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राजकीय जूनियर हाई स्कूल, पिपोला( उठड़)का शैक्षिक भ्रमण: टिहरी डैम पावर हाउस, म्यूजियम एवं टिहरी झील

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दिनांक 8 मार्च 2025 को राजकीय जूनियर हाई स्कूल, पिपोला (उठड़) के प्रधानाध्यापक पुष्पा बहुगुणा के द्वारा छात्र-छात्राओं के लिए एक शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को जलविद्युत उत्पादन, पर्यावरण संरक्षण एवं प्राकृतिक संसाधनों की महत्ता से अवगत कराना था। इस भ्रमण में विद्यालय से  पुष्पा बहुगुणाप् प्र०अ०, हेमलता मखालोगा स०अ०,अरविंद कुमार शाह ,स०अ० एवं भूत पूर्व प्र०अ० श्री चंद्रमणि उनियाल, भोजन माता लक्ष्मी देवी सामाजिक कार्यकर्ता आसाराम भट्ट एवं मंजू भट्ट का भी सम्मिलित थे। भ्रमण के मुख्य आकर्षण: 1. टिहरी डैम पावर हाउस एवं म्यूजियम: विद्यार्थियों ने टिहरी डैम के पावर हाउस का दौरा किया, जहाँ उन्होंने जलविद्युत उत्पादन की प्रक्रिया को प्रत्यक्ष रूप से देखा और समझा। म्यूजियम में टिहरी डैम के निर्माण, उसकी तकनीकी विशेषताओं एवं पर्यावरणीय प्रभावों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। यह अनुभव छात्रों के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ज्ञानवर्धक सिद्ध हुआ। 2. टिहरी झील में नौकायन (बोटिंग): छात्रों ने टिहरी झील की सुंदरता का आनंद लेते हुए नौकायन क...

SCERT Uttarakhand: एससीईआईटी उत्तराखंड की पहल पर धारचूला में शुरू हुई रं भाषा शब्दकोश की तीन दिवसीय कार्यशाला, दारमा, व्यास और चौदांस घाटी में रहने वाले रं समुदाय से जुड़ी लोकभाषा के संरक्षण और संवर्धन के होंगे प्रयास

Report by- Sushil Dobhal
पी.एम.श्री  राजकीय बालिका इंटर कॉलेज धारचूला 
पिथौरागढ़ जनपद में पी.एम.श्री दानवीरा जसुली बुढ़ी दताल सौक्यानी राजकीय बालिका इंटर कॉलेज धारचूला में  राष्ट्रीय शिक्षा नीति NEP 2020 के अंतर्गत लोकभाषा रं के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु विकसित सहायक पुस्तकों के परिमार्जन के साथ साथ शब्द कोश निर्माण के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई है । कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए संयुक्त निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. प्रदीप रावत ने कहा है कि उत्तराखंड की संस्कृति बोली भाषाएं अनूठी हैं। उन्होंने सीमांत क्षेत्र की रं भाषा के संरक्षण और सवर्धन पर जोर दिया है।
   10 नवंबर से 12 नवंबर 2024 तक चलने वाली तीन दिवसीय कार्यशाला में एस सी ई आर टी द्वारा कक्षा 1 से 5 के लिए विकसित सहायक पुस्तकों का परिमार्जन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त राज्य में बोली जाने वाली लोक भाषाओं के शब्द कोश का भी निर्माण एस सी ई आर टी उत्तराखंड द्वारा गतिमान है। कार्यशाला में रं भाषा के शब्दों को भी अंतिम रूप प्रदान किया जाएगा। कार्यशाला में एस सी ई आर टी उत्तराखंड देहरादून से  संयुक्त निदेशक प्रदीप रावत के साथ साथ पाठ्यक्रम विभाग से सोहन सिंह नेगी, डॉ शक्ति प्रसाद सेमल्टी तथा एन ई पी प्रकोष्ठ से रविदर्शन तोपाल, मनोज किशोर बहुगुणा तथा सचिन नौटियाल कार्यशाला का समन्वयन कर रहे हैं।  इस अवसर पर रं संग्रहालय के कृष्ण सिंह गर्ब्याल भी उपस्थित रहे। कार्यशाला में धारचूला की तीनों घाटियों व्यास, दारमा तथा चौदास से शिक्षक शिक्षिकाएं प्रतिभाग कर रही हैं। कार्यशाला में ब्लॉक समन्वयक जगदीश चंद, आभा फ़कलियाल, रजनी नपलच्याल, गिरधर सिंह रौतेला, संजय नगन्याल, नारायणी एतवाल, हिरंदा कुटियाल, पूनम ग्वाल, त्रिभुवन गर्ब्याल, हेमवती गर्खाल, रेणुका फ़िरमाल, राजेश्वरी सोनाल तथा जस्ता तितियाल सहित कुल तीस शिक्षक शक्षिकाएं प्रतिभाग कर रहे हैं।
कौन है रं समुदाय के लोग
     पिथौरागढ़ जिले के दारमा, व्यास और चौदांस घाटी में रहने वाले रं समुदाय के लोग रामायण और महाभारत काल से ही अपनी विशेष भाषा को बचाये हुए हैं. इस भाषा को स्थानीय लोग रंल्वो भी कहते हैं. बहरहाल, इस प्राचीन भाषा की कोई लिपि नहीं है. यह सिर्फ बोल-चाल के जरिए ही चलन में है। रं समुदाय के लोग इस प्राचीन लोकभाषा को सोशल मीडिया के जरिये देवनागरी लिपि में संरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं. जिसके चलते ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप में भी लोग रंल्वो भाषा से रुबरु हो सकेंगे. वहीं, रं समुदाय के लोग लंबे समय से सोशल मडिया के जरिये युवा पीढ़ी को अपनी प्राचीन भाषा से जोड़ रहे हैं. इन ग्रुपों के माध्यम से रं जाति छंदों, गीतों और कहानियों का प्रचार-प्रसार कर रही है.
 वहीं, रंल्वो भाषा की अपनी कोई लिपि ना होने के चलते इसके प्रयोग को लेकर दो मत सामने आ रहे हैं. जिसके चलते रं समुदाय के बुजुर्ग इसे देवनागरी लिपि में तैयार करने पर जोर दे रहे हैं. ऐसे में इस समुदाव से जुड़े युवा इसे रोमन लिपि में संरक्षित करने की मांग कर रहे हैं. वहीं, अब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मन की बात कार्यक्रम में रं समुदाय की भाषा रंल्वो के बारे में चर्चा करने से समुदाय के लोग काफी खुश है और उन्हें इस भाषा के संरक्षण की एक नई उम्मीद दिखाई दे रही है.

अधिक जानकारी के लिए यहां टच करें।

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