SCERT Uttarakhand: निदेशक एकेडमिक शोध एवं प्रशिक्षण वंदना गर्ब्याल ने एससीईआरटी की छह सदस्यों की टीम के साथ किया डायट टिहरी गढ़वाल का अनुश्रवण
प्रदेश में शैक्षिक गुणवत्ता एवं अकादमिक अनुसमर्थन हेतु राज्य स्तर पर डायट के गहन अनुश्रवण कार्यक्रम के अन्तर्गत दिनाँक 29 जुलाई, 2024 से 31 जुलाई, 2024 तक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण
संस्थान टिहरी में राज्य स्तरीय टीम के द्वारा अनुश्रवण कार्य किया गया। यह अनुश्रवण कार्य राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड की छः सदस्यीय टीम के द्वारा वंदना गर्ज्याल, निदेशक अकादमिक एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड के निर्देशन में किया जा रहा है। अनुश्रवण के द्वितीय दिवस पर 30 जुलाई, 2024 को श्रीमती बन्दना गर्त्याल, निदेशक अकादमिक एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड द्वारा संस्थान में जिला अधिकारी टिहरी गढ़वाल के निर्देशन में आयोजित एक दिवसीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में भी प्रतिभाग किया। उनके द्वारा कहा गया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है।
निदेशक ने सभी प्रतिभागियों को प्राप्त जानकारी को छात्रों तक पहुंचाने के निर्देश दिये। इसके अन्तर्गत डायट्स के इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षक शिक्षा से सम्बन्धित गतिविधियाँ, मानव संसाधन तथा उसके सशक्तीकरण की स्थिति, अकादमिक कलैण्डर, समग्र शिक्षा के कार्यक्रमों की भौतिक और वित्तीय प्रगति, राज्य सैक्टर के अन्तर्गत स्वीकृत बजट तथा उसका उपयोग, सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस (विषयगत) के कार्यों की प्रगति, डी.एल.एड प्रशिक्षण एवं प्रशिक्षणार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए आयोजित गतिविधियाँ, वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2024-25 का क्रियान्वयन, शोध एवं क्रियात्मक शोध के सम्पादन एवं क्रियान्वयन, विविध प्रकार के कार्यक्रमों के अनुश्रवण की स्थिति, डायट द्वारा प्रारम्भ की गयी बेस्ट प्रक्टिस तथा नवाचार, डायट्स से सम्बन्धित अन्य समस्याओं एवं चुनौतियाँ, टैक्नो फेयर, कौशलम कार्यक्रम, कोडिंग, आर्टिफिशियल इण्टेलीजेन्स, आनन्दम कार्यक्रम, एबेकस कार्यक्रम, निपुण भारत मिशन के अन्तर्गत एफ.एल.एन., सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण, ई.सी.सी.ई., विभिन्न विषयों में डी.आर.जी. के अन्तर्गत किये गये कार्य आदि का गहन अनुश्रवण किया गया। श्रीमती हेमलता भट्ट,प्राचार्य डायट टिहरी ने डायट में चल रही विभिन्न गतिविधियों तथा नवाचारों को अनुश्रवण टीम के साथ साझा किया।
अनुश्रवण टीम के लीडर डॉ. कृष्णानन्द बिजल्वाण, सहायक निदेशक, एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड ने समस्त डायट फैकल्टी को संबोधित करते हुए डायट टिहरी के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रदेश की शैक्षिक गुणवत्ता के संवर्धन में डायट्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। डायट जिले का महत्वपूर्ण संसाधन केन्द्र होता है जो शिक्षकों को शैक्षिक नवाचारों तथा नवीन गतिविधियों में प्रशिक्षित करता है। श्री सी.पी. रतूड़ी प्राचार्य डायट रतूड़ा, रुद्रप्रयाग ने अनुश्रवण के उद्देश्यों पर चर्चा की तथा संस्थान के प्राथना सभा की प्रशंसा करते हुए इन्हें जनपद के विद्यालयों तक पहुंचानें का अनुरोध किया गया। अनुश्रवण टीम सदस्यों में डॉ. कृष्णानन्द बिजल्वाण, सहायक निदेशक, डॉ. राकेश चन्द्र गैरोला, डॉ. रंजन कुमार भट्ट तथा श्रीमती शुभ्रा सिंघल शामिल हैं। अनुश्रवण के दौरान डायट फैकल्टी के डॉ. वीर सिंह रावत, श्री दीपक रतूड़ी, श्री देवेन्द्र सिंह भण्डारी, श्री राजेन्द्र प्रसाद बडोनी, डॉ सुमन नेगी, श्री नरेश चन्द कुमांई, श्रीमती निर्मला सिंह, श्रीमती सरिता असवाल, श्री दिनेश चन्द रमोला, श्रीमती सीमा शर्मा, श्री आनन्द सिंह नेगी सहित समस्त संकाय सदस्यों ने सुझाव रखे।
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