School Education Uttarakhand: वरिष्ठतम शिक्षक के बजाय कनिष्ठ शिक्षक को विद्यालय का प्रभार सौंपने पर संबंधित संस्थाध्यक्ष पर होगा उत्तरदायित्व का निर्धारण, जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा) विनोद कुमार ढौंडियाल ने दिए निर्देश
विनोद कुमार ढौंडियाल जिला शिक्षा अधिकारी प्रा. शि. टिहरी गढ़वाल |
राजकीय विद्यालय में अनेक बार जानकारी के अभाव में या यूं कहे की जानकारी होने के बाद भी कई प्रधानाध्यापक अथवा प्रभारी प्रधानाध्यापक अवकाश उपभोग अथवा अन्य प्रयोजन हेतु विद्यालय से बाहर रहने के दौरान विभागीय नियमों के विरुद्ध विद्यालय में वरिष्ठतम शिक्षक के होते हुए भी कनिष्ठ शिक्षक को विद्यालय संचालन का दायित्व सौंप देते हैं। ऐसे में जहां विद्यालय में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है वहीं अनेक अवसरों पर उच्च संदर्भ से पूछने पर विभागीय अधिकारियों को भी असहज होना पड़ता है। विभागीय निर्देशन और पूर्व में जारी शासना देश के अनुसार संस्था अध्यक्ष केवल अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर ही वरिष्ठ शिक्षकों की बजाय कनिष्ठ शिक्षकों को विद्यालय संचालन के लिए अधिकृत कर सकते हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा विनोद कुमार ढौंडियाल ने जिले के समस्त उप शिक्षा अधिकारियों को जारी अपने निर्देशों में कहा है कि निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा उत्तराखण्ड ननूरखेड़ा देहरादून के पत्रांकःप्रा०शि०-दो (2)/विविध-2022/14833-35/2022-23 दिनाँक 21 दिसम्बर 2023 के द्वारा अवगत कराया गया है कि सी.एम. हेल्पलाइन शिकायत क्रमांक GE (C) 11479/XXXV-2(1) दिनाँक 09 नवम्बर 2023 के द्वारा संदर्भित शिकयत में राजकीय विद्यालयों में वरिष्ठ के स्थान पर कनिष्ठ अध्यापकों द्वारा विद्यालय संचालन किये जाने के सम्बन्ध में शिकायत करते हुए सकारात्मक कार्यवाही कराये जाने का अनुरोध किया गया है। अतः उक्त शिकायती प्रकरण के सम्बन्ध में आपको निर्देशित किया जाता है कि विद्यालय संचालन की कार्यवाही कराये जाने हेतु प्रधानाध्यापक / प्रभारी प्रधानाध्यापक को अधिकृत किया जाएं। विकासखण्ड अन्तर्गत वरिष्ठ अध्यापक को छोड़कर कनिष्ठ अध्यापक को विद्यालय संचालन हेतु अधिकृत किया जाता है तो इसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व आपका स्वयं का होगा।
यह हैं प्रभार सौंपने के नियम।
- राजकीय विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के किसी भी प्रकार के अवकाश अथवा अन्य प्रयोजन हेतु विद्यालय से बाहर रहने के दौरान विद्यालय के वरिष्ठतम शिक्षक को ही प्रभार सौंपने का नियम है।
- प्रभार सौंपने के लिए वरिष्ठता का निर्धारण संबंधित पद पर कार्यभार ग्रहण करने की प्रथम तिथि से होता है।
- नियमानुसार वरिष्ठतम शिक्षक अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर कार्यभार ग्रहण करने से इनकार नहीं कर सकता। ऐसा करने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकती है।
- संस्थाध्यक्ष यदि बिना युक्तिसंगत कारणों के विद्यालय में वरिष्ठतम शिक्षकों के होते हुए भी कनिष्ठ शिक्षक को विद्यालय संचालन के लिए अधिकृत करता है तो ऐसी दशा में संस्थाध्यक्ष पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकती है।
- वरिष्ठतम शिक्षक यदि प्रभार ग्रहण न करने का मंतव्य रखते हुए इस हेतु प्रत्यावेदन सौंपता है तो ऐसी दशा में संबंधित शिक्षक भविष्य में वरिष्ठता के लिए दावा नही कर सकता। यही नहीं, ऐसे वरिष्ठतम शिक्षक को सौंपे गए प्रत्यावेदन के आधार पर भविष्य में पदोन्नति के लिए भी अयोग्य घोषित किया जा सकता है और विभागाध्यक्ष द्वारा आवश्यकतानुसार अनिवार्य सेवा निवृत्ति भी दी जा सकती है।
Conduct rules for Uttarakhand government employees: उत्तराखंड राजकीय कर्मचारियों के लिए यह है आचरण नियमावली.
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