उससे अधिक औद्योगिक प्रशिक्षण पूर्ण कर राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एन०सी०वी०टी०प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो को उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद, रामनगर द्वारा आयोजित हाईस्कूल (कक्षा 10 ) की परीक्षा में केवल हिन्दी विषय में व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में उत्तीर्ण करने की दशा में परिषद की हाईस्कूल के समकक्ष एवं ऐसे छात्र-छात्राएं जिन्होंने उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद की कक्षा 10 की परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरान्त मान्यता प्राप्त औद्यागिक प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण / प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो, को उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर द्वारा आयोजित इण्टरमीडिएट (कक्षा 12 ) की हिन्दी विषय की परीक्षा व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में उत्तीर्ण करने की दशा में परिषद की इण्टरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण की समकक्षता प्रदान की जानी है।
उक्त के दृष्टिगत उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा विनियम, 2009 के अध्याय-12 के. विनियम – 14 एवं अध्याय-14 के विनियम-2 में प्रस्तावित संशोधन पर मा0 मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।

वित्त विभाग (राज्य कर विभाग)

राज्य कर विभाग, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत् सृजित अपर आयुक्त (प्रशासन) के पद को पी०सी०एस० संवर्ग के स्थान पर ‘आई०ए०एस० आई०आर०एस० अथवा वरिष्ठ पी०सी०एस० संवर्ग’ से भरे जाने हेतु संशोधन के संबंध में निर्णय।
शासनादेश संख्या-2354, दिनांक 16.06.2001 द्वारा राज्य कर विभाग, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत सृजित एडिशनल कमिश्नर (प्रशासन) के 01 पद पर भर्ती का स्रोत पी०सी०एस० संवर्ग होने के कारण उक्त पद पर तैनाती में अनिश्चितता की स्थिति के दृष्टिगत तथा राज्य में जी०एस०टी० लागू होने एवं राज्य के राजस्व वृद्धि हेतु अपेक्षित अतिरिक्त प्रयासों के अन्तर्गत् फॉरेंसिक जांच, डाटा एनालिसिस, कानूनी सेवा (Legal Service) जी०एस०टी० ऑडिट, जी०एस०टी० परिषद् हेतु प्रस्ताव तैयार किये जाने एवं राजस्व प्राप्ति हेतु विभिन्न क्षेत्रों का चिन्हीकरण कर गहन समीक्षा / परीक्षण किये जाने आदि के पर्यवेक्षण (monitoring) एवं बेहतर परिणाम हेतु राज्य कर विभाग, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत सृजित उक्त एडिशनल कमिश्नर (प्रशासन) के पद पर भर्ती का स्रोत पी०सी०एस० संवर्ग के स्थान पर आई०ए०एस० संवर्ग / वरिष्ठ पी०सी०एस० संवर्ग / आई०आर०एस० (प्रतिनियुक्ति के आधार पर रखे जाने हेतु संशोधन किया जाना प्रस्तावित है। जिस पर कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया है।

कृपया 'हिमवंत' को यहां Follow करें।

ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा विभाग, उत्तराखण्ड शासन 

सोलर वाटर हीटर संयंत्रों की स्थापना पर घरेलू / गैर घरेलू उपभोक्ताओं को अनुदान उपलब्ध कराये जाने हेतु दिशा-निर्देश संबंधी निर्णय।
भारत सरकार के सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता की पूर्ति हेतु राज्य में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में विकास हेतु ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत संचालित उत्तराखण्ड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) के माध्यम से घरेलू एवं व्यावसायिक उपभोक्ताओं को सोलर वॉटर हीटर संयंत्रों की स्थापना पर क्रमशः 50 प्रतिशत एवं 30 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार द्वारा अनुमन्य किये जाने विषयक प्रस्ताव एवं उक्त विषयक प्रस्तावित विस्तृत दिशा-निर्देशों पर मा० मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।
सोलर वाटर हीटर संयंत्र योजना के अन्तर्गत सोलर वाटर हीटर संयंत्रों की स्थापना हेतु प्रदान किये जाने वाले उक्त प्रोत्साहन अनुदान धनराशि से हरित एवं सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रोत्साहन एवं विकास सतत विकास लक्ष्यों की पूर्ति, विद्युत बचत, विद्युत बीजक में उपभोक्ताओं को वित्तीय लाभ, ग्रिड स्थिरता, कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी से पर्यावरण संरक्षण एवं सकारात्मक प्रभाव, गर्म पानी की आवश्यकता पूर्ति इत्यादि कई लाभ राज्य जन को प्राप्त होगें।

*उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राजकीय महाविद्यालयों में योग प्रशिक्षकों (ट्रेनर) की तैनाती किए जाने के सम्बन्ध में निर्णय*

1). राज्य में अवस्थित 119 राजकीय महाविद्यालयों एवं 04 राज्य विश्वविद्यालय परिसरों में कुल 123 योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति आउटसोर्स के माध्यम से नितान्त अस्थायी रूप से 11 माह हेतु की जायेगी ।
2) उक्त की तैनाती हेतु निदेशक, उच्च शिक्षा / कुल सचिव, सम्बन्धित वि०वि० के स्तर से विज्ञापन प्रकाशित किए जाएंगे तथा तैनाती प्रक्रिया सम्बन्धित महाविद्यालय/वि०वि० के प्राचार्य / कुल सचिव के स्तर से की जाएगी।
3) योग प्रशिक्षकों को प्रतिदिवस न्यूनतम ₹300/- एवं प्रतिमाह अधिकतम रू० 18,000/- की दर से मानदेय भुगतान किया जाएगा। उक्तानुसार कुल 123 योग प्रशिक्षकों का 11 माह हेतु धनराशि रू0 243.54 लाख का व्ययभार होगा।
4) योग प्रशिक्षकों की तैनाती किए जाने में यथासंभव स्थानीय युवाओं को वरीयता दी जाएगी।
5) योग प्रशिक्षक प्राचार्य द्वारा उपलब्ध कराये गये समय-सारिणी एवं निर्देशों के अनुरूप कार्य करते हुये संस्थान के शिक्षकों, कार्मिकों, छात्र-छात्राओं एवं निकटवर्ती क्षेत्रों के आम-जनमानस को भी योग का नियमित अभ्यास एवं प्रशिक्षण करायेंगें।

शहरी विकास विभाग

मा0 मुख्यमंत्री घोषणा संख्या 77 /2021 गुप्तकाशी को नगर पंचायत बनाये जाने के सम्बन्ध में निर्णय

प्रस्तावित गुप्तकाशी क्षेत्र को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने के फलस्वरुप वहाँ के निवासियों को पथ-प्रकाश, सीवर-लाईन, पक्की नाली, सड़कें, साफ-सफाई, सम्पर्क मार्ग एवं शौचालयों आदि की समुचित व्यवस्था उपलब्ध होंगी, जिससे नगर के सौन्दर्यीकरण में वृद्धि होगी। नगर में सौन्दर्यीकरण में वृद्धि होने पर पर्यटक यहां की ओर आकर्षित होंगे, जिससे नगर की आय में वृद्धि होगी।

वन विभाग

उत्तराखण्ड की वन पंचायतों में गैर प्रकाष्ठ वन उपज / Non Timber Forest produce (NTFP) का विकास तथा हर्बल एवं एरोमा टूरिज्म प्रोजेक्ट / पॉलिसी के सम्बन्ध में निर्णय।

