School Education Uttarakhand: निदेशक माध्यमिक शिक्षा एमएस बिष्ट ने टिहरी में ली प्रधानाचार्यों की बैठक, बेहतर परीक्षा परिणामों पर खूब बढ़ाया मनोबल, प्रधानाचार्यों को दिए यह निर्देश,
रिपोर्ट-सुशील डोभाल- बोर्ड परीक्षाफल आने के बाद टिहरी जिले में प्रधानाचार्यों की पहली बार बैठक लेते हुए निदेशक माध्यमिक शिक्षा एमएस बिष्ट ने कहा है कि स्कूली बच्चों के प्रति संवेदनशीलता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने मेरिट सूची में स्थान बनाने वाले जनपद के परीक्षार्थियों के प्रधानाचार्य और उनकी टीम की प्रशंसा की है। इस मौके पर उन्होंने हाई स्कूल और इंटर कॉलेज संस्थाध्यक्षों का बेहतर परिणामो के लिए खूब मनोबल बढ़ाया है।
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प्राचार्य डाइट नई टिहरी ने दिए संस्थाध्यक्षों को यह निर्देश |
जनपद टिहरी गढ़वाल में संचालित समस्त राजकीय हाई स्कूल और इंटर कॉलेजों के संस्थाध्यक्षों की होटल भरतमंगलम के सभागार में बैठक संपन्न हुई। बैठक में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे माध्यमिक शिक्षा निदेशक उत्तराखंड महावीर सिंह बिष्ट ने जनपद के बोर्ड परीक्षाफल सहित, नव नामांकित छात्र संख्या, मात्राकरण, निर्माणकार्यों तथा विद्यालयो की शैक्षिक प्रगति की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने बोर्डपरीक्षा की मेरिट में स्थान बनाने वाले परीक्षार्थियों के प्रधानाचार्य और उनके विद्यालय की टीम शाहिद छात्रों और उनके अभिभावकों की भी प्रशंसा की है। उन्होंने न्यून परीक्षाफल वाले विद्यालयों के प्रधानाचार्य को सख्त चेतावनी जारी करते हुए शैक्षिक सुधारो के लिए प्रभावी कार्य योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं। निदेशक ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि राज्य गठन के समय शिक्षा पर बजट 8 अरब रुपए था जबकि वर्तमान समय में शिक्षा पर 120 अरब रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है। इसके बावजूद भी राज्य की शैक्षिक प्रगति में अपेक्षा के अनुरूप परिणाम न मिल पाना चिंताजनक है। उन्होंने कहा है कि समाज में सरकारी विद्यालयों के प्रति जो भरोसा होना चाहिए उसका अभी अभाव है।
उन्होंने कहा है कि तमाम सुविधाओं के बाद भी राज्य के केवल 36 पर प्रतिशत स्कूली बच्चे ही सरकारी विद्यालय में अध्यनरत हैं जबकि 58% बच्चे प्राइवेट सेक्टर के विद्यालयों में नामांकित हैं। अच्छी शिक्षा के लिए एक और लोग पहाड़ों से देहरादून और हरिद्वार जनपदों में पलायन कर जबकि दूसरी ओर मैदानी जनपदों के बजाय पर्वतीय जनपदों का परीक्षा परिणाम बेहतर और सराहनीय है। उन्होंने कहा है कि हर बच्चा मेरिट में टॉपर नहीं हो सकता। बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ संस्कार देना भी आवश्यक है। निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने जिले भर के संस्थाध्यक्ष के साथ संवाद कर उनका खूब मनोबल बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने संस्थाध्यक्षों को विद्यालय में शैक्षिक प्रगति के लिए अनेक निर्देश भी दिए हैं।
निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने संस्थाध्यक्षों को दिए यह निर्देश
- प्रयोगशालाओं में एसिड का रिकॉर्ड और रखरखाव व्यवस्थित किया जाए तथा ऐसे प्रयोग संबंधित शिक्षक की देखरेख में ही करवाए जाएं।
- बालिकाओं और महिलाओं के लिए समिति का गठन किया जाएं और इस समिति में बालिकाओं और महिला शिक्षक कर्मचारियों को मनोनीत किया जाय। विद्यालय स्तर पर गठित समिति की बैठकें समय-समय पर आयोजित की जाए।
- नशा मुक्ति को संस्थाध्यक्ष के साथ ही प्रत्येक शिक्षक अपना नैतिक दायित्व समझे। इसके लिए छात्र-छात्राओं और अभिभावकों की समय-समय पर काउंसलिंग की जाए।
- सेवा पुस्तिकाओं और विद्यालय के अभिलेखों का उचित रखरखाव किया जाए।
- इको क्लब के माध्यम से विद्यालयों में गौरैया संरक्षण के लिए पहल की जाए।
- वनाग्नि पर वन विभाग के साथ सामंजस्य बनाकर एनएसएस एनसीसी और स्काउट के सयंसेवकों को प्रशिक्षण दिया जाय।
- विद्यालयों के लंबित बिजली बिलों के देयता मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय को प्रेषित करें।
- बस्ता रहित दिवस पर विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
- विद्यार्थियों को समय पर निशुल्क पाठ्य पुस्तक उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें तथा पुरानी किताबों को बुक बैंक में जमा करवाए।
इस अवसर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी शिवप्रसाद सेमवाल ने बतौर निदेशक माध्यमिक शिक्षा का कार्यभार ग्रहण के बाद जनपद में पहली बार बैठक में पहुंचने पर उन्हें पुष्प गुच्छ और शॉल भेंट करते हुए जिले की शैक्षिक उपलब्धियों से अवगत करवाते हुए कहा कि इस वर्ष बोर्ड परीक्षाफल की मेरिट सूची में हाई स्कूल में 10 तथा इंटरमीडिएट में पांच परीक्षार्थियों ने स्थान बनाया है। इसके साथ ही इंस्पायर अवार्ड मानक कार्यक्रम में जनपद टिहरी गढ़वाल विगत 6 वर्षों से राज्य में पहले स्थान पर है। जनपद के बच्चे समय-समय पर राज्य और राष्ट्रीय स्तर की अनेक प्रतियोगिताओं में प्रतिभा कर रहे है। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने संस्थाध्यक्षों को समेकित शिक्षा, सीआईटीसी, इंस्पायर अवार्ड, एनएमएमएसएस, एनटीएस आदि कर्यक्रमों के प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं।
इससे पहले प्रथम संस्था की ओर से संदर्भदाता उमाशंकर और हिमांशु ने ASER (एनुअल स्टेटस एजुकेशन रिपोर्ट) में जिले में 14 से 18 आयु वर्ग के बच्चों पर किए गए अपने सर्वेक्षण के परिणाम पर प्रस्तुतिकरण दिया। बैठक में उपनिदेशक माध्यमिक सीपी रतूड़ी ने मात्रकारण और नियोजन से संबंधित जानकारियां तथा उपनिदेशक जगदीश प्रसाद काला ने वित्त से संबंधित विभिन्न जानकारियां संस्थाध्यक्षो के साथ साझा की हैं। बैठक में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान नई टिहरी की प्राचार्य डा हेमलता भट्ट ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अध्याय 7 टास्क संख्या 207 के क्रियान्वयन की प्रधानाचार्यों से अपील की है। बैठक में 285 संस्थाध्यक्षों के साथ ही खंड शिक्षा अधिकारी और समग्र शिक्षा के जिला समन्वयक भी मौजूद रहे।
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