नई टिहरी निवासी 92 वर्षीय शिव प्रसाद डोभाल हुए पंचतत्व में विलीन- शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता और कुशल व्यवसाई के रूप में 'मास्टर जी' छोड़ गए अपनी अनूठी छाप
Report by- Sudhanshu Dobhal
नई टिहरी नगर निवासी 92 वर्षीय वयोवृद्ध और सेवानिवृत्ति प्रधानाध्यापक शिवप्रसाद डोभाल का निधन हो गया है। वह पिछले लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। गत सोमवार को ऋषिकेश स्थित पूर्णानंद घाट पर उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया।
2 मार्च 1932 को टिहरी गढ़वाल जनपद के ग्राम कुलणा में जन्मे शिव प्रसाद डोभाल ने करीब 35 वर्षों तक विभिन्न राजकीय विद्यालयों में गणित शिक्षक और प्रधानाध्यापक के रूप में अपनी सेवाएं दी। वर्ष 1992 में वह राजकीय आदर्श विद्यालय कुलाल्डा से प्रधानाध्यापक के पद से सेवानिवृत हुए। अपने छात्र-छात्राओं और परिचितों के बीच वह 'मास्टर जी' के नाम से जाने जाते रहे है। शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने नई टिहरी नगर में एक प्रतिष्ठित व्यवसायी के रूप में अपनी पहचान दर्ज करवाई। यहां उनके द्वारा व्यापारिक प्रतिष्ठान के साथ ही होटल नागराज का भी लंबे समय तक संचालन किया गया।
एक कुशल शिक्षक और प्रधानाध्यापक होने के साथ ही मास्टर जी एक कुशल वक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी हमेशा याद रहेंगे। टिहरी बांध विस्थापन को लेकर भी वह हमेशा सक्रिय भूमिका में रहे और इस दौरान उन्होंने बांध विस्थापितों के पक्ष में अनेक उपयोगी कार्य संपन्न करवाए।
पिछले कुछ समय से मास्टर जी अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी बीमारियों से जूझ रहे थे। सोमवार प्रातः 8:40 बजे उन्होंने अपने नई टिहरी स्थित घर में अंतिम सांस ली। दोपहर बाद ऋषिकेश स्थित पूर्णानंद घाट पर उनके पुत्र सुशील डोभाल और बुद्धि प्रकाश डोभाल ने उन्हे मुखाग्नि दी। मास्टरजी की अंतिम यात्रा में उनके परिजन, रिश्तेदार और परिचितों सहित अनेक पूर्व छात्र और शहर के व्यापारी और अथूरवाला स्थित उनके गांव कुलणा से बड़ी संख्या में लोग भी मौजूद रहे। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय, कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश राणा, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश नौटियाल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सेवानिवृत्ति महावीर सिंह बिष्ट, अपर निदेशक एनसीईआरटी कुलदीप गैरोला, मुख्य शिक्षा अधिकारी टिहरी शिवप्रसाद सेमवाल सहित बड़ी संख्या में लोगों ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
स्व. डोभाल गुरुजी एक आदर्श शिक्षक थे। उनके निधन से मन बहुत दुःखी है। परमात्मा पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें। ॐ शान्ति।
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