राज्य के 11 जिलों के अन्तर्गत लगभग 12000 वन पंचायतें हैं जिनका विस्तार लगभग 4500 वर्ग कि०मी० वन क्षेत्र में हैं। उत्तराखण्ड राज्य के वन और एल्पाइन क्षेत्रों में लगभग 1600 जड़ी बूटी की प्रजातियाँ पाई जाती है, जिसका पारम्पारिक चिकित्सा प्रणालियों में प्रयोग किया जाता है और जिनकी घरेलू एवं निर्यात में उच्च मांग है। वन पंचायतों द्वारा वन आधारित गतिविधियों जैसे Medicinal and Aromatic Plants (MAP) (जड़ी बूटी) संग्रहण, पर्यटन और समुदाय आधारित उद्यमों के माध्यम से स्थानीय निवासियों की सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने की अपार सम्भावना है ।
स्थानीय लोगों व महिलाओं की सहभागिता से उनका सामाजिक एवं आर्थिक सुदृढीकरण हेतु जड़ी बूटी एवं एरोमा तथा उससे सम्बन्धित पर्यटन की एक विशेष परियोजना के आवश्यकता के दृष्टिगत गैर प्रकाष्ठ वन उपज / Non Timber Forest produce (NTFP) का विकास तथा हर्बल एवं एरोमा टूरिज्म प्रोजेक्ट / पॉलिसी मा० मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदित किया गया है।

उत्तराखण्ड राज्य के 11 जनपदों में उक्त योजना क्रियान्वित की जायेगी। परियोजना का कार्यकाल 10 वर्ष का होगा, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2032-33 तक होगा, जिसे दो चरणों में क्रियान्वित किया जायेगा ।

फेज-1 वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक 200 चयनित वन पंचायतों में फेज-2 वित्तीय वर्ष 2028-29 से 2032-33 तक 300 चयनित वन पंचायतों में।

परियोजना की कुल लागत रू0 628 करोड़ (रूपये छः सौ अट्ठाईस करोड मात्र) है।

वित्त विभाग (वित्त अनुभाग-10)

कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, भारत सरकार के कार्यालय ज्ञापन संख्या-57/05/2021 दिनांक-03 मार्च, 2023 में उल्लिखित व्यवस्था को उत्तराखण्ड राज्य में लागू किये जाने के सम्बन्ध में ।

कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार के कार्यालय ज्ञापन संख्या-57/05/2021, दिनांक-03 मार्च, 2023 में उल्लिखित व्यवस्था के क्रम में उत्तराखण्ड राज्य के समस्त राजकीय विभागों में दिनांक 01 अक्टूबर, 2005 से पूर्व विज्ञापित/अधिसूचित पदों पर चयनित कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना में सम्मिलित किये जाने का विकल्प दिया जाना प्रस्तावित है। कृपया 'हिमवंत' को यहां Follow करें।

शहरी विकास विभाग

मा० मुख्यमंत्री घोषणा संख्या-449/2022 “केम्पटी-केम्पटीफॉल को नगर पंचायत बनाया जायेगा“ के सम्बन्ध में ।
केम्पटी केम्पटीफॉल को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने के फलस्वरुप वहाँ के निवासियों को पथ-प्रकाश, सीवर-लाईन, पक्की नाली, सड़कें, साफ-सफाई, सम्पर्क मार्ग एवं शौचालयों आदि की समुचित व्यवस्था उपलब्ध होंगी, जिससे नगर के सौन्दर्यीकरण में वृद्धि होगी। नगर में सौन्दर्यीकरण में वृद्धि होने पर पर्यटक यहां की ओर आकर्षित होंगे, जिससे नगर की आय में वृद्धि होगी

वित्त विभाग, उत्तराखण्ड शासन (वित्त अनुभाग-06)

उत्तराखण्ड वित्त सेवा (संशोधन) नियमावली, 2023 के सम्बन्ध में निर्णय

प्रस्ताव- उत्तराखण्ड वित्त सेवा नियमावली, 2002 (यथासंशोधित) में वित्त सेवा सवंर्ग के ज्येष्ठ वेतनमान श्रेणी-एक (ग्रेड पे- 7600) में पदोन्नति हेतु विद्यमान दोहरी व्यवस्था एवं विशेष वेतनमान (ग्रेड पे- 8900) में पदोन्नति हेतु वांछित समयावधि विषयक अर्हता एवं परिवीक्षावधि विषयक प्राविधान सुसंगत नहीं होने के दृष्टिगत इन्हें युक्तियुक्त किया जाना अपरिहार्य है। इसके निमित्त नियमावली में वांछित संशोधन का प्रस्ताव किया जा रहा है ।

