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Nikay Chunav: निकाय चुनाव के दिन 23 जनवरी को अब पूरे प्रदेश में रहेगा अवकाश, पहले केवल निकाय क्षेत्रों के लिए थी यह व्यवस्था

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उत्तराखंड में निकाय चुनाव के चलते अब 23 जनवरी को पूरे प्रदेश में सभी सरकारी, निजी प्रतिष्ठानों में अवकाश रहेगा। सचिव विनोद कुमार सुमन ने मंगलवार को इस संबंध में संशोधित आदेश जारी कर दिया। पूर्व में जो आदेश जारी किया गया था, उसमें केवल निकाय क्षेत्रों में ही अवकाश की व्यवस्था की गई थी। मंगलवार को जारी आदेश के मुताबिक, अब 23 जनवरी को पूरे प्रदेश में सभी राजकीय कार्यालय, शिक्षण संस्थान, अर्द्ध शासकीय संस्थान, निगम, परिषद, वाणिज्यिक, निजी प्रतिष्ठानों में कार्मिकों, कारीगरों, मजदूरों को मताधिकार के लिए सवेतन अवकाश दिया जाएगा। इस दिन राज्य के सभी बैंक, कोषागार व उप कोषागार भी बंद रहेंगे। उधर, सचिव श्रम डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने भी अवकाश की अधिसूचना जारी कर दी है। कारखानों में मतदान की तिथि के दिन अगर अवकाश नहीं है तो सवेतन अवकाश रहेगा। अविरल प्रक्रिया वाले कारखानों में कारखाना प्रबंधकों की जिम्मेदारी होगी कि वे अपने कर्मचारियों को मतदान का समुचित अवसर उपलब्ध कराए।

राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड का संक्षिप्त इतिहास

Report by- Sushil 

राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड का संक्षिप्त इतिहास

     राजकीय शिक्षक संघ का इतिहास प्रारंभ हुआ, अंग्रेजी शासन काल  शासनादेश संख्या 2299 ,दिनांक 5 अक्टूबर 1922 से प्रारंभ हुआ, जो उत्तराखंड राज्य के बनने तक रहा। उत्तराखंड में राजकीय शिक्षक संघ का प्रथम अधिवेशन 16,17 एवं 18 फरवरी 2001 को राजकीय इंटर कॉलेज गरुड़ बागेश्वर में तत्कालीन शिक्षा मंत्री श्री तीरथ सिंह रावत मुख्य आथित्य में संपन्न हुआ था, जिसमें श्री जयवीर सिंह रावत प्रदेश अध्यक्ष श्री नंदन सिंह नयाल प्रदेश महामंत्री निर्वाचित हुए थे, संरक्षक श्री चंद्र मोहन पांडे, द्वितीय अधिवेशन 21 व 22 दिसंबर 2004 को नगर निगम सभागार देहरादून में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी जी के मुख्य  आथित्य में संपन्न हुआ,जिसमें श्री रघुवीर सिंह शाह प्रदेश अध्यक्ष तथा श्री नंदन सिंह नयाल प्रदेश महामंत्री निर्वाचित हुए संरक्षक श्री जयवीर सिंह रावत जी निर्वाचित हुए थे, इसी वक्त राजकीय शिक्षक संघ की उत्तर प्रदेश की मान्यता उत्तराखंड शासन ने समाप्त कर दी फिर प्रदेश महामंत्री श्री , नंदन सिंह नयाल जी  के द्वारा उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल में याचिका दायर की गई जिस पर श्री सरदार सिंह चौहान ने रिट खारिज करने की पूरी कोशिश की गई तत्पश्चात शिक्षा निदेशक श्री महेश चंद्र पंत द्वारा राजकीय शिक्षकों की रायशूमारी करवाने के आदेश जारी किए गए, जिसमें श्री नंदन सिंह दयाल , श्री करनैल सिंह व श्रीमती किमोठी तीनों पर रायशूमारी होना निश्चित करवाया था, जिसमें तत्कालीन महामंत्री श्री नंदन सिंह नयाल जी के पक्ष में जिलेवार रायशूमारी निम्न प्रकार प्राप्त होकर 50% से अधिक, पाई गई थी। रुद्रप्रयाग- 384 चमोली- 566 पौड़ी- 1109 टेहरी- 783 उत्तरकाशी- 137 हरिद्वार- 26 देहरादून- 363 उधम सिंह नगर- 288 नैनीताल -891 अल्मोड़ा- 871 बागेश्वर- 301 पिथौरागढ़- 921 चंपावत -167 कुल 6796,तत्पश्चात तत्कालीन महामंत्री श्री नंदन सिंह नयाल के पक्ष में उत्तराखंड शासन ने प्रथम मान्यता संख्या 837,दिनांक 27 नवंबर 2008 अस्तित्व में आया, इसके पश्चात उत्तराखंड में राजकीय शिक्षक संघ का प्रथम अधिवेशन राजकीय इंटर कॉलेज अल्मोड़ा में तत्कालीन शिक्षा मंत्री श्री गोविंद सिंह बिष्ट जी के मुख्य अतिथि में संपन्न हुआ जिसमें श्री भीम सिंह प्रदेश अध्यक्ष व श्री लक्ष्मण सिंह बिष्ट महामंत्री निर्वाचित हुए श्री नंदन सिंह नयाल संरक्षक, तत्पश्चात राजकीय शिक्षक संघ का द्वितीय अधिवेशन सिटी पैलेस कोटद्वार 28 29व 30 अगस्त 2012 को संपन्न हुआ जिसमें श्री करनैल सिंह प्रदेश अध्यक्ष व श्री सरदार सिंह चौहान महामंत्री निर्वाचित हुए, तत्पश्चात तृतीय अधिवेशन रुद्रपुर में संपन्न हुआ जिसमें श्री राम सिंह चौहान प्रदेश अध्यक्ष श्री सोहन सिंह मांजिला महामंत्री निर्वाचन हुए, चतुर्थ अधिवेशन देहरादून में संपन्न हुआ जिसमें श्री कमल किशोर डिमरी प्रदेश अध्यक्ष व श्री सोहन सिंह मांजिला महामंत्री निर्वाचित हुए पंचम अधिवेशन अल्मोड़ा में संपन्न हुआ इसमें श्री राम सिंह चौहान प्रदेश अध्यक्ष एवं श्री रमेश चंद्र पैनूली निर्वाचित हुए जो वर्तमान समय तक चल रहा है।

 

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