पर्यटन अनुभाग-2, उत्तराखण्ड शासन

लोक निर्माण विभाग के अनुपयोगी ( Abandoned) पुलों को उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के माध्यम से Wayside amenities के विकसित किये जाने के सम्बन्ध में निर्णय

लोक निर्माण विभाग के चारधाम यात्रा मार्ग पर स्थित ऐसे 03 (देवली बगड़, पाखी जलग्वार एवं गुलर) अनुपयोगी ( Abandoned ) पुलों जोकि वर्तमान में आवागमन हेतु उपयोग में नहीं हैं, किन्तु वर्तमान में ठीक स्थिति में है, उनको पर्यटन की दृष्टि से फूड स्टेशन / टॉयलेट / रेस्टोरेन्ट आदि के रूप में उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के माध्यम से Wayside amenities के रूप में विकसित किये जाने हेतु अनुमोदन प्रदान किया गया, जिससे कि चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों को सुविधा तथा राज्य को राजस्व प्राप्ति भी होगी।

उत्तराखण्ड अग्निशमन एवं आपात सेवा विभाग

उत्तराखण्ड अग्निशमन एवं आपात सेवा विभागान्तर्गत फायर स्टेशन हेतु वाहन / मशीनरी / उपकरण के मानकों में संशोधन के सम्बन्ध में निर्णय

प्रस्तावः- शासनादेश संख्याः 126741 / XX-3/2023-03 (फायर)/2005, टी०सी०. दिनांक 01-06-2023 द्वारा फायर स्टेशन हेतु 07 श्रेणियों में निर्धारित किये गये वाहन / मशीनरी / उपकरण के मानकों के अन्तर्गत मैदानी जनपदों के मुख्यालय में अग्निकाण्ड की अधिकता एवं अतिविशिष्ट महानुभावों का आवागमन के दृष्टिगत मैदानी जनपदों के मुख्यालय के फायर स्टेशन हेतु 01 अतिरिक्त वाटर/ फोम टैण्डर / बाउजर की स्वीकृति तथा साथ ही विधानसभा भवन / राजभवन / मा० मुख्यमंत्री आवास / महा0 राष्ट्रपति आशियाना सचिवालय / महत्वपूर्ण राजकीय मुख्यालय / फायर /आपदा रिस्क वाले क्षेत्र आदि में अग्निसुरक्षा व्यवस्था हेतु ऐसे उपरोक्त विशेष फायर रिस्क वाले क्षेत्र में 01-01 अतिरिक्त फोम टैण्डर एवं वाटर बाउजर की स्वीकृति सम्बन्धी प्रस्ताव पर मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।

गृह (कारागार) विभाग, गृह अनुभाग-2 उत्तराखण्ड शासन

उत्तराखण्ड राज्य हेतु मॉडल प्रिजन मैनुअल (उत्तराखण्ड कारागार नियमावली 2023) बनाये जाने के सम्बंध में निर्णय

भारत सरकार द्वारा मॉडल प्रिजन मैनुअल, 2016 का ड्राफ्ट तैयार करते हुए सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेश को संसूचित कर भारत सरकार के मॉडल प्रिजन मैनुअल, 2016 को अपने-अपने राज्यों के परिप्रेक्ष्य में संशोधित करते हुए राज्य का प्रिजन मैनुअल गठित किये जाने की अपेक्षा की गयी है।

भारत सरकार के मॉडल प्रिजन मैनुअल, 2016 के आधार पर उत्तराखण्ड राज्य हेतु मॉडल प्रिजन मैनुअल (उत्तराखण्ड कारागार नियमावली, 2023) गठित किये जाने का निर्णय लिया गया है, जिसमें कारागार विभाग से सम्बन्धित विभिन्न प्राविधान यथा कारागार प्रशासन एवं सुधार संस्था के कार्य, बन्दियों की रहने की व्यवस्था, संस्थान की संरचना, कारागार अधिकारियों / स्टाफ की ड्यूटी, कारागार प्रशासन में तकनीकी व्यवस्था, बन्दियों का प्रवेश, स्थानान्तरण व मुक्ति, बन्दियों का वर्गीकरण, कुख्यात / आदतन / उच्च जोखिम वाले बन्दियों / अपराधियों से समाज की रक्षा, महिला बंदी व उनके बच्चों से सम्बन्धित प्राविधान, ट्रान्सजेण्डर बंदियों के प्राविधान, बन्दियों की अभिरक्षा व सुरक्षा, कारागार अनुशासन, स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधा, बन्दियों के कल्याण कार्यक्रम, सजा में छूट / परिहार / समयपूर्व मुक्ति, बन्दियों का पुनर्वास इत्यादि विषय सम्मिलित है।

वित्त विभाग

उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वर्दी भत्ता अनुमन्य किये जाने को लेकर निर्णय

उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 02 वर्ष तथा 04 वर्ष पर अनुमन्य ग्रीष्मकालीन तथा शीतकालीन वर्दी तथा उनकी दरों का निर्धारण वर्ष 2011 में किया गया था । चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ द्वारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को अनुमन्य वर्दी बाजार भाव से दिये जाने तथा सिलाई की दरों में बढ़ोत्तरी किये जाने के निरन्तर मांग के क्रम में उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की वर्दी के लिए निर्धारित व्यवस्था को समाप्त करते हुए उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को प्रतिवर्ष रू0 2,400 /- (रू० दो हजार चार सौ मात्र) वर्दी भत्ता अनुमन्य किये जाने का निर्णय लिया गया है। इससे राज्य में कार्यरत 35000 चतुर्थ श्रेणी कार्मिक लाभन्वित होंगे।

जलागम

जलागम निदेशालय के अंतर्गत राज्य स्तरीय Spring and River Rejuvenation Authority (SARRA) की स्थापना एवं पदों की संरचना के सम्बन्ध में निर्णय

प्रदेश स्तर पर वर्षा जल संग्रहण तकनीकों यथा चेकडैम आदि तथा द्वारा नौला एवं नदियों के संरक्षण एवं पुनरुद्धार कार्यों हेतु विभिन्न विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों को समेकित रूप से क्रियान्वित किये जाने की आवश्यकता के दृष्टिगत जलागम प्रबन्ध निदेशालय के अंतर्गत राज्य स्तरीय स्प्रिंग एवं रिवर रिजुवेनेशन अथॉरिटी (SARRA) को सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के अन्तर्गत सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया जायेगा। इस हेतु कुल 195 विभिन्न पदों की संरचना की गई है। SARRA के अन्तर्गत विभिन्न स्तरों पर निम्नलिखित 04 समितियों का गठन किया जा रहा है

(1) उच्चाधिकार प्राप्त समिति (HPC)- मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन की अध्यक्षता में गठित की जायेगी। यह समिति इससे सम्बन्धित योजनाओं के नियोजन, स्वीकृति, कियान्वयन एवं समन्वय आदि समस्त कार्यों के निष्पादन हेतु मार्गदर्शी सिद्धातों के निरूपण को अनुमोदित करेगी।
(2) राज्य स्तरीय कार्यकारी समितिः- यह समिति अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव / राचिव, जलागम प्रबन्धन की अध्यक्षता में गठित की जायेगी। यह समिति प्रदेश स्तर पर वर्षा जल संग्रहण तकनीक यथा चेकडैम आदि तथा धारा नौला एवं नदियों के संरक्षण एवं पुनरूद्धार कार्यों हेतु वार्षिक कार्य योजना पर HPC की संस्तुति प्राप्त करेगी ।
(3) जिला स्तरीय कार्यकारी समितिः- यह समिति जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित की जायेगी तथा राज्य स्तरीय एजेंसी के साथ समन्वय में कार्य करेगी और आवश्यकता अनुसार Critical Gap Funding की स्वीकृति एवं अनुशंसा राज्य स्तर हेतु करेगी ।
(4) धारा नौला संरक्षण समितिः- यह समिति प्रधान, ग्राम पंचायत की अध्यक्षता में गठित की जायेगी। यह समिति वर्षा जल संग्रहण तकनीकों यथा चेकडैम आदि के माध्यम से स्प्रिंग उपचार एवं नदियों के उपचार की आवश्यकता एवं इनके सत्त प्रबन्धन के सम्बन्ध में स्थानीय समुदाय को जागरूक कराने के लिए नियमित रूप से बैठकें और प्रशिक्षण आयोजित कराएगी।

आपदा प्रबंधन

जलवायु परिवर्तन के कारण आपदाओं की बारम्बारता व तीक्ष्णता में हो रही वृद्धि के कारण अन्य के अतिरिक्त विशेष रूप से विश्वभर के हिमालयी क्षेत्रों के उच्च घातकता वाले समुदायों के जीवन की गुणवत्ता पर अत्यन्त प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। प्राकृतिक आपदाओं के कारण वर्षों की कड़ी मेहनत से विकसित अवसंरचनायें पलभर में नष्ट हो जाती हैं और साथ ही प्रभावित जन समुदाय के जीवन की गुणवत्ता पर भी अत्यन्त प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। साथ ही साथ सार्वजनिक / विभागीय परिम्पत्तियों की पुनर्निर्माण में लम्बा समय भी लगता है। इसके अतिरिक्त आपदा प्रभावित समुदाय की मनोवैज्ञानिक स्थिति पर भी अत्यन्त प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए अभिनव दृष्टिकोणों, प्रयासों, स्थानीय समुदाय की भागीदारी और विकास योजनाओं में आपदा जोखिम न्यूनीकरण और जलवायु प्रतिरोध्यता को समावेशित किये जाने की आवश्यकता के दृष्टिगत उत्तराखण्ड राज्य में 6वें विश्व आपदा प्रबन्धन महासम्मेलन 6th World Congress on Disaster Management, (WCDM) के आयोजन किये जाने का प्रस्ताव पर मा० मंत्रिमण्डल द्वारा सहमति प्रदान कर दी गयी है। जिसके आयोजन हेतु राज्य आपदा मोचन निधि (SDRF) से रु0 8.95 करोड़ + GST अतिरिक्त व्यय किया जायेगा.

शिक्षको की वेब पत्रिका 'हिमवंत' के whatsapp Group से जुडें

Comments

यह भी पढ़ें -

School prayer: स्कूल के लिए 20 प्रसिद्ध प्रार्थना, जो बना देंगी विद्यार्थियों का जीवन सफल

Pariksha Pe Charcha 2024: PM Modi जनवरी में करेंगे परीक्षा पे चर्चा, आप भी हो सकते हैं शामिल, यहां करना होगा PPC 2024 के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

NEP 2020: FLN क्या है और इसके क्या उद्देश्य हैं? यहां पढ़ें।

PPC 2025: परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में अब तक एक करोड़ से अधिक पंजीकरण, 14 जनवरी तक कक्षा 6 से 12वीं के छात्र, शिक्षक और अभिभावक यहां कर लें Online Registration, उपहार में मिलेगा पीपीसी किट,

SCERT Uttarakhand: महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी द्वारा 'ज्ञानांकुरण' के लॉन्च के साथ ही उत्तराखण्ड बना स्कूली बच्चों के लिए दीक्षा पोर्टल पर ई-कोर्सेज उपलव्ध करवाने वाला पहला राज्य।

Best 50+ Facebook Stylish Bio For Boys Attitude 2023

परीक्षा पे चर्चा 2022 में प्रतिभाग के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि है 20 जनवरी, विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधी बात करने का मिलेगा मौका।

चुनाव ड्यूटी प्रशिक्षण के दौरान पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर यहां पीठासीन अधिकारी ने जमकर किया हंगामा, प्रशिक्षण स्थल पर मची अफरा-तफरी, सुरक्षाकर्मियों ने बड़ी मुश्किल से किया काबू।

SCERT Uttarakhand: ज्ञानांकुरण कार्यक्रम के तहत एससीईआरटी ने जनवरी 2023 के कोर्स लिंक किये जारी, कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों के लिए DIKSHA portal पर उपलब्ध हैं यह उपयोगी कोर्स

Uttarakhand Board Result 2023: उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर बोर्ड का 10 वीं और 12वीं का परीक्षा परिणाम यहां देखें